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Digant Dusara
🔱 बैठा है शमशान में वो लिये कपाल, साथ डमरू त्रिशूल है और जटा विशाल, भैरव गोरख अघोर नाग और पूजे चांडाल, सबको साधे सबको तारे महाकाल 🔱 #जय_हो_कालिके_महाकाल_आह्वानम् #अहम्_ब्रह्मस्मि_महाकाली_शक्ति_आह्वानम् अलख निरंजन 🙏
A.N. CHAUBEY
दो साधुओ की हत्या नही पूरे सनातन धर्म की हत्या हुई है।दोषियों को शिघ्र सजा होनी चाहिए जय श्री राम #अलख
Naveen
भगवान ने जब ये सुन्दर संसार बनाया चलाने के लिऐ हर जीव सजाया चिटी से लेकर इंसान तक सबको अपना संसार दिलाया कहा नियम धर्म में रहना पूजा करो और दयाधर्म बतलाया... पर इंसान को कुछ समझ न आया पूजापाठ छोड़कर वो मदिरापान में गया फिर ईश्वर ने सैतान बनाकर पिछे इंसान के लगाया फिर दौड़कर राम प्यारा भगवान दरपर अपनी गाथा गाया बोले परमब्रह्मा बेटा मेरी बात न मानी यही थी मेरी अलौकीक कहानी जैगौरीशंकर जै माँ भगवती जैगोरिल देवता जै ईष्टदेवता आदेश आदेश... ¥¥नवीन¥¥ अलख....
Parasram Arora
ईश्वर अनाम हैं नाम मे उसे मत घसीटों वह अरूप हैं रूप का आग्रह त्यागो वह निराकार हैं तुम उसे आकार देने की कोशिश मत करो ©Parasram Arora निराकार निरंजन
Sahil tailor
dilip khan anpadh
अलख जगा ********** जाग-जाग तू अलख जगा चढ़ हिमतुंग, बन ज्वार कभी बन ज्वाला तू धधक-धधक मरुभूमि सा तू लहक कभी तू धीर ना बन,तू भीरू ना बन तू भाग भाग, तू जलध बना तू स्वेत श्याम बादल बन जा कभी खूब निखर, वर्षा बरसा तू दूर क्षितिज छू उड़-उड़ कर तू घुमड़-घुमड़, बिजली छटका तू मुड़ ना कभी,तू झुक ना कभी तू बेग प्रचंड आंधी बन जा धिक्कार स्वयं का सीमित मान तू हासिल कर नित दिव्य ज्ञान कर दिनकर को मुट्ठी में बंद तू काल बन,ना हो बेग मंद कर निज का अब तू, शांति भंग जल चटख-चटख,बन अग्नि अंग हुंकार कर,चीत्कार कर निज में ऊर्जा भरमार कर हासिल है,तुमको प्राण पुंज विस्तृत कर अब विश्राम ना कर तू जाग-जाग तू अलख जगा..... दिलीप कुमार खाँ"""अनपढ़"" #piano #अलख जगा
Lalit Rajput
सुहाने मौसम में सुहाना सा सफर, जैसे होने लगा हो दारू का असर। वो मुझे ऐसे अच्छी लगती है, जैसे हो महोब्बत का असर। जबानी के इस मोड़ पर उसकी हर बात अच्छी लगती है, वो गाली भी दे तो फूलों की बरसात लगती है। हम उसे देख कर कुछ इस तरह खो जाते हैं, कि दिल की बात जवां तक नहीं ला पाते हैं। कही ठुकरा न दे वो महोब्बत मेरी, ये सोचकर दिल को समझाते है। प्यार में क्या रखा है, चल दोस्ती का अलख जगाते हैं।। दोस्ती का अलख...