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Rajkumar pal
White सबसे रिश्ता निभा रहे हो, चुतिया हो ! या बना रहे हो ?®️ ©Rajkumar pal #Sad_Status सबसे रिश्ता निभा रहे हो, चुतिया हो ! या बना रहे हो ?
#Sad_Status सबसे रिश्ता निभा रहे हो, चुतिया हो ! या बना रहे हो ?
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी फिर हुयी एक शपथ दिल्ली में किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा गन्दगी और कूड़ा पोलटिक्स से सियासतों का दिल पिघलेगा गरीबो के लिये दिल्ली कैसी होगी किया उनका गुजारा मजदूरी और रेडी पटरी से होगा हाँफते दिल और एलर्जी से ग्रसित लोगो को प्रदूषण से छुटकारा होगा नशा और अपराध से पीड़ित दिल्ली को स्वस्थ्य मानसिकता से जीने का अधिकार मिलेगा शिक्षा अध्ययन में अब्बल रही हमेशा दिल्ली माहौल विद्यार्थियों को पढ़ने का सौहार्द्र और शांति का मिल सकेगा भार कंधों पर दिल्ली का है दल बल से मुख्यमंत्री ऊपर उठ सकेगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
#delhiearthquake किया चेहरा दिल्ली का बदलेगा
read moreदक्ष आर्यन
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या? पाप धोके आये हो या पाप करके आये हो क्या? रूह को भीगाया है या जिस्म से नहाके आये हो! क्या पछतावे वाले आंसू गंगा मे बहाके आये हो! या सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने गए थे तुम या भेड़चाल मे दिखावा करने गए थे तुम जो भगदड़ मे दब के मर गए उसके तुम भी जिम्मेदार हो तुम पुण्य से पहले पाप के हक़दार हो अब बताओ सच बताना क्या इंसाफ करके आये हो कुछ पुण्य कमाया या सिर्फ बदन साफ करके आये हो ऐसा ही नहाना था तो घर मे भी नहा सकते हो पाप ही धोने है तो भूखे को रोटी खिला सकते हो, प्यासे को पानी पिला सकते हो, इस रास्ते से तुम कभी भी पुण्य कमा सकते हो ©दक्ष आर्यन शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
शाही स्नान करने तुम भी कुम्भ के मेले गए थे क्या? पुण्य कमाने गए थे या पाप धोने गए थे क्या? मन मेला करके गए थे जो, वो साफ करके आये हो क्या?
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी दिल दहला दिल्ली का हादसे से मन उसका रोता है कसूर रेलवे का है व्यवस्थाओं का मगर श्रद्धालुओं की श्रद्धा की भीड़ पर मौतों से दिल दिल्ली का बैठ गया लीपापोती करने का ढंग सियासतों का कलंकित दिल्ली को कर गया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake कलंकित दिल्ली को कर गया
#delhiearthquake कलंकित दिल्ली को कर गया
read moreRajesh Sharma
White नौटंकी बाज को नौटंकी पड़ी भारी दिल्ली की जनता ने उतार दी सारी खुमारी भाजपा को बहुमत दे खत्म कर दी AAP जैसी बीमारी चिंतित दिख रहा माफिया शराब का अब क्या होगा मफलर वाले जनाब का दिल्ली के विश्वास को जिसने चकनाचूर किया जनता ने देखो उसको बेनूर किया तिहाड़ में फिर दस्तक की बारी है आजा केजरीवाल तेरे स्वागत की तैयारी है। दिल्ली जीत की बधाई। राजेश शर्मा ©Rajesh Sharma दिल्ली जीत की बधाई
दिल्ली जीत की बधाई
read moreHimanshu Prajapati
White बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! ©Himanshu Prajapati #love_shayari बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! #36gyan #hpstrange
#love_shayari बड़े शौकीन थे, जिम्मेदारियों ने मतलबी बना दिया..! #36gyan #hpstrange
read moreAjun
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दिल की धड़कन हो तुम हर जगह हर सासों में बसी हो तुम ©Ajun दिल धड़कन में हो तुम
दिल धड़कन में हो तुम
read moreRameshkumar Mehra Mehra
Unsplash पहले भी मुसाफ़िर थे... आज भी मुसाफ़िर है.....! पहले किसी की तलाश मे थे....!! और अब अपनी तलाश में...!!! ©Rameshkumar Mehra Mehra # पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
# पहले भी मुसाफ़िर थे,अब भी मुसाफ़िर है,पहले किसी की तलाश में थे,और अब अपनी तलाश में है..
read moreLili Dey
किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... भूल कर खुदको इन हवाओं में समा जाऊं, कभी तो इन हवाओं के मिठास में घुलमिल जाऊं, एक पंछी बनके इन हवाओं में रहे जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... बादलों के बीच हवाओं के साथ साथ उड़ता जाऊं, मेरे आख़िरी सांस तक इन हवाओं के बीच ठहर जाऊं, हां कभी तो में इन हवाओं में जुड़ जाऊं, किसी रोज़ इन हवाओं में गुम हो जाऊं... ©Lili Dey हवाओं में गुम हो जाऊं
हवाओं में गुम हो जाऊं
read moreनवनीत ठाकुर
White कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान। खुदा और भगवान तो एक ही हैं, फिर ये दीवारें क्यों दिलों में खड़ी हैं? इबादत का मकसद था दिलों को मिलाना, तुमने मजहब को हथियार ही बना दिया। जिक्र था मुहब्बत का हर इबारत में, तुमने इसे नफरत का कारोबार बना दिया। ©नवनीत ठाकुर #कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
#कट्टर सोच ने धर्म को बांध दिया, मोहब्बत का मजहब नफरत में डाल दिया। कुरान और पुराण में था प्रेम का पैगाम, तुमने बना दिया इसे जंग का सामान।
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