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royal_shetkari
Unsplash बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽 ©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
read moreEshwari
अतीव सज्जनपणाची भीती वाटते. अतीव गोड बोलणारे फसवे निघू शकतात... रबडीमध्ये गुलाबजाम टाकून खाणाऱ्यापासून सावध असायला हवं.... ईश्वरी ©Eshwari # अतिरेक म्हणजे विष
# अतिरेक म्हणजे विष
read moreसंगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
read moreDevanand Jadhav
बेजुबान शायर shivkumar
White तुम रह्ते हो खयलो म्र् ©बेजुबान शायर shivkumar तुम पास ना होकर भी , तुम रहते हो मेरे #साथ मे इन #अंधेरी गलीयों को यु , तुम करते हो इन्हे रौशन इस बंजर से बाग को , तुम्ही तो #महकाते हो
बेजुबान शायर shivkumar
मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम नवंबर की सी शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी धूप भी तुम बारिश की बूंद भी तुम बसंत की महक भी तुम पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम पहाड़ों की सुबह भी तुम समंदर किनारे की हवा भी तुम कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा कोई विचार भी तुम रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम तुम शायद सब हो मेरे जीवन में मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम .. ©बेजुबान शायर shivkumar मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे #जीवन का हर #त्यौहार भी तुम नवंबर की सी #शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी #धूप भी तुम #