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वंदना ....
White साँसे धीमी ........ और धड़कनें तेज़ .........ये फासले है या नज़दीकियां.... ©वंदना .... #ढलता वक्त....और ये #कश्मकश ..... #क्या बढ़ रहा है और क्या ढल रहा है....?😇🤗☺️🙏🌹🌹
gaTTubaba
White हम जानते हैं उम्र ढल रही हैं तुम तारीफें झूठी करते रहो कहीं नज़र तुम्हारी कमजोर तो नहीं यूँही खामियां भी बताते रहो ©gaTTubaba #good_night हम जानते हैं उम्र ढल रही हैं तुम तारीफें झूठी करते रहो कहीं नज़र तुम्हारी कमजोर तो नहीं यूँही खामियां भी बताते रहो
#good_night हम जानते हैं उम्र ढल रही हैं तुम तारीफें झूठी करते रहो कहीं नज़र तुम्हारी कमजोर तो नहीं यूँही खामियां भी बताते रहो
read moreSarfaraj idrishi
White सुनो उजालो में तो मिल ही जायेगा कोई तलाश उसकी करो जो अंधेरों में भी साथ हो..!! ☺ ©Sarfaraj idrishi #Sad_Status उजालो में तो मिल ही जायेगा कोई तलाश उसकी करो जो अंधेरों में भी साथ हो..!! Islam saloni toke alfazon ki khumari Dr. Naveen Pari
#Sad_Status उजालो में तो मिल ही जायेगा कोई तलाश उसकी करो जो अंधेरों में भी साथ हो..!! Islam saloni toke alfazon ki khumari Dr. Naveen Pari
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा, गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा। बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है, मुकरा हुआ शख़्स अब किस ओर आयेगा। वाजिब है मुझे छोड़कर उसका जाना भी, रास्ते बहुत हैं, जाने कौन किस मंज़िल को जायेगा। जुदाई बहुत हो चुकी, अब उसको पाने की उम्मीद है, तलाश में जंगल अब किस शहर को जायेगा। अकेला सफ़र किस मंज़िल तक जायेगा, दिल की बेचैनी अब किससे सुकून पायेगा। यादों के नक्शे पर कदमों के कई निशान हैं, खुद को खोकर शायद कोई राज़ पायेगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा, गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा। बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है, मुकरा हुआ शख़्स अब किस
गुज़रा हुआ वक्त अब किस दौर से आयेगा, गुज़रा हुआ साथी अब किस ओर से आयेगा। बिछड़े कारवां जिंदगी से लौटने की उम्मीद है, मुकरा हुआ शख़्स अब किस
read moreAnamika Raj
White तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम बहुत संभल कर चले फिर भी फिसल गए हम! किसी ने भरोसा तोड़ा तो किसी ने दिल... और लोगों को लगता है बहुत बदल गए हम! ©Anamika Raj तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम..
तक़दीर ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम..
read moreSandeep Kumar
सुनो, हमारी मोहब्बत इतनी सस्ती नहीं है, ये रातभर की बातें हैं, सिर्फ दोस्ती नहीं है। दिल के एहसास, लफ़्ज़ों में ढल नहीं पाते, ये खामोशी की चीखें है महज़ खामोशी नहीं हैं। ©Sandeep Kumar सुनो, हमारी मोहब्बत इतनी सस्ती नहीं है, ये रातभर की बातें हैं, सिर्फ दोस्ती नहीं है। दिल के एहसास, लफ़्ज़ों में ढल नहीं पाते, ये खामोशी की
सुनो, हमारी मोहब्बत इतनी सस्ती नहीं है, ये रातभर की बातें हैं, सिर्फ दोस्ती नहीं है। दिल के एहसास, लफ़्ज़ों में ढल नहीं पाते, ये खामोशी की
read moreRakesh frnds4ever
White मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंगे तेरे जितने हैं भाई वक़तका चलन देंगे छीनकर तेरी दौलत दोही गज़ कफ़न देंगे जिनको अपना कहता है सब ये तेरे साथी हैं कब्र है तेरी मंज़िल और ये बराती हैं ला के कब्र में तुझको मुरदा बक डालेंगे अपने हाथोंसे तेरे मुँह पे खाक डालेंगे तेरी सारी उल्फ़त को खाक में मिला देंगे तेरे चाहनेवाले कल तुझे भुला देंगे इस लिये ये कहता हूँ खूब सोचले दिल में क्यूँ फंसाये बैठा है जान अपनी मुश्किल में कर गुनाहों पे तौबा ,,,आके बस सम्भल जायें - २ दम का क्या भरोसा है,,,,जाने कब निकल जाये - २ मुट्ठी बाँधके आनेवाले ... मुट्ठी बाँधके आनेवाले हाथ पसारे जायेगा धन दौलत जागीर से तूने क्या पाया क्या पायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - ४ ,,,,,,,, 3 ,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #मौत सबको आनी है कौन इससे छूटा है तू फ़ना नही होगा ये खयाल झूठा है #साँस टूटते ही सब रिश्ते टूट जायेंगे बाप #माँ बहन बीवी बच्चे छूट जायेंग
Lotus Mali
White "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो कभी उस टहन्नी पर घुमा शाम तो शाम ढल गई कबकी मगर इंतजार अभितक ख़त्म नहीं हुवा।" -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali #sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
#sad_quotes "शाम अपनी चादर ओढ़े खड़ी थी और मेरे मन का पंछी अभी भी किसकी राह पर निघाए लिए इंतजार कर रहा था मन पंछी कभी इस मुंडेर पर तो
read moreRakesh frnds4ever
White मौत ने ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था दुनिया से दोनो हाथ खाली थे अब ना वो हलाकू है और ना उसके साथी हैं जंग जो न कोरस है और न उसके हाथी हैं कल जो तनके चलते थे अपनी शान-ओ-शौकत पर शमा तक नही जलती आज उनकी तुरबत पर अदना हो या आला हो सबको लौट जाना है - २ मुफ़्हिलिसों का अन्धर का कब्र ही ठिकाना है - २ जैसी करनी ... जैसी करनी वैसी भरनी आज किया कल पायेगा सरको उठाकर चलनेवाले एक दिन ठोकर खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ ,,,,,,,,,,,,,,,,, 2 ,,,,,,,,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever मौत ने #ज़माने को ये समा दिखा डाला कैसे कैसे #रुस्तम को खाक में मिला डाला याद रख #सिकन्दर के हौसले तो आली थे जब गया था #शान _ओ_शौकत पर शमा
Rakesh frnds4ever
White हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ तू यहाँ मुसाफ़िर है ये सराये फ़ानी है चार रोज की मेहमां तेरी ज़िन्दगानी है ज़र ज़मीं ज़र ज़ेवर कुछ ना साथ जायेगा खाली हाथ आया है खाली हाथ जायेगा जानकर भी अन्जाना बन रहा है दीवाने अपनी उम्र ए फ़ानी पर तन रहा है दीवाने किस कदर तू खोया है इस जहान के मेले मे तु खुदा को भूला है फंसके इस झमेले मे आज तक ये देखा है पानेवाले खोता है ज़िन्दगी को जो समझा ज़िन्दगी पे रोता है मिटनेवाली दुनिया का ऐतबार करता है क्या समझ के तू आखिर इसे प्यार करता है अपनी अपनी फ़िक्रों में जो भी है वो उलझा है - २ ज़िन्दगी हक़ीकत में क्या है कौन समझा है - २ आज समझले ... आज समझले कल ये मौका हाथ न तेरे आयेगा ओ गफ़लत की नींद में सोनेवाले धोखा खायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा - २ ढल जायेगा ढल जायेगा - २ ,,,,,,, 1 ,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
हुए नामवर ... बेनिशां कैसे कैसे ... ज़मीं खा गयी ... नौजवान कैसे कैसे ... आज जवानी पर इतरानेवाले कल पछतायेगा - ३ #चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता
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