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Sangeeta Kalbhor
White नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन में मगर पड़ गया हूँ कहाँ जाऊँ कैसे जाऊँ सोचविचारों में अड़ गया हूँ आओ , आओ मुझे बताने और आओ मुझे समझाने नही नही मैं नही चाहता टूटकर यूं बिखर जाने..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Night नही चाहता.. सुनते क्यूँ नही अब तुम पुकार कब से लगा रहा हूँ थककर बैठा हूँ देखो मैं कब से खुदको जगा रहा हूँ हारुँगा नही मैं कभी उलझन
PФФJД ЦDΞSHI
White किसी चीज की गारंटी नहीं आज कल ना ज़िन्दगी की ना किसी जीवित चीज की, दुनियां की अंधी दौड़ मे सभी भाग रहे हैं क्या जाने क्या पाने किस चीज की तलाश, खुद के नश्वर शरीर की चिन्ता करो.. पाने की ही ना सोचो देने की भी सोचो... जितना समय बचा हैं..... सुन्दर समय बिताने की सोचो.... ©PФФJД ЦDΞSHI #शरीर #चाहता #pujaudeshi
Shivkumar
White शाम होते होते ही मुझे इस पूरे दिन से नफ़रत सी होने लगती है मैं बुहार कर फेंक देना चाहता हूँ ये दिन को इससे पहले कि रात हो और वो और ज़्यादा बोझिल हो , अवसाद से भरी होती जाए जैसे कोई चादर सा झटकता हो उसी तरह ये दिन को भी झटक कर वो नयी सुबह को ले आना चाहता हूँ डूबते सूरज के साथ साथ ही मैं भी न जाने क्यू डूबने लगता हूँ ©Shivkumar #SunSet #सूर्यास्त #sunsetnature #nojotohindi #Nojoto #शाम होते होते ही मुझे इस पूरे दिन से #नफ़रत सी होने लगती है मैं बुहार कर फे
Ashish Singh
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
कुछ लम्हें सुकून के जीना चाहता हूँ, मैं अकेले बैठ कर चाय पीना चाहता हूँ। ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #teatime कुछ लम्हें सुकून के जीना चाहता हूँ, मैं अकेले बैठ कर चाय पीना चाहता हूँ।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
Vijay Kumar
White दिल की हर धड़कने बढ़ जाती है तुम्हारे आने की आहट पे, कैसे नाज न करें हम फिर अपनी इस चाहत पे। ©Vijay Kumar #चाहता #Nojoto2liner #nojotoquetes #NojotoFamily #hindicommunity #hindiwriters #hindilovers