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‌Abdhesh prajapati

जिंदगी कहीं

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Unsplash एक लड़के की जिंदगी


घर कही, नौकरी कही,
अपने कही, सपना कही...?

©‌Abdhesh prajapati जिंदगी कहीं

Sarfraj Alam Shayri

#Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!

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White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है...

लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!

©Sarfraj Alam Shayri #Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है...

लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!

theABHAYSINGH_BIPIN

#walkingalone राहों की खोज चलते रहिए आगे, बढ़ते रहिए आगे, कहीं तो मक़ान होगा, कहीं तो मंज़िल होगी।

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राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

मिलते रहिए अपनों से,
मिलते रहिए गैरों से,
कहीं तो एहसास होगा,
कहीं तो पहचान होगी।

हाथ बढ़ाते रहिए,
हिम्मत बढ़ाते रहिए,
कहीं तो पुकार होगी,
कहीं तो सांस होगी।

लड़ते रहिए अंधेरों से,
लड़ते रहिए धुंध-कोहरे से,
कहीं तो आसमान होगा,
कहीं तो रोशनी होगी।

सदैव बढ़ते रहिए,
चौकस रहिए हर वक्त,
कहीं तो लकीर होगी,
कहीं तो नज़र होगी।

डरना क्यों है दोपहरी से,
उत्साह भरते रहिए,
कहीं तो धूप होगी,
कहीं तो छांव होगी।

अग्रसर रहिए जलधारा में,
थमने न पाए विजयी रथ,
कहीं तो मिट्टी होगी,
कहीं तो पत्थर होगी।

साधते रहिए हिम्मत,
सौर्य के गीत भी गाते रहिए,
कहीं तो सफ़लता होगी,
कहीं तो विजयी होगी।

©theABHAYSINGH_BIPIN #walkingalone 

राहों की खोज

चलते रहिए आगे,
बढ़ते रहिए आगे,
कहीं तो मक़ान होगा,
कहीं तो मंज़िल होगी।

Parasram Arora

घर और रास्ता vs अतित और भविष्य

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White मै जिस घर मे रहता हूं
अक्सर यही कहता हैँ 

मुझे कभी मत कजोड़ना क्योंकि 
मै तुम्हारा अतित हूँ जो तुमने मुझमे रह कर गुज़ारा हैँ 

और जिन रास्तो पर  मै चलता आया हूँ 
अक्सर वो हर दिन कहते हैँ मुझे 
कि मेरा अनुसारन्न करते रहो क्योंकि 
मै ही तुम्हारा भविष्य हूँ

©Parasram Arora घर और रास्ता 
vs अतित और भविष्य

theABHAYSINGH_BIPIN

#सफ़र मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा, तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा। इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता, होश में हूँ जो, अपने घर तक त

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मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा,
तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा।
इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता,
होश में हूँ जो, अपने घर तक तो पहुँचा।

कहाँ आती अब मुझे वो पहले की नींद,
यादों में खोकर, मैं तुझ तक तो पहुँचा।
सवरने के दिन थे और मैं इश्क़ में डूबा,
साहिल की तलाश में, बीच नदी तो पहुँचा।

मुकम्मल इश्क़ की गुज़ारिश थी मुझे,
इश्क़ में, उसके घर तक तो पहुँचा।
तलाश थी मुझे उसके दिल के रास्ते की,
मय कसी में ख़ुद की नीलामी में तो पहुँचा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #सफ़र 
मय कसी में डूबकर मैं कहीं तो पहुँचा,
तुझ तक ना सही, कहीं और तो पहुँचा।
इश्क़ में डूबने पर होश किसको रहता,
होश में हूँ जो, अपने घर तक त

Ghumnam Gautam

White कहाँ हम कुछ कहीं भी बो रहे हैं
झुकी है पीठ ख़ुद को ढो रहे हैं

बहुत खुश हैं वो जिनका दिल है टूटा
जिन्हें दिलवर मिला वो रो रहे हैं

©Ghumnam Gautam #love_shayari 
#दिलवर
#कहीं 
#पीठ 
#ghumnamgautam

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क

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ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के,
और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द।

ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे,
कुछ नहीं बचता कोई अंज़ाम हो जाने के बा'द।

रूह में जलती रहीं यादों की परछाइयाँ,
और ख़ाली हो गया पैग़ाम हो जाने के बा'द।

एक मंज़र है अधूरे चाँद सा दिल में कहीं,
और गहरा हो गया अंधेरा तमाम हो जाने के बा'द।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के,
और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द।

ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे,
क

Parasram Arora

आदम और ईव

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Unsplash वो दिन याद करो 
ज़ब ये आदमी पहले  "आदम "  था 
और स्त्री "ईव " थीं 

तब न आखर था न शब्द न लिपि 
न कोई आपस मे संवाद था 
तब केवल ध्वनि थीं तरंग थीं लय थीं
इसके बाद वो ध्वनि  कब  संगीत बनी कब सरगम मे तब्दील हुई कोई नहीं जानता
लेकिन वो "आदम " तब तक आदमी और  वो ईव स्त्री मे  रूपांतरित 
 हो  गए थे

©Parasram Arora  आदम और ईव

Revashankar Nathani

न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम

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White बिकती है ना कहीं खुशी ना कहीं गम बिकता है
लोग गलत फेमी में है कि शायद कहीं महरम बिकता है
इन्सान उम्मीदों से बंधा हुआ एक जिदी परिंदा है
वो उम्मीदों से ही धायल है और उम्मीदों  पर ही जिंदा है

©Revashankar Nathani न कहीं की खुशी बिकती है ना कही गम

Honey

कोई नगमा कहीं कोई

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