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Chetan Raut
हाँ मुझे पता हैैं तुम्हें पढ़ने का शोक हैं, तभी तो मैं लेखक बनना चाहता हूँ... इसलिए बनना चाहता हूँ, की मैंने लिखे हुए कविता, कहानी, शायरी पड़ सके. इसलिए बनना चाहता हूँ, की मैंने लिखे हुए हर शब्द की धड़कन सुन सको, इसलिए बनना चाहता हूँ, की पढ़के तुम मेरी चाहत बन पाए, इसलिए बनना चाहता हूँ, की तुम मेरी दिल की बात समज सको, हाँ मैं लेखक बनना चाहता हूँ... तुम्हे पढ़ने का शोक हैं, तभी तो मैं लेखक बनना चाहता हूँ... लेखक :- चेतन राऊत #NojotoQuote लेखक - चेतन राऊत 📝📝
Ravikant Raut
बहुत कज़रारी हैं ये आंखें तुम्हारी ज़रा सा काजल चुरा लूँ अगर बुरा न लगे रविकान्त राऊत
Ravikant Raut
मरु भूमि में जन्मा सा मेरा मन विकल दो बून्द नेह की मिले तो तरबतर हो जाता है रविकान्त राऊत
Ravikant Raut
कुछ यादें अभिषप्त होती हैं ज़िंदा रहने के लिए चाहें भी तो कुछ लोग ज़िन्दगी से निकाले नहीं जाते रविकान्त राऊत
yogesh atmaram ambawale
मिळून मिसळून राहावे सर्वांशी,सर्वांशी नित्य वागावे प्रेमाने. आयुष्याचा काही भरवसा नाही,केव्हा ही येईल वरून बोलावणे. प्रत्येक भेट ही अविस्मरणीय ठरावी,नित्य सर्वांशी ऐसी भेट व्हावी. कुणास ठाऊक केव्हा कुठली भेट,ही आयुष्यातील शेवटची भेट ठरावी. म्हणून नसावे मनी कुठलीही राग रुसवे,जरी असेल त्वरित विसरून जावे. प्रेमाने जगण्यासाठी आयुष्य आपले,का मग मत्सरात वाया घालवावे. नको नंतर कुठलाही पश्चात्ताप,झालेले शेवटची भेट ही कशी होती म्हणून. भेट जर सर्वांशी असेल प्रेमाने,शेवटच्या भेटी नंतर ही हृदयात ठेवतील स्मरून. शुभ दुपार लेखक मित्र आणि मैत्रिणींनो आताचा विषय आहे शेवटची भेट... #शेवटचीभेट चला तर मग लिहूया. #collab #yqtaai #स्वरचितकाव्य लिहीत राहा. #
Ravikant Raut
सामान्य ज्ञान और कविता का एक फ़्यूज़न प्रस्तुत कर रहा हूं, पसंद आये तो प्रतिक्रिया अवश्य देवें . "बरसना .....किसी बारिश की तरह" -----रविकान्
Ravikant Raut
बारिश ठहरो खुली रहने दो ज़रा देर को…… कस कर बंद करने से पहले
Ravikant Raut
अपने बच्चे हर वक़्त धमाचौकड़ी और अपनी हर ज़ायज़ नाज़ायज़ ज़िद को पूरा करवाते बच्चों के बीच उस घर में दो बुज़ुर्ग भी रहते हैं सहमे सहमे ----
Ravikant Raut
#एक #पंक्ति #कथा — 120 #संस्कृति (#Culture) पूजा पंडालो में पौराणिक आख़्यानों के बजाय साहित्यकारों के जीवन-वृत्त की झांकियां लगाये जाने क