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Das Sumit Malhotra Sheetal
कविता: प्यार जुदाई और दीवानगी। जरा-जरा सी हल्की-हल्की सी उनकी कमी है, कभी आते हैं पास तो कभी हो जाते हैं दूर। जब-जब देखते हम उनको तो खिल जाता हमारा चेहरा, ना देखे उन्हें लगता बसंत में भी पतझड़ का मौसम आ ठहरा। वो हर पल हर लम्हा हर क्षण कितना है प्यारा, जिसे बांधा है इस रिश्ते में वो कितना सच्चा है। एक दो तीन और चार और इन चार दिन में समाया प्यार, क्या होगा पढ़कर जो प्यार ना समझे प्यार। जैसे घड़ी नहीं चल पाती बिना सैल यार, हमारा दिल भी घड़ी है जो उनके प्यार रुपी सैल बिना बेकार। साया बनकर मोहब्बत अपनी हम निभायेंगे, जीते-जी ना सही तो मरकर अपना प्यार का फर्ज निभायेंगे। प्यार होता है पगला और दीवाना ये सारी दुनिया ने माना, फिर प्यार का दुश्मन क्यों जमाना जाने कि शमा पर क्यों मिटता परवाना। समाप्त। धन्यवाद जी और tc. सुमित.शीतल। कविता: प्यार जुदाई और दीवानगी।
Ravita Prajapati
मुझसे पहले भी तेरी महोब्बत में कोई हलाल तो हुआ ही होगा! चल ज्यादा न सही... बिछड़ने पर मेरे तुझे मलाल तो हुआ ही होगा! जानती हूँ किसी से कुछ नही कहोगे तुम! पर थोड़ा ही सही... मेरी महोब्बत पर सवाल तो हुआ ही होगा! #जुदाई #कविता #शायरी #विचार #कला
अतुल कुमार सिंह
हाथ थामा था मैंने, जब वो तन्हा रहे जब बारी उनकी आई, छोड़ कर चल दिये दिल था मेरा खिलौना, वो खेले बहुत वादे निभाने हुए तो, तोड़ कर चल दिये #कविता #प्यार #दिल #जुदाई #शायरी
CalmKazi
अपनों ने न पूछा कुछ गैरों ने न कहा। आपने एक दिन मुझे अपना कहा।। चाहते तो थे हम कुछ लम्हों की तसल्ली, क्या करें कमबख्त! लम्हों को ये मंज़ूर न था।। जुदाई #CalmKaziWrites #YQDidi #Hindi #कविता #Poetry
अल्फ़ाज़ الفاظ Alfaaz
जा तो रहे हो छोड़ कर, बस भूल मत जाना। बुलंदियां छूना आसमानों की, पांव ज़मीं पर रख कर।। अल्फ़ाज़ की जुदाई
sushant chauhan
चलो जुदाई की एक रस्म अदा करते हैं मेरे जिस्म से तेरी रूह जुदा करते हैं @shaayar_adhi_ke_alfaaz जुदाई की रस्म
Pyari si Aahat
दोस्तों की जुदाई का ग़म न करना, दूर रहे तो भी मोहब्बत कम न करना, अगर मिले ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर, तो हमे देख कर आँखें बंद न करना। ©Kumar Vinod दोस्तों की जुदाई
deewana ajeet ke alfaj
अहद दर अहद दिल ए कुव्वतो में कमी आने लगी है। तिरे ठीक जाने के बाद चश्म में नमी आने लगी है।। जब चलता हूँ तेरी यादों को संभाल नही पाता हूँ,, तिरी जुदाई से बदन में कपकपी आने लगी है।। ढूढता फिरता हूँ तुझे ,अपने ही अन्दर जाना। आजकल मेरी सांसो में कमी आने लगी है।। क्या हो गया है इन वैरी कदमो को जो रुके ,, लगता है यार की गली आने लगी है।। में क्या सुन रहा हूँ वो जाने वाली है। अब मौत से मुलाकात होने वाली है।। deewana ajeet यार की जुदाई