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rhythmic_expressions_
White ☺️😊☺️😢😢 ©rhythmic_expressions_ @# वो जानबूझकर रूठा था।
@# वो जानबूझकर रूठा था।
read moreHimanshu Prajapati
ना खुशी थी ना वफ़ा था, मोहब्बत एक तरफा था, मेरे दिल में वह था लेकिन उसके दिल से मैं दफा था..! ©Himanshu Prajapati #HeartBook ना खुशी थी ना वफ़ा था, मोहब्बत एक तरफा था, मेरे दिल में वह था लेकिन उसके दिल से मैं दफा था..! #36gyan #hpstrange
#HeartBook ना खुशी थी ना वफ़ा था, मोहब्बत एक तरफा था, मेरे दिल में वह था लेकिन उसके दिल से मैं दफा था..! #36gyan #hpstrange
read moregaTTubaba
White सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें" ©gaTTubaba #Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
#Thinking सबसे बड़ा झूठ निकला ये तो की "तुम्हारी नहीं हैं तलाश हमें"
read moreF M POETRY
White वो दिल में समाया था सच बोलकर.. मगर था फरेबी निकल भी गया.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #मगर था फरेबी.....
#मगर था फरेबी.....
read moreAkash gautam s n
हमे इकरार करना चाहिए था मुकम्मल प्यार करना चाहिए था ये सोचा था कि मर जायेंगे तुम बीन जो सोचा था तो मरना चाहिए था ©Akash gautam s n #covidindia करना चाहिए था
#covidindia करना चाहिए था
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आहिस्ता उसने ज़हर के करीब किया। ख़्वाबों में रंग भरकर हकीकत से दूर किया, दिल में बसे अरमानों को चूर-चूर किया। जो मुस्कुराहट मेरी पहचान हुआ करती थी, उसने हर ख़ुशी का अंधेरा सा नज़ारा किया। यकीन करके जिसके साथ चलने निकला था, उसने हर मोड़ पर मुझसे किनारा किया। अब समझ आया उसकी चालों का खेल, उसने अपने फायदे के लिए मुझ पर वार किया। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आह
#Sad_Status ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आह
read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
read moreLili Dey
माना कि तेरे रास्ते और मेरे रास्ते अलग था, मगर एक रोज मुलाक़ात तो हुआ था, दोस्ती भी हुई थी और इश्क भी हुआ था, मेरे इज़हार तुझे नापसंद था और तेरे इनकार मुझे चुभता था, फिर भी हमारे बीच कुछ तो था, मगर यह बता ही नहीं जो था वह क्या था ? ©Lili Dey क्या था
क्या था
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