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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
मीरा बाई की कलम से- हरि तुम हरो जन की भीर। द्रोपदी की लाज राखी, तुरत बढ़ायो चीर॥ भगत कारण रूप नर हरि, धरयो आप सरीर॥ #MeeraBai #KalamSe
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.. .. . .. कियो उपद्रव तारक भारी l देवन सब मिलि तुमहीं जुहारी ll तुरत शडानन आप पठाउ l लव निमेष महं मारी गिराउ ll ll💚ll ॐ नमः शि
Divyanshu Pathak
हलवा के पीछे भगा मिली न जिसको खीर वो आशिक़ मासूम सा बन बैठा है मीर ! :💕🐒 आज की शाम उन तमाम आशिकों के नाम जिनका शोषण हुआ है ! 😂😂😂😂😂😂😂😂 : धड़कन बेपरवाह बढ़ी कर दिया उसको वीर जल्दी में उसने लिआ देखो उड़ता तीर ! : अब
Satya Prakash Upadhyay
हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते? कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार करता जाता है इस कवच के सारे अवयव तब तक उसके अपने होते हैं जब तक उनसे किसी प्रकार का भय न हो,जब उसे किसी भी अंग से डर का अनुभव होता है ,उसे वो तुरत "अपने" से पराये बना देता है,चाहे सांसारिक बंधनों के अनुसार वो उसका सबसे क़रीबी हीं क्यों ना हो। अब जब अपने के बारे में जानकारी हो चुकी तो यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते। हम अपनों से दूर क्यों नहीं रह पाते? कोई भी जीव अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के हितों के रक्षार्थ एक आवरण या यों कहें एक सुरक्षा कवच तैयार कर
Dr Jayanti Pandey
रिश्तों के समीकरण (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) सब रिश्तों को साध कर चलने के लिए उतना ही अभ्यास करना पड़ता है जैसे नट एक लाठी लेकर रस्सी पर चलता है। ऐसे रिश्तो के समीकरण हल करना है बड़ा