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श्यामजी शयमजी
White कुत्ते का पिल्ला बैठा नीम की शाम में आज बारिश होगी आपकी भी गांव में ©श्यामजी शयमजी #cg_forest कविता कविता
#cg_forest कविता कविता
read moreMohan raj
दुख का कारण सिर्फ मोह है अगर आप को किसी वस्तु या व्यक्ति से मोह नही है, तो आप अपने जीवन में हमेशा खुश रहेंगे दुःखस्य कारणं केवलं आसक्तिः एव यदि भवतः कस्यचित् वस्तुनः वा व्यक्तिस्य वा आसक्तिः नास्ति तर्हि भवतः जीवने सर्वदा सुखी भविष्यति। The only reason for misery is attachment. If you are not attached to any object or person, then you will always be happy in your life. Dhanyawad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons दुःखस्य कारणं केवलं आसक्तिः एव यदि भवतः कस्यचित् वस्तुनः वा व्यक्तिस्य वा आसक्तिः नास्ति तर्हि भवतः जीवने सर्वदा सुखी भविष्यति
#Life Lessons दुःखस्य कारणं केवलं आसक्तिः एव यदि भवतः कस्यचित् वस्तुनः वा व्यक्तिस्य वा आसक्तिः नास्ति तर्हि भवतः जीवने सर्वदा सुखी भविष्यति
read moreSahil Khan
White शाखे वही है पत्ते भी आएंगे आज वक्त खराब है कल अच्छे भी आएंगे । ©Sahil Khan #mango लिकने वाले ने क्या खूब लिखा ही # वा
Thakur Sanket Singh
White छोटी सी बात पर उसका लहजा बदल गया वो देखते ही देखते कितना बदल गया ©Thakur Sanket Singh #Night #Love Internet Jockey Gunnu. S.Thakur Dhyaan mira Sonam Singh(वि❣️रेखा💗) Anushka Verma
Thakur Sanket Singh
Black इतनी मुसलसल धूप थी अब के बहार में जलनें लगे हैं फूल एक तेरे इंतेजार में ©Thakur Sanket Singh #Thinking #gunnu #Love Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Dhyaan mira Ra. Thakur Sonam Singh(वि❣️रेखा💗)
Thakur Sanket Singh
White जनाब देखो भाई ऐसा मेरा दिल मोम जैसा है ©Thakur Sanket Singh #eidmubarak #Eid #tum Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Sonam Singh(वि❣️रेखा💗) LakShmi KuRmi sharmahimani2001
#eidmubarak #Eid #tum Internet Jockey Satyaprem Upadhyay Sonam Singh(वि❣️रेखा💗) LakShmi KuRmi sharmahimani2001 #शायरी
read moreShiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
कविता #शायरी
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