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अदनासा-
यह ज़िंदगी तो ज़िंदगी है "अदनासा" कहीं पर जर्जर तो कहीं नई नवेली है। लोग लाख दामन थामे इसे मनाते रहे, पर यह ना सगी है और ना सौतेली है। कहीं कुछ मशगूल सी है महफ़िलों में, तो कहीं गमगीन सी बहुत अकेली है। कभी सधी हुई सी सुलझी-सुलझी लगे, तो कभी लगे उलझी सी एक पहेली है। और कितने नामों से ज़िंदगी को नवाज़े, यह ज़िंदगी ना आख़िरी है ना पहली है। ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 https://pin.it/kbFkB7xTv #हिंदी #ज़िंदगी #Life #पहेली #आख़िरी #पहली #जीवन #Instagram #Pinterest #अदनासा मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी पॉजिटिव गुड मॉर्निंग कोट्स फ्रेंड्स कोट्स success मोटिवेशनल कोट्स
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read moreबेजुबान शायर shivkumar
White मैं उस के खयालो से बच के कहाँ जाऊं, वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है..! कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है !! मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना, तेरे दर्द का ये असर आख़िरी है...! मैं जो जिंदगी हूँ तो वो भी हैं अना का कैदी, मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है !! ©Shivkumar #short_shyari #shayri #Nojoto मैं उस के #खयालों से बच के कहाँ जाऊं, वो मेरी #सोच के हर रस्ते पे नजर आता है..! कभी तुम ग़ौर से
#short_shyari #shayri मैं उस के #खयालों से बच के कहाँ जाऊं, वो मेरी #सोच के हर रस्ते पे नजर आता है..! कभी तुम ग़ौर से
read moreचाँदनी
मैंने सारे गम को छिल कर तुम्हें तराशा है मेरी आँखे आज भी पाबंद है तुम तक "जाना " तुम्हें पाना होता तो नजरे झुकी होती खोना होता तो नजर नजर मे बसर करती पर मुझे तो तुम्हें होर मे भी आँखों के मध्य सजाये रखना है किसी एनटिक् की तरह क्योकि तुम मेरे जुस्तजू - ए-गम मे तहफीज किए गए आखिरी नक्काशी होगा ©चाँदनी #आख़िरी नक्काशी
#आख़िरी नक्काशी
read moreShashi Bhushan Mishra
आख़िरी कोशिश भी नाकाम हुई, एक उम्र थी वो भी तमाम हुई, दिन ढ़ल गया पता न चला, अभी तो सुबह थी अब शाम हुई, ज़िन्दगी मारती रही पल-पल, मौत तो बेवज़ह बदनाम हुई, हाल-ए-दिल लिखा जिस पर, वो चिट्ठियां फक़त गुमनाम हुई, कभी रहते थे दर-ओ-बाम में जो, उनकी हस्ती भी अब बेनाम हुई, बात जो दिल ने छुपाई अबतक, हटा पर्दा तो सर-ए-आम हुई, ज़िस्म रखते थे छुपाकर 'गुंजन', नुमाईश अबकी खुले-'आम हुई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #आख़िरी कोशिश भी#
#आख़िरी कोशिश भी#
read moreअदनासा-
इस बे-मुरव्वत मय और इक मिरे दरमियाँ मिरे हाथों में मिरा आख़िरीं जाम है साक़ी पिला दे की ना रहे ख़ूबियां और ख़ामियाँ कल मैं राख हो जाऊं बस ख़ाक हो बाक़ी ©अदनासा- शराब या अन्य किसी भी मादक पदार्थों का उत्पादन, ख़रीद, बेचना, या सेवन करना, समाज, सेहद और देश के लिए हानिकारक है, केवल यह कहना कि यह ग़लत है इससे अच्छा है उस ग़लत के श्रोत को बंद कर दो।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 #हिंदी #शाक़ी #आख़िरी #जाम #राख #ख़ाक #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
शराब या अन्य किसी भी मादक पदार्थों का उत्पादन, ख़रीद, बेचना, या सेवन करना, समाज, सेहद और देश के लिए हानिकारक है, केवल यह कहना कि यह ग़लत है इससे अच्छा है उस ग़लत के श्रोत को बंद कर दो।💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 #हिंदी #शाक़ी #आख़िरी #जाम #राख #ख़ाक #Pinterest #Instagram #Facebook #अदनासा
read moreअदनासा-
जीते जी मिरी रूह को इंसानों ने नोंच-नोंच कर खाएं है बेहतर यह कि मिरी लाश का जब कभी आख़िरी दौर हो मैं किसी अंजान जगह मगर इंसानों से दूर बहुत दूर रहूं जहां चिल्ह कौए नोंच-नोंच के खा जाएं और ग़म ना हो ©अदनासा- #हिंदी #इंसान #दूर #दौर #आख़िरी #रूह #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा
#हिंदी #इंसान #दूर #दौर #आख़िरी #रूह #Instagram #Pinterest #Facebook #अदनासा
read moreMď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
💟"ÂĺōÑē ŠĥãƳæŔ"💟 अगर मैं तुम्हें भुलाना भी चाहूँ तो कभी भुला नहीं पाऊँगा। क्योंकि पहली और आख़िरी मोहब्बत सबको याद रहती है ©Writer_Md Alfaz" "Sयरी K. दिवाN." #ramsita #पहली और #आख़िरी #मोहब्बत
Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]
💥Aधूरे Aल्फाज💥 अधूरी इश्क़ की आखिरी कहानी, यहाँ सबको अच्छी लगती है....!! ©Md Alfaz #quotation #आख़िरी #सफ़र
Rabindra Kumar Ram
" ये आख़िरी लम्हों की बात होगी , फिर कहीं तु फिर कहीं मैं फिर ये बरसात होगी , फकत जो हुआ सो हुआ ना तेरी गलती ना मेरी कोई भूल , लम्हें यूं ही मिल के बिछड़ने थे तो क्या करते , तुझे इल्म होगा मेरे खामोशि का जब कोई तुझ से बात करने को नहीं मिलेगा." --- रबिन्द्र राम " ये आख़िरी लम्हों की बात होगी , फिर कहीं तु फिर कहीं मैं फिर ये बरसात होगी , फकत जो हुआ सो हुआ ना तेरी गलती ना मेरी कोई भूल , लम्हें यूं ही मिल के बिछड़ने थे तो क्या करते , तुझे इल्म होगा मेरे खामोशि का जब कोई तुझ से बात करने को नहीं मिलेगा." --- रबिन्द्र राम
" ये आख़िरी लम्हों की बात होगी , फिर कहीं तु फिर कहीं मैं फिर ये बरसात होगी , फकत जो हुआ सो हुआ ना तेरी गलती ना मेरी कोई भूल , लम्हें यूं ही मिल के बिछड़ने थे तो क्या करते , तुझे इल्म होगा मेरे खामोशि का जब कोई तुझ से बात करने को नहीं मिलेगा." --- रबिन्द्र राम
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