Nojoto: Largest Storytelling Platform

New रजोगुण तमोगुण सतोगुण Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about रजोगुण तमोगुण सतोगुण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रजोगुण तमोगुण सतोगुण.

Stories related to रजोगुण तमोगुण सतोगुण

    LatestPopularVideo

manoj kumar jha"Manu"

सतोगुण का लक्षण

read more
जिस समय इस देह में तथा अंतःकरण और इंद्रियों में चेतनता और विवेक शक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिए कि सतोगुण बढ़ा है।
श्रीमद्भगवतगीता १४/११ सतोगुण का लक्षण

CK JOHNY

सत् रज व तमोगुण

read more
हे भगवन!  सत् रज व तामसिक कर्म क्या हैं?
सतोगुण तो निस्वार्थ भाव से कर रहे सेवा
रजोगुणी स्वार्थसिद्धि हेतु खा रहे मेवा। 
तमोगुणी कालाबाजारी मिलावट कर हो रहा जानलेवा। 
कुछ समझा नहीं प्रभु जरा विस्तार से समझाओ
सभी की सही तस्वीर दिखाओ।

वत्स! सात्विक तो बिना तस्वीर खींचे ही मदद कर रहे 
रजोगुणी तस्वीर खींच खींच के ढिंढोरा पीट रहे 
तमोगुणी लगा हुआ है दवाइयों की कालाबाजारी में 
आक्सीजन सिलेंडर एंबूलैंस का भाड़ा
सब्जी फल का रेट दस गुना वसूल के अपनी असली तस्वीर दिखा रहे। 
कोई फर्क नहीं इन्हें लोग जीयें या के मर रहे। 

बी डी शर्मा चण्डीगढ़   सत् रज व तमोगुण

manoj kumar jha"Manu"

#गीता_ज्ञान तमोगुण बढ़ने पर राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

read more
तमोगुण
हे अर्जुन! तमोगुण के बढ़ने पर मन और इंद्रियों में अज्ञान, कर्त्तव्य कर्मों को न करने की इच्छा और शास्त्र की बातों का उल्लंघन और व्यर्थ की चेष्टा अर्थात काम सुख की इच्छा और नींद आदि तथा विवेक शक्ति का नष्ट हो जाना- ये सब उत्पन्न होते हैं।
-
श्रीमद्भगवद्गीता
अ०१४/१३ #गीता_ज्ञान 
तमोगुण बढ़ने पर राक्षसी प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

Hariom

🔱 शिव जी अविनाशी व पूर्ण परमात्मा नहीं हैं। कबीर परमात्मा ही अविनाशी हैं जो सतलोक के मालिक हैं। 🔱आखिर शिव जी तमोगुण क्यों कहलाते हैं? देखे #समाज

read more
पूर्ण साहेब जी परमात्मा कबीरहै.

©Hariom 🔱 शिव जी अविनाशी व पूर्ण परमात्मा नहीं हैं।
कबीर परमात्मा ही अविनाशी हैं जो सतलोक के मालिक हैं। 

🔱आखिर शिव जी तमोगुण क्यों कहलाते हैं?
देखे

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} 🎀 सत्त्वगुण से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं बताया गया है। सत्त्वगुण में स्थित पुरुष स्वर्गादि उच्च लोकों को जाते हैं #betrayal #समाज

read more
{Bolo Ji Radhey Radhey}
🎀 सत्त्वगुण से बढ़कर दूसरा 
कोई धर्म नहीं बताया गया है। 
सत्त्वगुण में स्थित पुरुष स्वर्गादि 
उच्च लोकों को जाते हैं, रजो 
गुण में स्थित पुरुष मध्य में अर्थात
 मनुष्य लोक में ही रहते हैं, और
 तमोगुण के कार्यरूप निद्रा, प्रमाद 
एवं आलस्य आदि में स्थित हुए 
तामस मनुष्य अधोगति को प्राप्त 
होते- नीच योनियों अथवा नरकों 
में पड़ते हैं। नारायण हरि।।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
🎀 सत्त्वगुण से बढ़कर दूसरा 
कोई धर्म नहीं बताया गया है। 
सत्त्वगुण में स्थित पुरुष स्वर्गादि 
उच्च लोकों को जाते हैं

Divyanshu Pathak

:💕👨🍀🌱☕☕☕🙋🙋🍫💕💕🍧🍨🍨🍨☕☕☕☕ Good morning ji ! : बन दीया मैं अंधेरा निगल जाऊंगा यू मुझे तू चाहत की शमां न बना ! मैं मोहब्बत की रोशनी को शाथ लिए चलत

read more
अपनी अदाओं के तिलिस्म को समेट ले यारा
अपने हुश्न ओ शबाब की जादूगरी तू मुझपे न चला !
तू मुझे बर्फ़ सी ठंडी आग लगती है पिघल जाएगी
मुझे शबनम ही बना रहने दे हवाएं देकर इसे शोला न बना ! :💕👨🍀🌱☕☕☕🙋🙋🍫💕💕🍧🍨🍨🍨☕☕☕☕
Good morning ji !
:
बन दीया मैं अंधेरा निगल जाऊंगा यू मुझे तू चाहत की शमां न बना !
मैं मोहब्बत की रोशनी को शाथ लिए चलत

Anil Ray

⭐🌟 ✨मानवता है धर्म हमारा✨ 🌟⭐ निज दीपक बनकर अनिल! करो खुद की खोज अनुसंधान ऐसा हो, मानवता में रहे हमेशा मौज। वसुंधरा पर चिरस्थापित हो मानव #कविता #khoj #Anil_Ray

read more

Madhav Jha

Those who are free from but are ignorant of the true nature of Purusha(पुरुष), become absorbed in prakriti(प्रकृति). Here Prakriti includes #Gyaan #philosophy #Sanskrit #yourquotebaba #yourquotedidi #sanskritquotes

read more
वैराज्ञात्प्रकृतिलयः संसारो भवति राजसाद्रागात् ।
ऐश्वर्यादविघातो विपर्ययात्तद्विपर्यासः ।। 45 ।।

It directly means : 

From dispassion results absorption into Prakriti; from the passion of Rajas results transmigration; from power results unimpediment and from the reverse results the contrary.

【◆●SEE CAPTION●◆】
 Those who are free from but are ignorant of the true nature of Purusha(पुरुष), become absorbed in prakriti(प्रकृति). Here Prakriti includes

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey. 🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का #प्रेरक #PMBirthday

read more
{Bolo Ji Radhey Radhey.
🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का यथार्थ वर्णन करूँगा। 

🎇 ध्यान देकर सुनो संताप, रूप, आयास, सुख दु:ख, सर्दी, गर्मी, ऐश्वर्य, विग्रह, सन्धि, हेतुवाद, मन का प्रसन्न न रहना, सहनशक्ति, बल, शूरता, मद, रोष, व्यायाम, कलह, ईर्ष्या, इच्छा, चुगली खाना, युद्ध करना, ममता, कुटुम्ब का पालन, वध, बन्धन, क्लेश, क्रय-विक्रय, छेदन, भेदन और विदारण का प्रयत्न, दूसरों के मर्म को विदीर्ण कर डालने की चेष्टा, उग्रता, निष्ठुरता, चिल्लाना, दूसरों के छिद्र बताना, 

🎇 लौकिक बातों की चिन्ता करना, पश्चात्ताप, मत्सरता, नाना प्रकार के सांसारिक भावों से भावित होना, असत्य भाषण, मिथ्या दान, संशयपूर्ण विचार, तिरस्कार पूर्वक बोलना, निन्दा, स्तुति, प्रशंसा, प्रताप, बलात्कार, स्वार्थ बुद्धि से रोगी की परिचर्या और बड़ों की शुश्रूषा एवं सेवावृत्ति, तृष्णा, दूसरों के आश्रित रहना, व्यवहार कुशलता, नीति, प्रमाद (अपव्यय), परिवाद और परिग्रह ये सभी रजोगुण के कार्य हैं।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey.
🎇 ब्रह्माजी ने कहा- महाभाग्यशाली श्रेष्ठ महर्षियों! अब मैं तुम लोगों से रजो गुण के स्वरूप और उसके कार्य भूत गुणों का

Divyanshu Pathak

7. देवी कालरात्रि और संख्या - 3 पर मेरा मत ----- नवदुर्गाओं के 9 रूपों में से 6 रूपों को क्रमशः 9- अंक से लेकर 4 अंकों तक जीवन, पोषण, संसार #yqdidi #yqhindi #पाठकपुराण

read more
7. देवी कालरात्रि और संख्या - 3 पर मेरा मत
-----
नवदुर्गाओं के 9 रूपों में से 6 रूपों को क्रमशः
9- अंक से लेकर 4 अंकों तक जीवन, पोषण,
संसार के कौतूहल, ब्रह्माण्ड की रचना, प्रकृति की माँ और
प्रेम के साकार स्वरूप कात्यायनी के बारे में बात की। आज 7 वां दिन माँ कालरात्रि का है। मेरा अपना मनना है कि उनके नाम से ही मालूम होता है कि वे समय की रचना से पूर्व की दुनिया हैं।हम उसे प्रलय काल भी कह सकते हैं। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से पूर्व सम्पूर्ण सृष्टि अंधकार मय ही तो होती है। उसी अंधकार का नाम कालरात्रि है। वे 3 आँखों वाली देवी हैं।ये 3 आँखें संसार के तीन गुण हैं। सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण। इन तीन गुणों से ही त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। वैदिककाल के ऋषियों ने त्रैतवाद से संसार की व्याख्या की। त्रैतवाद के अनुसार दुनिया 3 के योग से बनी। वे परमात्मा, प्रकृति और जीवात्मा के रूप में दुनिया का अस्तित्व मानते हैं। समय के भी 3 भाग (भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यकाल) हैं। आओ देवी कालरात्रि के दर्शन करने के लिए कैप्शन पढ़ें--- 7. देवी कालरात्रि और संख्या - 3 पर मेरा मत
-----
नवदुर्गाओं के 9 रूपों में से 6 रूपों को क्रमशः
9- अंक से लेकर 4 अंकों तक जीवन, पोषण,
संसार
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile