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Parasram Arora
मैं जानता हूँ मेरा जीवन तो बंधक बन चुका है इन आती जाती साँसों का....... और मैं यह भी जान गया हूँ कि ये जीवन. एक अतिथि बन कर जीता रहा इस उपग्रह पर और ये बात अलग है कि नहीं रहा मेरा रिश्ता या संबंध किसीसे और न ही किसी ने मुझे अपना समझा था इसिलए मेरा ह्रदय एक मरुस्थल बन कर रह गया जो आंसुओ की बूंदो क़ो पीकर अपने जीवन क़ो जीवंत रख सका अब तक अब तुम ही बताओ. कैसे लहल्हाएगी खुशियों की फसल इस अतृप्त ह्रदय की मरुभूमि के धरातल पऱ ©Parasram Arora बंधक
Arora PR
मुझमे वो पहले जैसी खुदा क़ो ढूंढ़ने वाली ख्वाहिश अब नहीं बची क्योंकि अब मै जान चुका हुँ कि मेरा रब तो मेरे अदर ही बंधक बना हुआ है वो भी तब से जबसे उसने मुझे इस धरती पर भेजा है ©Arora PR बंधक
Garima Mahnot Jain
तेरे प्यार की कसक ही है ये जो तेरी यादें आज भी पुरानी किताबों की बंधक हैं। कसक किताब बंधक #शब्दअंताक्षरी #366dayschallengesp day 129
Suraj Kumar Shaw
"दर्द-ए-ज़िन्दगी को...मैं अपने कलमो में पिरो देता हूँ, तीर समान लफ्ज़ो को, दिल के किसी कोने में सरो देता हूँ, और कायम रहे कुछ रिश्ते... यही सोच कई दफा मैं तकब्बुर की आग में, खुद को गिरों देता हूँ।" ~suraj kumar shaw @safarnaamaasawaaloka🦋 @skshaw2309🌻 ©Suraj Kumar Shaw गिरों :- बंधक, गिरवी। सरो :- एक सीधा पेड़ जो बगीचों में शोभा के लिये लगाया जाता है #Nature
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat लकीरें बता देती है दिल ज़िद्दी परिदा किस डाली पा मोहताज़ हुआ उड़ जाता वक़्त की गिराह का बंधक नहीं #YourQuoteAndMine Collaborating with Lucky Gurjar Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat लकीरें बता देती है दिल ज़िद्दी परिदा किस डाली पा मोहता
Poetry with Avdhesh Kanojia
ख़ुशी और गम हाल तौ द्याखौ महाराष्ट्र म गिरी गई बीजेपी सरकार। मिलि गें सगरे दल बेढंगा जिन म होति रही तकरार। बंधक बनें विधायक सगरे होई गें फेल अजीत पंवार। छ: महीना या साल म द्याखौ बीजेपी की बनीं सरकार। 🙏😀 ✍️अवधेश कनौजिया© #महाराष्ट्र_राजनीति हाल तौ द्याखौ महाराष्ट्र म गिरी गई बीजेपी सरकार। मिलि गें सगरे दल बेढंगा जिन म होति रही तकरार। बंधक बनें विधायक सगरे हो
Writer1
रहन कर ले मेरी रूह को हमेशा के लिए, क्या रकम ,क्या सूद, तेरे लिए सब मंजूर है हमें। जबर 👉 मोटा, तगड़ा। रकम 👉 इकट्ठा। सदाक़त 👉 खरापन, सच्चाई!! रहन 👉 गिरवी, बंधक, क़फ़स, क़ैद!! तेरी मोहब्बत का जबर सूद,रकम होता रहा जो यूँही
मुंशी पवन कुमार साव "शत्यागाशि"
मनुज की अभिलाषा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नहीं चाहिए निधि एक भी, सिद्धियों को भी रहने दो। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ ÷÷÷÷÷÷÷ ÷÷÷ ÷ 👇 ( Full in Caption ) #desires #freedom #aazadi #shatyagashi मनुज की अभिलाषा ~~~~~~~~~~~ बांध दो तन को मेरे, पर मन आज़ाद रहने दो। मैं भी इंसा हूँ शायद दिल की बातो
Anita Saini
इश्क़ में नीलाम हुआ दिल! ज़र्रा ज़र्रा तेरी रेहन में पड़ा है हाँ ये बात ओर है कि बुत को चलाने को सीने में धड़कता ज़रूर है ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "रेहन" "rehn" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है बंधक, गिरवी एवं अंग्रेजी में अर्थ होता