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Ghumnam Gautam
White जब बनावट गुनाह बनती है सादगी तब गवाह बनती है घुटती रहती है वो घुटन है पर जो निकलती है आह बनती है उफ़! वो मंदिर के दीप-सी लड़की उसपे तो इक निग़ाह बनती है पहले चौखट को लाँघते हैं हम तब-ही मंज़िल को राह बनती है ज़िंदगी के सताए लोगों की मौत ही ख़ैर-ख़्वाह बनती है बे-वफ़ा कहके ही बुलाया कर तुझको इतनी फ़लाह बनती है ©Ghumnam Gautam #love_shayari फ़लाह― छूट #बनावट #मंदिर #दीप #लड़की #ghumnamgautam
#love_shayari फ़लाह― छूट #बनावट #मंदिर #दीप #लड़की #ghumnamgautam
read moreVijay Singh
तेरे सिवा कोई और नहीं अपना हाथ मेरे सर पर बनायें रहना बाबा 🔱🚩 ऊं नमः शिवाय ©Vijay Singh #शिव काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी
#शिव काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सियासतों के साथ हुआ खूब दंगल वायदे खूब परवान चढ़े दिल दिल्ली का उसने जीता डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है खूब उछली इज्जत दिल्ली की चुनावो में मतों का विभाजन खूब हुआ जीरो सीट लाकर कांगेस इतराती केजू का बंटाहार हुआ है झाड़ू की सफाई के बाद कमल खिला मगर सदमा फ्री बिजली पानी और बसों का लगा है मेहमानबाजी में दिल्ली वन है पूरे भारत का दर्शन यहाँ होता है दिल्ली का दिल जीतने के लिये पूरा दामोदार नई सरकार की नीतियों पर टिका है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
#delhiearthquake डबल इंजन की सरकार का आगाज हुआ है
read moreSatish Kumar Meena
ram lala ayodhya mandir मंदिर जाने से मन के द्वार खुल जाते हैं और छलकपट, काम क्रोध नष्ट हो जाते हैं फिर जैसे ही मनुष्य मंदिर के बाहर आता है तो फिर इन तत्वों का निर्माण हो जाता है, यही तो प्रभु की लीला है। ©Satish Kumar Meena मंदिर
मंदिर
read moreNitesh Malviya
green-leaves दिल के हर ख़ाली गिलास में प्यार का अमृत डाला जाए। मंदिर में एक दीप जले तो मस्जिद तलक उजाला जाए।। ©नितेश मालवीय #GreenLeaves #मंदिर #मज्जित खूबसूरत दो लाइन शायरी #हिंदू #मुस्लिम #सब #भाई #India अच्छे विचारों
usFAUJI
समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 ©usFAUJI समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य
समझ से परे हैं जिन भगवानों के मंदिर में एक युवक के घुसने से रात-भर जलीं हुई लकड़ी से प्रताड़ित करना और उनकी ऐसी स्थिति 🤔🤔 अमानवीय कृत्य
read moreHemant Meena
White "न मस्जिद में छुपी है, न मंदिर में मिलेगी, इंसानियत की रोशनी बस दिलों में जलेगी। जो बांट सके खुशी और दर्द को समझे, वो इंसान बड़ा है, उसका दिल सच्चा है।" ©Hemant Meena #good_morning #Life "न मस्जिद में छुपी है, न मंदिर में मिलेगी, इंसानियत की रोशनी बस दिलों में जलेगी। जो बांट सके खुशी और दर्द को समझे, वो इं
#good_morning Life "न मस्जिद में छुपी है, न मंदिर में मिलेगी, इंसानियत की रोशनी बस दिलों में जलेगी। जो बांट सके खुशी और दर्द को समझे, वो इं
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
Unsplash श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र) दिनांकः 26 दिसम्बर 2024, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी - गुरुवार मध्याह्न श्रृंगार ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र) दिनांकः 26 दिसम्बर 2024, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी - गुरुवार मध्याह्न श्रृंग
श्री सोमनाथ महादेव मंदिर, प्रथम ज्योतिर्लिंग - गुजरात (सौराष्ट्र) दिनांकः 26 दिसम्बर 2024, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी - गुरुवार मध्याह्न श्रृंग
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
Unsplash चौधरी हरदीन कूकना ©CHOUDHARY HARDIN KUKNA श्री सूर्यमुखी हनुमान जी (महाकाल मंदिर परिसर ) हनुमान अष्टमी महापर्व पर आकर्षित श्रृंगार दर्शन #भक्ति #बालाजी भक्ति भजन जय श्री राम जय हनुम
श्री सूर्यमुखी हनुमान जी (महाकाल मंदिर परिसर ) हनुमान अष्टमी महापर्व पर आकर्षित श्रृंगार दर्शन भक्ति बालाजी भक्ति भजन जय श्री राम जय हनुम
read moreअदनासा-
"जनता, पत्रकार और सरकार" हृदय में कैद हर दबे, कुचले, डरे हुए, हर प्रकार के शब्दों को, जो निर्भीक वाणी दे सके, जो सत्ता के विरुद्ध हो तटस्थ नही, जिनमें आलोचना करने का बल हो, वही पत्रकार है और वही साहित्यकार है। परंतु वह नही जो हृदय में बंद हर शब्दों का दमन करे, भय के वातावरण का निर्माण करे, पक्षपाती व्यवहार करे, राजनैतिक विपक्ष को डांटे फटकारे, वह पत्रकार नही दलाल है, वही चाटुकार है, वही गोदी मिडिया है। वर्तमान में भारतीय पत्रकारिता गहरे गंदे नाले के गर्त में लिप्त हो चुकी है परंतु हर्षोल्लास में है, क्योंकि उसकी तथाकथित पत्रकारिता, मात्र एक सत्तासीन व्यक्ति के इर्द-गिर्द सिमटकर दम तोड़ चुकी है, वर्तमान संविधान में एक व्यक्ति का विधान चल रहा है, यही लोकतंत्र की व्यवस्था को कमज़ोर कर रहा है, इसे ही तानाशाही या डिक्टेटरशिप कहते है, इनका धार्मिक आस्थाओं से खेलना बाएं हाथ का खेल है, क्योंकि हमने जनसेवक नही अपितु सिंगोलधारी राजा चुना है। आज-कल का प्रचलित शब्द "अंधभक्ति या अंधभक्त" वास्तव में एक विशेष प्रकार की जनता के लिए संबोधित किया जाता है, जो सत्ता द्वारा हर प्रकार के निर्णय का समर्थन करती है, क्योंकि सत्ता द्वारा उसे केवल अपना हित साधना ही सिखाया गया है, उनके लिए शिक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, सुरक्षा, रोज़गार, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, अपराध आदि से, कोई लेना-देना नही होता, उन्हें मात्र अंतर्मुखी बना दिया, जैसा कि वह राजा स्वयं है, वैसे प्रजा भी कहीं ना कहीं, किसी ना किसी की अंधभक्ति में अवश्य है। इसलिए कहते है जैसा राजा वैसी प्रजा। जय हिंद जय भारत।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest #Instag
चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://pin.it/3uxwXGlCs #भारतीय #पत्रकारिता #हिंदी #जनता #सरकार #अंधभक्त #चाटुकार #Pinterest Instag
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