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Kulvant Kumar
quotesofpainofficial
꧁ARSHU꧂ارشد
अधूरा महसूस करते हैं ख़ुद को आज कल , जैसे छोड़ गया हो कोई तामीर करते करते .. ©꧁ARSHU꧂ارشد अधूरा महसूस करते हैं ख़ुद को आज कल , जैसे छोड़ गया हो कोई तामीर करते करते ... Manisha Keshav Ritu Tyagi Bandita Ishika NIKHAT (अलफ़ाज़ मेरे अप
karishma Gujjar motivation quote
कल मैंने सभी लेखकों को प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए एक मैल लिखा नोजोटो टीम को उसे आप नीचे Coptaion में पढ़ें और नोजोटो टीम की उस मैल पर प्रक्रिया बहुत ही सराहनीय रही पुरा लेख पढ़ें। ©karishma Gujjar motivation quote नमस्कार नोजोटो टीम में करिश्मा जो की आपके हमारे प्रिय नोजोटो ऐप पर लिखते https://nojoto.page.link/JfSNv हुये मुझे एक साल से ऊपर का समय कब
Chetram Nagauri
White जाने किस मोड़ पर खड़ा हूं अजिंदगी मैने उसे पाने के लिए ना जाने कितनी ठोकरें खाई है अब क्या करूं उस तरफ कुआ है इस तरफ खाई है। ©Chetram Nagauri कितनी तकलीफ़ सही है #sadshayari #कलम #पहला_प्यार
Vaibhav's Poetry
White " Nojoto " Creators के 50% Content का Share ले रहा है मतलब मेहनत आपका और लाभ Nojoto का वाह Team Nojoto 🙏🙏 #uninstallnojoto ©Vaibhav's Poetry #mountain Lalit Saxena Mukesh Poonia sana naaz Sanjana Ashutosh Mishra Åãfrēēñ Sonika pal निम्मी की कलम से uvsays Sircastic Saurabh Niaz
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न । खाना सुत का अन्न तो , होना बिल्कुल सन्न ।।२ वृद्ध देख माँ बाप को , कर लो बचपन याद । ऐसे ही कल तुम चले , ऐसे होगे बाद ।।३ तीखे-तीखे बैन से , करो नहीं संवाद । छोड़े होते हाथ तो , होते तुम बरबाद ।।४ बच्चों पर अहसान क्या, आज किए माँ बाप । अपने-अपने कर्म का , करते पश्चाताप ।।५ मातु-पिता के मान में , कैसे ये संवाद । हुई कहीं तो चूक है , जो ऐसी औलाद ।।६ मातु-पिता के प्रेम का , न करना दुरुपयोग । उनके आज प्रताप से , सफल तुम्हारे जोग ।।७ हृदयघात कैसे हुआ , पूछे जाकर कौन । सुत के तीखे बैन से, मातु-पिता है मौन ।।८ खाना सुत का अन्न है , रहना होगा मौन । सब माया से हैं बँधें , पूछे हमको कौन ।।९ टोका-टाकी कम करो , आओ अब तुम होश । वृद्ध और लाचार हम , अधर रखो खामोश ।।१० अधर तुम्हारे देखकर , कब से थे हम मौन । भय से कुछ बोले नही , पूछ न लो तुम कौन ।।११ थर-थर थर-थर काँपते , अधर हमारे आज । कहना चाहूँ आपसे , दिल का अपने राज ।।१२ मातु-पिता के मान का , रखना सदा ख्याल । तुम ही उनकी आस हो , तुम ही उनके लाल ।।१३ २५/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न ।
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Vaibhav's Poetry
White ऐसा नहीं कि दिन नहीं ढलता या रात नहीं होती बस सब अधूरा सा लगता हैं जब तुमसे बात नहीं होती ©Vaibhav's Poetry #Dosti sana naaz Sethi Ji Satyajeet Roy Ashutosh Mishra Niaz (Harf) Gyanendra Kukku Pandey Sircastic Saurabh Anshu writer निम्मी की कलम से
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे