Find the Latest Status about रामायण उर्मिला from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, रामायण उर्मिला.
yogita upadhyay
💕उर्मि में न कह पाऊंगा💕 राज नन्दनि जनक दुलारी उर्मिकि ये कहानी है। रामायण में समाए एक नई कहानी है वन में सीखा तुम बिन जीना पर तुम्हारा जीवन कैसे बिता ये कैसे समझाता में। संग पति के होली सीता वन में भी सुख पायहे फिरभी तेरात्याग समर्पण लोगो ने क्यू बिसराया हैं। सच कहता हूँ पल घड़ी घट बीती ये पल पल तुमने जाना है फिरभी तेरा त्याग समर्पण लोगो ने क्यू बिसराया है । बनी सेविका अयोध्या रानी माँ को सुख पहोचाया हैं पत्नी बनकर विरह तपन की धूप ने तुम को भी झुलसाया है । फिरभी तुम मुसकाती रहती ये सबने बिसराया है सच कहता हूं त्याग समर्पण लोगोने बिसराया हैं। में मूक बनकर भी समझता रहा वन में भी तुमको जाना हैंपर न जाने क्यू लोगोने तुम को यू बिसराया हैं मेरा जीवन तेरा जीवन राम में ही समाया हैं उर्मि तेरा त्याग समर्पण लोगोने बिसराया है सजल नयन में नीर भरकर सुख के दीप जलाएं है उर्मि तेरा त्याग समर्पण लोगो ने बिसराया हैं ©yogita upadhyay #उर्मिला एक नारी रामायण में समाए# समझना एक खूब सूरत कविता #Mic
shubhangi sharma
माता उर्मिला, राह तके उर्मिला के नैन भर आये है, आये है राम सिया संग प्रियतम भी आये है। आये है जो प्रियतम थोड़ा तो निहारूँ मैं, निहारूँ उन्हें या संजोय अश्रु बहा दू मैं। ©shubhangi sharma माता उर्मिला
माता उर्मिला #समाज
read moreSONU SUTHAR
बहना का जीवन सूरज सा प्रकाश पाए। चन्द्रमा आपके जीवन को शीतल बनाए। मेरी बहना जल्दी घर आए। फिर मिल हम धुम मचाए। हर खुशी आपके जीवन में आए। बहना हर पल मुस्कुराए। हर दिन जन्मदिन सा हो जाए। उर्मिला को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ©SONU SUTHAR उर्मिला #doubleface
उर्मिला #doubleface #विचार
read moreऋतुराज पपनै
"विरहिन के हृदय दीप" (प्रथम सर्ग:-" उर्मिला") विरहिन के हृदय दीप को किसने जलता देखा है। मिटते मिटते अमिट हुई प्रेम की पावन रेखा है। राम विरह में सिया को देखा कृष्ण विरह में राधा को। लक्ष्मण विरह में चौदह बरस "उर्मिला" को किसने देखा है? ©ऋतुराज पपनै #विरहिन_के_हृदय_दीप_प्रथम_सर्ग_ #उर्मिला
पूर्णिमा
Urmila ki manodasha . मन में उठती व्याकुलता ओ को अब किससे मैं कह दू मन इतना जायदा विचलित है मैं कितना जायदा रो लू प्रियतम बिन एक पल भी लगता है सौ बरस सा चदौहा वर्ष उनके विरहा अब कैसे मैं सहलू मन इतना ज्यादा विचलित है .... ले जाते मुझे जो वन अगर मैं संग में विचरण करती पाव में चुभते काटे अगर मैं फिर खुश रह लेती मैं घास फूस और शैल की चट्टानों पर सो ली वन उपवन में रहे रहकर मैं ऐसे खुश रह लेती ए भवन महल अटारी लगता मुझको निष्काम है एक फूलों के बिस्तर भी लगता कंकर समान है कब आएंगे लखन मेरे मैं हर पाल मार्ग निहारता हूं उनकी बिन कितनी अधूरी है उनसे कहना चाहती हूं ....pu ©पूर्णिमा #उर्मिला की मनो दशा#
Rajni Vijay singla
उर्मिला का भी कोई फिक्र करो उर्मिला का भी कोई जिक्र करो बिन लखन तड़पती 14 बरस ना कोई संदेश, ना कोई दरस महलों में रहकर भी जोगन बिरहा की शूली पर यौवन त्याग उसके पर थोड़ा गौर करो उसकी महिमा मे कुछ ग्रंथ भरो अधूरी उस बिन पूरी राम कथा उसने भी सही थी खूब व्यथा ©Rajni Vijay singla #arabianhorse उर्मिला का त्याग
#arabianhorse उर्मिला का त्याग #Ayodhya
read more