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A k sahu
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
हैं कायम जिसके दम से ये सब गुलशने हस्ती ,वही दो जहां का*माबूद है रहा//१ के जिन्होंने बरपा रखी है, वतन में नफरतें परस्ती दौरे जहां में उनका,ये घटिया *तासूब है रहा//२* है जिनका काम इंसानियत में रंगो धर्मो को तकसीम करना ,ऐसा जहन तो सदा बनामे*मंसूब है रहा//३ बावजूद,फितनांगेजी के, जो कायम है रहा "शमा"हम गंगा जमुनी वालों का मेलझोल ही*बाखूब है रहा//४ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #भाईचारा#Ramadaan हैं कायम जिसके दम से ये सब गुलशने हस्ती,वही दो जहां का*माबूद है रहा//१ *ईश्वर,खुदा,अल्लाह के जिन्होंने बरपा रखी है,वतन मे
Kritsan Blaze
Paramjeet kaur Mehra
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} एक बार महाराज युधिष्टर ने भीष्मपितामह से पूछा तमाम शास्त्र वेद से तो हम थक गए, संछेप में बताइये की धर्म का स्वरूप क्या है, और सभी धर्म क्या है, तमाम धर्म व शास्त्र भृम में डालने वाले हैं, तुमको भृम मिटाना है, भगवान श्री कृष्ण में मन की सरनागति कर दो, धर्म का मतलब होता है, धारण करने के लिए होता है, केवल वासुदेव को धारण करो, सब धर्मो का एक सार है, उसको प्राप्त करना, जिसने भगवान श्री कृष्ण की भक्ति की फिर सब धर्मों को जानने की कोई आवश्यकता नहीं रहती, खुद भगवान ने कहा जब कोई भी जीव सब धर्मों को त्याग कर केवल मेरी सरनागति में आता है, में उसके अनंत जन्मो के पापों को माफ कर देता हूँ।। नारायण हरि........ ©N S Yadav GoldMine #WinterSunset {Bolo Ji Radhey Radhey} एक बार महाराज युधिष्टर ने भीष्मपितामह से पूछा तमाम शास्त्र वेद से तो हम थक गए, संछेप में बताइये की धर्
Sahdeep Kumar
हे भारत के राम जागो मैं आप दुनिया में आया हूँ, और सौ धर्मो का धर्म एक बलिदान प्रकट किया हूँ ! हिरण हिमालय ने रिकॉर्ड किया है दुश्मनों की जंजीरों में, आज बताएं कि कितना पानी है भारत के वीरों में | खरोचने के निशाने पर आज आपका ललकार रही सोए सिंह जागो भारत के, माता-पिता शिकायत कर रही है रण की भरी बज रही, उठो मोह निंद्रा त्यागो! पहला शीष चढाने वाले माँ के बेटे वीर जागो! बलिदानों के वज्रदंड पर देशभक्तों के ध्वजा जागे रण के कंकर पाने हैं, वे राष्ट्रहित की ध्वजा जागे अग्निपथ के पंथी जागो शीश आवास पर रखते हैं, और जागो रक्त के भक्त लाडलों, जागो प्रमुख के सौदागर | खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बरबंदा! रक्त बीज का रक्त चाटने वाली जागे चामुंडा नर मुण्डो की मातृभूमि जगे कपाली कैलाशी रण की चंदी घर नाचे मौत कहेगी पाईसी प्यासी... 'रावण का वध स्वयं करोगे!' कहने वाला राम जागे और कौरव शेष न बोलने वाला श्याम जागे! परशुराम का परशा जागे, रघुनन्दन का बाण जागे, यजुनंदन का चक्र जागे, अर्जुन का धनेश्वर महान जागे| चोटी वाला चाणक जागे, पौरुष परुष महान जागे, सेल्युकस को कैसेने वाला चंद्रगुप्त बलवान जागे| हठी हम जागे जो, झुकना कभी न जाना, जागे पद्मिनी का जौहर, जागे केसरिया बाना| देशभक्त का जीवित झंडा, आज़ादी का दीवाना रण प्रताप का सिंह जागे और हल्दी घटी का राणा दक्षिण वाला जागे शिवाजी, रक्त शाह जी का ताजा, मरने का हठ ठाना करते हैं विकट मराठों के राजा| छत्रसाल बुंदेला जागे, पंजाबी कृपाण जागे दो दिन जिया शेर की माफ़ी, वो टीपू सुल्तान जागे| कलवोहे का जगे मोर्चा जागे झांसी की रानी, अहमदशाह जागे लखनऊ का जगे कुंवर सिंह बलिदानी| कलवोहे का जगे मोर्चा और पानीपत का मैदान जागे, भगत सिंह के मंच जागे, राजगुरु के प्राण जागे| जिसकी छोटी सी लुकटी से संगीन भी हार गई…बापू ! हिटलर को जीता, वो दोषे सात समुंदर पार| मानवता का प्राण जागे और भारत का अभिमान जागे, उस लकुटी और लंगोटी वाले बापू का बलिदान जागे| आज़ादी की दुल्हन को जो सबसे पहले चूम गई, स्वयं कफन की गुलशन कर सातों भांवर घूम गई! उस सुभाष की एक जागे और उस सुभाष की शान जागे, ये भारत देश महान जागे, ये भारत की स्वच्छता जागे | झोली ले मांग रहा हूँ कोई शीश दान दे दो! भारत का भैरव भूख है, कोई प्राण दान दे दो! दुल्हन की मौत की कुंवारी कोई ब्याह रचा लो, कोई मर्द अपना नाम की चूड़ी पहन लो! कौन वीर निज-ह्रदय रक्त से इसकी मांग भरेगा? कौन कफ़न का पलंग बना रहता है उस पर शयन करेगा? ओ कश्मीर हड़पने वालों, कान खोलकर जाना जाना, भारत के केसर की कीमत तो केवल सिर है, और कोहिनूर की कीमत जूते पांच अजर अमर है ! रैन के खेतों में छाएंगे जब अमर मौत का सन्नाटा, लाशों की जब रोटी होगी और डायनामाइट का आटा, सन-सन करते चलेंगे जिन बामी से फ़नेर| जो हमसे टकराएगा वो चूर चूर हो जाएगा, इस मिट्टी को छूने वाला मिट्टी में मिल जाएगा| मैं घर इंकलाब की आग से जल उठा हूँ ! हे भारत के राम जागो मैं दुनिया में आया हूँ | ©Sahdeep Kumar हे भारत के राम जागो मैं आप दुनिया में आया हूँ, और सौ धर्मो का धर्म एक बलिदान प्रकट किया हूँ ! हिरण हिमालय ने रिकॉर्ड किया है दुश्मनों की जं
SATYA PRAKASH
धर्मो रक्षति रक्षितः ©SATYA PRAKASH धर्मो रक्षति रक्षितः