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Shiv k Shriwas

अंधेरों का तलबगार ##

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अंधेरों मे भी देखने का हुनर आ गया है..

पता नही रोशनी ज्यादा हो गई है,

या अंधेरा कम हो गया है....।।

     Shiv k Shriwas #अंधेरों का  तलबगार ##

Safeek

मकसद का तलबगार मिला! #शायरी

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भारतीय शाकाहार संघ अकोला

मैं तेरी बादशाहत का तलबगार नही

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मैं तेरी बादशाहत से इंकार करता हु..
मैं तेरी सल्तनत का तलबगार नही हु..
मैं अपनी ही रो में बहता हु
पत्थरो से टकरा कर छितर जाऊ
वो मै धार नही हु.
रमेश तोरावत जैन
अकोला
मोब 9028371436 मैं तेरी बादशाहत का तलबगार नही

Mahesh Mahi

तलबगार #Gif

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कर लो खुद को बडा आसमा से भी..
समन्दर से भी....
तर्सोगे इक दिन मुझ जैसी जमी़और नदी के लिये..

माही




 #gif तलबगार

संजीव निगम अनाम

Pyar ki taakat  वो फुर्सत निकालो इशारा तो दे दो,
हो मौका मिलन का दोबारा तो दे दो।

तलबगार तेरे,हो दीदार तेरा,
पलक भर झलक का उजारा तो दे दो।

न ये जान जाती,सकूं भी न पाती,
जो लम्हा खुशी का,हो यारा तो दे दो।

फना हो लहर सी,लिपट सो रहूं में,
किनारो का मुझको सहारा तो दे दो।

भले एक पल की,हो खुशियों की आमद,
वो लम्हा हमें तुम,हमारा तो दे दो।

शरीफी छुपे है बहाने बनाती,
जरा अपनी चाहत,आवारा तो दे दो।

दही सोंठ टिक्की,बताशा भी तीखा,
कभी चटपटा ही,चटकारा तो दे दो।

वो पहली नजर का,चकाचौंध आलम,
उन्ही कनखियो का,नजारा तो दे दो।

है सांसे रुकी सी,बिना देख जिसकी,
उसे जेब खर्ची,गुजारा तो दे दो।

©संजीव निगम "अनाम" #तलबगार

Qalb

कौन करता था वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे,
हम तो तुम्हारी झूठी तसल्लियों के भी तलबगार थे ... #तलबगार

""Mantu Kumar

तलबगार,,,

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,,,,इस कदर न तू
मुँह मोड़ जानी
कहीं तेरा दिल मेरा तलबगार हो गया 
तो 
फिर मुँह न दिखा पाओ,,,, तलबगार,,,

Babli BhatiBaisla

तलबगार #शायरी

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लगता है लौट चलने का मन हो रहा है
जी लिए बहुत अब मरने का मन हो रहा है
हमारे ना यार रहे ना हम ज़माने के  तलबगार रहे 
खुद की बेकायदा तन्दरूस्ती के चलते हम बेकार रहे
जिन दोस्तों से हारने का रंज बेहिसाब होता था 
और जीतने की खुशी बेहिसाब होती थी
उन्ही दोस्तों की कमी भी बेहिसाब खरोंचती है
जिंदगी एक मोड़ पर आ कर सांसों को कोसती है
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla तलबगार

Vivek

# तलबगार #कविता

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Vaseem Akram Sheikh

आपके प्यार और दुआओं का तलबगार हूं #शायरी

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