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Shivangi
||श्मशान की राख|| श्मशान की राख देख के मन में ख्याल आया... सिर्फ राख होने के लिए इंसान ज़िन्दगी भर दूसरों से कितना जलता हैं।।।। #श्मशान_की_राख #श्मशान #एकख्याल #राख #जलन #yqbaba #yqdidi #oneliner
zindgii
जो दिख रहा है वो शव है जो देख रहा है वो शिव है शव होने से पहले शिव को पहचान वर्ना मज़िल तो एक ही है श्मशान ©zindgii श्मशान
MannKi Bhawna
फुर्सत मिले कभी तो, सासो को गिन लेना अपने झूठ को बेपर्दा कर देना इस चलती फिरती लाश को श्मशान में रख देना #श्मशान
Geeta Sharma pranay
श्मशान ========= श्मशान ही बना दिया तुमने तो मेरे दिल को... जिसमें मेरे सारे सपने जलकर राख का ढ़ेर हो गये... कैसे इसे मै समेटूँ.... ये तो बिखर-बिखर जा रहें हैं मेरे हाथों से.... जलकर एक -एक सपनें कह रहे हैं मुझसे..... हम तो बनते ही बिखरने के लिए हैं... इसलिए बंद आँखों मे ही आते हैं और चले जाते हैं.. क्यों ए-पगली तुने हमें खुली आँखों से देखा.... ये ले,,, हम तो रोज एक महोब्बत का जनाजा लेकर निकलते हैं,,, तेरे दिल को ही आज श्मशान बना दिया,, ये कोई ओर नहीं... तेरा अपना ही हैं.... | गीता शर्मा प्रणय श्मशान
Ibrat
काशी के हर घाट हर्ष की गूँज और रंगों से रंगे हैं, एक उसे छोड़ कर जो चिताओं के राखों से सजे है, खूबसूरती उसकी की वो हर अंतिम सफ़र देखती है, वहाँ लोग सज कर आते और वो सुंदर शववस्त्र देखती है, देखा तो ढेरों लकड़ियों के में तराजू भी रखा जाता है, किसके हिस्से कितनी लगी हर वो हिसाब रखा जाता है , कोई शोक नहीं बस मृत्यु से मोक्ष तक का सफ़र देखा है, कल से पहले तक खुद को इस सच्चाई से बेख़बर देखा है, सोचा था ये सब देखना मेरे लिए आसान नहीं होगा, मगर देखा करीब से तो अपना हर डर बेअसर देखा है, मणिकर्णिका की सुबह और मैंने चिताओं को जलते देखा है, किसी अपने के लौट आने का विश्वास हर पल में मरते देखा है, अच्छा था महा श्मशान में अंतिम सफ़र का हिस्सा बन जाना , इस कभी ना खत्म होने के दौर का एक छोटा किस्सा बन जाना। -Shubhra Tripathi :) ©Ibrat मणिकर्णिका महा श्मशान
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी बहके बहके से कदम हुजूर के लगते है नारे और वायदे छूमंतर से लगते है नही सम्हलती कोई व्यवस्ताये जनता व्याकुल फिरती है चौपट है उसका घर आंगन महामारी ने सब लील लिया सरकारी फरमानों ने लॉक डाउन से आम जनता का जीवन निगल लिया ना दवाएं ना ऑक्सीजन ना बेड मिलते है साँसे फूलती जनता की तबाही हर हिंदुस्तानी झेल रहा है घरो में कैद कर जेलों जैसी पीड़ा भुगत रहा बन्दोबस्त के नाम पर मुर्दा भी श्मशानों में भटक रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" मुर्दा भी श्मशानों में भटक रहा है #lockdown2021