Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ज्ञानेन्द्रिय Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ज्ञानेन्द्रिय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज्ञानेन्द्रिय.

    LatestPopularVideo

Anil Ray

राम का वास :- संस्कृत में 'रा' का अर्थ है "जो प्रकाशमान है" वह है राम। सत्ता के कण-कण में जो प्रकाशमान है वह राम है। राम दशरथ और कौशल्या के #कविता #Ramnavami

read more
सीताहरण को तत्पर है जो रावण
उन दुष्टों का अविलंब से वध हो।
लक्ष्मण सा भ्रातृत्व प्रकाशित रहे
घर-परिवार नही कोई कलह हो।
हर बच्चे पर आशीष, ममता का
न कोई बच्चा जग में अनाथ हो।
पति-पत्नि रहे साथी बनकर सदा
न ही सीता की अग्निपरीक्षा हो।
रहे चाहे अकेले इस संसार मे हम
परन्तु विभीषण सा भाई नही हो।
आंगन खुशियों के दीप जगमगाते
मुबारक यें आपको पवित्र पर्व हो।
🙏🏻🪔 जय श्रीराम 🪔🙏🏻

©Anil Ray राम का वास :- संस्कृत में 'रा' का अर्थ है "जो प्रकाशमान है" वह है राम। सत्ता के कण-कण में जो प्रकाशमान है वह राम है। राम दशरथ और कौशल्या के

Divyanshu Pathak

Good evening ji 💕🍧🍨☕☕☕☕😊😊💕💕🍉🍉🍉😋🍫🙏 एक, क्योंकि हमारे पास ज्ञानेन्द्रियां हैं। दो, हमारा मन त्रिगुणी है। तीन, हमारा अध्यात्मशरीर मन, बुद्धि और

read more
आज पूरे विश्व में
चिन्तन का ही बोलबाला है।
मस्तिष्क में भी विचारों का
अथाह समुद्र दिखाई पड़ता है।
जो कुछ हम इन्द्रियों से देख रहे हैं,
अनुभव कर रहे हैं
शब्द, रूप, रस, गंध और स्पर्श,
वह सब हमारे मन तक पहुंच कर
चिन्तन को बढ़ाता रहता है।
बुद्धि इस आग में अपनी आहुति देती रहती है।
आवश्यक और अनावश्यक दोनों ही
प्रकार के चिन्तन से आज व्यक्ति
व्यस्त दिखाई पड़ता है।
बोझिल जान पड़ता है।
पर, चिन्तन छूट भी कैसे सकता है? Good evening ji
💕🍧🍨☕☕☕☕😊😊💕💕🍉🍉🍉😋🍫🙏
एक, क्योंकि हमारे पास ज्ञानेन्द्रियां हैं।
दो, हमारा मन त्रिगुणी है।
तीन, हमारा अध्यात्मशरीर मन,
बुद्धि और

Vikas Sharma Shivaaya'

हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका #समाज

read more
हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। सभी देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। वे रक्त चन्दन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।

ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 301 से 311 नाम 
301 युगावर्तः सतयुग आदि युगों का आवर्तन करने वाले हैं
302 नैकमायः अनेकों मायाओं को धारण करने वाले हैं
303 महाशनः कल्पांत में संसार रुपी अशन (भोजन) को ग्रसने वाले
304 अदृश्यः समस्त ज्ञानेन्द्रियों के अविषय हैं
305 व्यक्तरूपः स्थूल रूप से जिनका स्वरुप व्यक्त है
306 सहस्रजित् युद्ध में सहस्रों देवशत्रुओं को जीतने वाले
307 अनन्तजित् अचिन्त्य शक्ति से समस्त भूतों को जीतने वाले
308 इष्टः यज्ञ द्वारा पूजे जाने वाले
309 विशिष्टः अन्तर्यामी
310 शिष्टेष्टः विद्वानों के ईष्ट
311 शिखण्डी शिखण्ड (मयूरपिच्छ) जिनका शिरोभूषण है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका

Divyanshu Pathak

😊💕🍫🍨💕👨☕☕☕☕☕☕🍧🍧🍰🍰🍨🍫😊😋🍦💕🍫🍨 Good morning जी :☺☺☺☺😊💐 मन की चंचलता ही हमारी अधिकांश अनावश्यक क्रियाओं को जन्म देती है। अनावश्यक बोलना उनमें से एक

read more
जीवन केवल भौतिक सम्पदा ही नहीं है
इसमें आधिदैविक आधिभौतिक
आध्यात्मिकता का सम्मिश्रण रहता है।
जब तक हम इन तीनों को नहीं समझेंगे
इसके स्वरूप और प्रभावों को नहीं समझेंगे
स्थिरता का अभ्यास नहीं कर पाएंगे।
इसके लिए शरीर को समझना
मन को समझना।आत्मा को समझना
इनके कार्यो और प्रभावशीलता को
समझना आवश्यक है। 😊💕🍫🍨💕👨☕☕☕☕☕☕🍧🍧🍰🍰🍨🍫😊😋🍦💕🍫🍨
Good morning जी
:☺☺☺☺😊💐
मन की चंचलता ही हमारी अधिकांश अनावश्यक क्रियाओं को जन्म देती है। अनावश्यक बोलना उनमें से एक

अद्वैतवेदान्तसमीक्षा

(गीता 18/17) यस्य नाहंकृतो भावो बुद्धिर्यस्य न लिप्यते। हत्वापि स इमाँल्लोकान्‌ न हन्ति न निबध्यते॥ जिस व्यक्ति के मन में "मैं कर्ता हूँ" ऐ

read more
 (गीता 18/17)
यस्य नाहंकृतो भावो बुद्धिर्यस्य न लिप्यते।
हत्वापि स इमाँल्लोकान्‌ न हन्ति न निबध्यते॥

जिस व्यक्ति के मन में "मैं कर्ता हूँ" ऐ

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज -13 अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करत #प्रेरक

read more
पेज -13
अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करते एक सज्जन पर पड़ी.. अब विशाल जी तो अधिकवक्ता थे..चलते फिरते अपने आगे जॉगिंग करने वाले सज्जन से कहा-राधे राधे श्रीमान.. ये सुनते ही उन महाशय ने तत्काल जबाब दिया राधे राधे विशाल जी.. ये सुनते ही वकील साहब के ज्ञानेन्द्रियाँ सक्रिय हो उठी फौरन पलटवार हुआ-अरे वाह श्रीमान जी आपको हमारा नाम कैसे पता..!
 
सज्जन ने कहा- बस, ये सब नोजोटो का कमाल है.. !
विशाल जी ने आश्चर्य से पूछ लिया -ओह्हो मतलब आप भी नोजोटो में ....??  अभी वाक्य पूरा भी नहीं हो पाया था कि सज्जन ने हाजिर जबाब पेश किया- "जी विशाल साहब थोड़ा बहुत कभी कभार बस शौक़ से यूँ ही जब मन किया तो बाकी हम कहां मगर दिल है कि मानता नहीं तो बस... 
विशाल साहब के दिमाग में विस्फोट से होने लगे.. बाबा रे ये कौन धुरंधर हैं..!
इतने में ही नौसाद साहब ने टोंक दिया- बज गई घंटी.. मना करता हूं... कहीं भी स्टेशन मत फसाया करो.. !
विशाल जी-अमा मियां यार जॉनी.. जस्ट चिल्ल्ल..!
नौसाद जी-घुइयां चिल...उन्होंने क्या कहा समझ आया.. !
विशाल जी-तो इसमें क्या है उन्हीं से समझ लेते हैं..!
ऐं श्रीमान जी आप यहीं कहीं रहते हैं..! सज्जन ने तत्काल जबाब दिया बस आपसे अधिक दूर नहीं हैं..!
नौसाद साहब-तुम्हारी सारी वकालत यहीं खत्म ना हो जाये बचाये रखो.. जॉन..!
विशाल जी- कैसे जॉनी हो यार तुम मामला गड़बड़ है..!
नौसाद जी-गड़बड़ नहीं बड़बड़ है... तुम्हारी.. चलो आगे उनसे..! वरना यहीं सुबह से शाम की वॉक करनी पड़ेगी.. 
विशाल जी-श्रीमान ये मेरे प्रिय मित्र नौसाद साहब हैं मैं इन्हें प्यार से जॉनी और ये मुझे प्यार से जॉन बुलाते हैं.. 
सज्जन ने कहा-बहुत अच्छी बात है अब कल मिलते हैं सामने मेरा घर आने वाला है..!
नौसाद जी-एक और गुगली...!
विशाल जी-ऐं.. जी आपका घर..! यहाँ..!
सज्जन ने कहा-जी मैं  यहीं शिफ्ट हुआ हूं.. तकरीबन एक सप्ताह पहले.. !
विशाल जी-मगर यहाँ तो हम लोग रह.. मेरा मतलब हमारा घररररर.. क्या आप भी रत्नाकर.. !
सज्जन-जी हाँ विशाल जी..!
विशाल जी- ओह्हो हो हो... क्या हम आपका शुभ नाम..
सज्जन-जी मेरा नाम यशपाल सिंह है नोजोटो में आप मुझे पढ़ सकते हैं...!
विशाल जी-अच्छा... अच्छा.. वाह वाह... आपका नाम तो सुन रख्खा है.. आपकी पोस्ट भी देखी पढ़ी हैं... पर आप इस तरह यहाँ दर्शन देंगे. 🤔...
यशपाल जी-  जी चलिए घर में एक एक कप चाय हो जाये..!
नौसादजी - चाय... थैंक गॉड... शुभस्य शीघ्रं..!
विशालजी-वाह बच्चू.. चाय में यार की चाह भूल गये..!
नौसाद जी-अरे अब आओ भी मुझसे ज्यादा तलब तो तुम्हें लगी थी.. दो तीन चाय ठेले जॉगिंग के समय जो निकले फलाँग तक तो उन्हें ही पलट कर देखते रहे.!
विशाल जी-अब तुम ना जानोगे तो कौन जानेगा भई जॉनी..!
[और तीनों चाय का लुफ़्त उठाते हैं कुछ देर बाद जॉन जॉनी अपने घर को चले जाते हैं..!]
पेज-14

©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी 
पेज -13
अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करत

Parul Sharma

चला गया है परदेश हमारा लाल पूँछ लेता है फोन पर कभी कभी हमारा हाल चाल बेटा--- बहुत बिजी हूँ माँ टाइम नहीं मिलता  कब आऊँगा वहाँ मुझे भी नहीं #Poetry #Life #Love #Motivation #Hindi #दिल #Dil #Pyar #जीवन #शेर #kavishala #ishq #प्यार #Shayari #मोहब्बत #nojotoofficial #इश्क #कविता #nojotohindi #hindipoetry #शायरी #sher #nojotoquotes #हिन्दीकविता #kalakash #TST #रचना #Faiziqbalsay

read more
परदेश गया  लाल चला गया है परदेश हमारा लाल
पूँछ लेता है फोन पर कभी कभी हमारा हाल चाल

बेटा--- बहुत बिजी हूँ माँ टाइम नहीं मिलता 
कब आऊँगा वहाँ मुझे भी नहीं

Divyanshu Pathak

अधिकतर इस बिखराब में खो जाते है। कई विरले स्वयं को बना भी पाते है। : सुप्रभातम साथियो उम्मीद करता हूँ कि सब सकुशल होंगे। : "सत्य" का कोई पर् #पाठकपुराण #येरंगचाहतोंके #1_मई_तक_लॉकडाउन_के_साथ_राजस्थान_सतर्क_है

read more
आपके अपने विचार ,
मेरा अपना मत है।
ये कतई ज़रूरी नही कि,
मेरे मत से आप,
आपके विचारों से मैं,
सहमत हो जाऊं।
विचारों में टकराव होता है।
स्वभाव बदलते है।
आदत भी बनती और बिगड़ती है। अधिकतर इस बिखराब में खो जाते है।
कई विरले स्वयं को बना भी पाते है।
:
सुप्रभातम साथियो उम्मीद करता हूँ कि सब सकुशल होंगे।
:
"सत्य" का कोई पर्
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile