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CK JOHNY
मेरे लिए तुम जिंदगी के साज़ की तरह हो मेरे लिए तो गैब की इक आवाज़ की तरह हो। होंगे किसी के लिए जुम्में या पाँच वक्त की मुर्शिद मेरे लिए तो हर वक्त की नमाज की तरह हो। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ हर वक्त की नमाज
Amit premshanker
मेरे ज़नाजे की तारीख तय थी और कफ़न भी खरीदे जा रहे थे!! शामिल मैं भी था इस तैयारी में और दिन करीब आते जा रहे थे!! बेबश मैं करता भी क्या अपनो में बरखीसाज खुद सजाते जा रहे थे!! तुझसे कुछ शिकवा नहीं ये खुदा सब मेरे ही हाथों होते जा रहे थे!! शिकवा तो है अपने ही उसुलो से और उसुलो पर छुप छुप रोते जा रहे थे!! कवि:- अमित प्रेमशंकर एदला सिमरिया चतरा (झारखण्ड) ©Amit premshanker जनाजे की तारीख #RAMADAAN
MD shafique khan
सजदा यही करने का मौका नहीं मिलता जब कजा आती है | वख्त रहते पढ लीजिए नमाज वर्ना फिर तो सजा आती है || #नमाज
Aslam Siddiqui
शुक्र करो कि दर्द सहते हैं लिखते नहीं, वर्ना कागज़ों पे लफ़्जों के जनाज़े उठते !! जनाजे
Ayush kumar gautam
सारे दर्द की दवा बस नमाज है किरदार भी तो बदलो ये खुदा की आवाज है यहां नमाज का अर्थ पूजा,प्रे,इबादत से है केवल मुस्लिम भाइयों के लिये नहीं है ये शायरी बेदम शायर आयुष कुमार गौतम की कलम से सारे दर्द की दवा बस नमाज है
Singh Manpreet
ऐ खुदा तूने बना दी है जो मेरी दर्द ए-जिंदगी बनाने की कोई वजह तो बता. जो मिल नहीं रहा इन गमों से छुटकारा मुझे मेरी नमाज में कोई कमी रह गई है कया. ©Singh Manpreet नमाज #RAMADAAN
Rajesh Khanna
ना कोई परिंदा दिखा ना तू दिखी ना समुंदर दिखा ना हवाये दिखी मुझे और आसानी हो गई मारने में में कह तो सकूगा मेरे जनाजे मे इनमें से कोई नहीं था ©Rajesh Khanna #paani जनाजे
शुभ'म
पता नाहीं ऐ शोर है कैसी,पता नाहीं जोर है ऐ कैसी, हम तो लेटा हूँ जनाजे पर,पता नाहीं ऐ विभोर है कैसी, जल्दी निकालो-जल्दी निकालो,पता नाही तेज आवाज हैं ऐं कैसी, बडी़ मुश्किलवा में हूँ मैं,बडी़ भीड़ है ऐ कैसी, देख मुझे सोया अम्मा मेरी रोई,जैसा रौवे न कोउनो बच्चा कोई, पिता जी हैं बदहोस,है भाई वह मेरा इतना है क्यूं खामोश, देख बहन भी रहन ना पाई,बार बार मुझको थपथपाई, तभी इतने मे आये चार मिताई,जिनसे मित थी इतनी की लगे वें लुगाई, आँख मे पानी लिये हैं ऐसे,मानो कुछ है उनका बिलाई, चार तरफ खडे हो ले लिये मुझे उठाई,तभी पूछा मैं कहाँ चले मेरे भाई तभी बोल पड़ा एक,बहुत सोये, चलो तुहें अब आसमां के सैर कराईं, मानो त बतिया हमार उ सैर न हमका कबो भुलाई, काहें से उ सैरवा रहा हवाई! उ सैरवा रहा हवाई!! जनाजे पर सोये हुए इंसान की दास्तान