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dilkibaatwithamit

इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं किस ने इस बार हमें रंग लग

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इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है
ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है

अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं
किस ने इस बार हमें रंग लगाया हुआ है

©dilkibaatwithamit इतनी शिद्दत से गले मुझ को लगाया हुआ है
ऐसा लगता है कि वक़्त आख़िरी आया हुआ है

अब के होली पे लगा रंग उतरता ही नहीं
किस ने इस बार हमें रंग लग

Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]

#dodil #["#बेवफ़ाई का #आख़िरी #मक़ाम"] shayari sad love shayari

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["बेवफ़ाई का आख़िरी मक़ाम"]

अब इंतज़ार का सिलसिला ख़त्म हुआ,
 बेवफ़ा प्यार का सिलसिला ख़त्म हुआ! 

जो अश्क़ बहते थे रातों के साए में,
 वो भी सूख गए, अब फ़ासला ख़त्म हुआ!

©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #dodil #["#बेवफ़ाई का #आख़िरी #मक़ाम"] shayari sad love s#hayari

brocken heart comments me apna apna love ka name

#Sad_Status बेपनाह मोहब्बत का आख़िरी पड़ाव इक लंबी सी ख़ामोशी 💔 sad status in hindi sad shayari sad status sad shayari in hindi Aaj Ka Panch

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White तेरे बदलने का दुख नहीं है मुझको,
मैं तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं..!💔😢

बेपनाह मोहब्बत का आख़िरी पड़ाव
इक लंबी सी ख़ामोशी 💔

©brocken heart comments me apna apna love ka name #Sad_Status बेपनाह मोहब्बत का आख़िरी पड़ाव
इक लंबी सी ख़ामोशी 💔 sad status in hindi sad shayari sad status sad shayari in hindi Aaj Ka Panch

Shayraa

[आख़िर क्या हे खामोशी] लिहाज़ या कमज़ोरी? # thoughts about love failure # a love quotes # life quotes

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[आख़िर क्या हे खामोशी]
लिहाज़ या कमज़ोरी?

©Shayraa [आख़िर क्या हे खामोशी]
लिहाज़ या कमज़ोरी?
# thoughts about love failure # a love quotes # life quotes

theABHAYSINGH_BIPIN

दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़

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दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़ुद को कब तक बाँधोगे।

वक़्त के साथ बेहिसाब ग़लतियाँ की हैं तुमने,
सलाखों के पीछे ख़ुद को कब तक छुपाओगे?
जो कभी साथ छांव सा था, वह अब छूट गया,
आख़िर खुद से ये जंग कब तक लड़ोगे।

लोग माफ़ी देते हैं एक-दूसरे को अक्सर,
आख़िर तुम खुद को कब तक सताओगे।
रिहाई जुर्म से नहीं मिलती, यह तो मालूम है,
आख़िर ग़लतियों पर कब तक पछताओगे।

प्रकृति में सूखी डालें भी बहार में पनपती हैं,
खुद को सहलाने का वक़्त कब तक टालोगे।
वक्त हर नासूर बने ज़ख्मों को भी भरता है,
आख़िर ज़ख्मों को भरने से कब तक डरोगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़

Anjali Singhal

"गिन रहा है दिसंबर अपनी आख़िरी साँसें! जनवरी खड़ी है तैयार थामने उसकी यादें!!" #AnjaliSinghal #december #january shayari #Quotes #status #

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Anjali Singhal

"एक उनका दीदार ही तो है दिल का क़रार, वैसे तो उनका मिलना है ही है दुश्वार। क्या हुआ जो उन्हें नहीं है मुझसे प्यार, मैं तो करती हूँ ना उनसे प

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Mohammad Ibraheem Sultan Mirza

भोपाल इज्तिमा के आख़िरी दिन का खूबसूरत नज़ारा, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर

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नवनीत ठाकुर

#शमशान में जमीन आज ही करवा लो नाम, आज उस का कल मेरा भी वही ठिकाना होगा। घर वर, बार वार रह जाने सब यहां, आख़िर वहीं जाना होगा। जिन्हें था गुर

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शमशान में जमीन आज ही  करवा लो नाम,
आज उस का कल मेरा भी वही ठिकाना होगा।
घर वर, बार वार रह जाने सब यहां,
आख़िर वहीं जाना होगा।
जिन्हें था गुरूर ये वक्त उनके साथ,
सबको राख में मिल जाना होगा।

©नवनीत ठाकुर #शमशान में जमीन आज ही करवा लो नाम,
आज उस का कल मेरा भी वही ठिकाना होगा।
घर वर, बार वार रह जाने सब यहां,
आख़िर वहीं जाना होगा।
जिन्हें था गुर

नवनीत ठाकुर

#दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा, आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा। मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा, हर सफर की मंज़िल यही ठिकान

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दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकाना होगा।।

वक़्त वक्त की बात है,
जो बुलंद था, वो भी गिराना होगा।
फलक के नीचे सबका मुक़द्दर एक सा,
हर शख़्स को आख़िर मिट जाना होगा।

जिनके कदमों से ज़माना कांपता था कभी,
उनका निशां भी धूल में मिल जाना होगा।
हर खुशी, हर ग़म, बस लम्हों की बात है,
इस खेल में हर किरदार बदल जाना होगा।

©नवनीत ठाकुर #दरवाज़ों पर नाम बदलते रहेंगे सदा,
आज मेरा है, कल तेरा फ़साना होगा।
मिट्टी का हर शख़्स यहां मुसाफ़िर पुराना होगा,
हर सफर की मंज़िल यही ठिकान
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