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Shrikant

बैल पोला

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Deepanshu Patwa

पोला तिहार #IFPStorytelling #विचार

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Sarita Shreyasi

पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ, किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है, तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ, घर बसाने, वंश #wife #yqbaba #yqdidi #commitment #assurance

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पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ,
किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है,
तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ,
घर बसाने, वंश बढ़ाने के लिए अपनायी जाती हूँ,
भिन्न-भिन्न मानकों और प्रतीकों से तौली जाती हूँ,
मेरी निष्ठा और समर्पण तभी सिद्ध होते हैं,जब मैं,
अपने माँ-बाप के लिए पूर्णतया परायी हो जाती हूँ,
इसलिए यदि तुम पर अपना अधिकार चाहती हूँ,
तो इसमें आलोचना और नाजायज़ माँग कैसी ?
मैं तुम्हारे लिए ही तो अपना सब पीछे छोड़ आती हूँ।
सिंदूर बिंदी शाखा-पोला,न मंगल-सूत्र ही मेरे नाम का,
चलता नहीं साथ तुम्हारे,कोई भी चिन्ह मेरे सुहाग का,
बच्चे की माँ हूँ, ये तो मेरी फैली काया से ही दिख जाता है,
बच्चे के बाप का नाम तो बस कागज ही में लिखा जाता है।
घर से बाहर,मुझ से दूर,तुम पूरी तरह कुँवारे ही हो,
मैं जहाँ तक चली जाऊँ,ब्याहता हूँ,और तुम्हारी ही हूँ।
इसलिए तुम्हारे प्रेम की अभिव्यक्ति हर बार चाहती हूँ,
वफादारी का आश्वासन तुमसे बार-बार मांगती हूँ। पत्नी हूँ मैं,यूँ तो स्त्री की उपजाति हूँ,
किन्तु जब स्त्री आलोचना की बारी आती है,
तो मैं अपनी जाति की प्रतिनिधि बन जाती हूँ,
घर बसाने, वंश

Divyanshu Pathak

हम भी पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तेल-पानी-सोना-खनिज के नाम पर धरती को पोला कर रहे हैं। पेड़ काटकर एक ओर पक्षियों की प्रजातियों को नष

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ईश्वर ने अपनी सृष्टि में
इतनी सूक्ष्म व्यवस्था रखी है कि ग्रहों नक्षत्रों उपग्रहों आदि की स्थिति और गति में
अंश मात्र का परिवर्तन भी नहीं होता। सौर मण्डल तो अभी मनुष्य की पहुंच से बाहर है
इसलिए वहां सृष्टि के नियमों में छेड़छाड़
मनुष्य के वश की बात नहीं है।

उसका वश पृथ्वी पर ही चलता है
और यहीं उसकी छेड़छाड़ चलती रहती है।
इसी छेड़छाड़ के परिणाम भूकम्प,सुनामी,अकाल,अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक
आपदाओं के रूप में सामने आते रहते हैं।
इन आपदाओं के कारणों की व्याख्या वैज्ञानिक अपने ढंग से करते हैं
और पर्यावरणविद् अपने ढंग से। वैदिक विज्ञान जैसी गहराई कहीं दिखाई नहीं देती। हम भी पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं। तेल-पानी-सोना-खनिज के नाम पर धरती को पोला कर रहे हैं। पेड़ काटकर एक ओर पक्षियों की प्रजातियों को नष
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