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ankit saraswat
खामोशी की जुबां जो समझे वही बोलने योग्य हैं, प्रेम को वीर रस में बदले वही भोग के योग्य है, रखे बाण पर शीश हमेशा वो वीर अमरता योग्य है, जो खेले वीर लहू से होली वही विजय के योग्य है, जो करे विषपान समाज हित वही अभिनन्दन योग्य है जो करे सामना बन अभिमन्यु वही पुत्र पुत्रता के योग्य है।। #अंकित सारस्वत# #अंकित सारस्वत#
Anjaan Saraswat
एक गीत ००००००००००००००० गीत हवा संग गाती होगी, फूलों संग मुसकाती होगी, दिल में कुछ तो होता होगा, याद मेरी जब आती होगी। बालों को सहलाती होगी, चांद दिखे शर्माती होगी, गोया, मंज़र कैसा होगा, याद मेरी जब आती होगी। राधा सी बन जाती होगी, मन में मुझे रमाती होगी, सोचूं लमहा कैसा होगा, याद मेरी जब आती होगी। मूरत सी हो जाती होगी, रात पड़े घबराती होगी, दीप भी जलता बुझता होगा, याद मेरी जब आती होगी। याद मेरी जब आती होगी।। ०००००००००००००००००० पंकज 'अंजान' सारस्वत #अंजान#सारस्वत#नवगीत#
Anjaan Saraswat
दोहा: सजनी बैठी सोचती, साजन मीलों दूर/ मैं घर में मजबूर हूँ, वह बाहर मजबूर// #अंजान सारस्वत#दोहा
Anjaan Saraswat
पहली बार मिले और मिलकर प्यार हो गया होले-होले वो ही मेरा संसार हो गया सोचा ना था जिसके बारे में दिल ने दशकों उससे शुरू धड़कन का कारोबार हो गया #अंजान सारस्वत#शायरी
Anjaan Saraswat
ऐसी बी हैवानगी होंदी ऐ हिंदोस्तान च। बच्चिआं बी पेदियां थ्होंदीयां कूड़ेदान च।। # पंकज सारस्वत#अंजान#शायरी
Anjaan Saraswat
शिक्षक दिवस पर मेरे सभी गुरूजनो को समर्पित: मुर्शद मेरा रांझड़ा, मीठे बोले बोल। मेरा जीवन कर दिया, है तिस ने अनमोल।। #गुरू महिमा#अंजान सारस्वत#
Anjaan Saraswat
बचपन और शैतानी बाल कवता: बिल्लु --------------------- चुन्नू-मुन्नू प्यारे गिल्लू लेई आए इक काला बिल्लू चुन्नू आखै, एह् मैं लैना मुन्नू आखै, एह् मैं लैना दौन्नी दी भी होई लड़ाई लड़ी मरोए भाई-भाई दादी आई लाई खड़ाऊं बिल्लू करदा म्याऊं-म्याऊं दादी आखै, गिल्लो आओ बिल्लू मेरै कोल लेआओ भामें एह् ऐ काला बिल्लू एह् बी तुंदे आंगर गिल्लू एह्नै बी अञें होना-जीना बिल्ली मां दा दुद्धू पीना बिल्लू गी बिल्ली कश छोड़ो जाओ तौले-तौले दौड़ो दादी ने जे गल्ल समझाई छोड़ी आए बिल्लू भाई उंदी बी गल्ल समझा आई मुक्की सारी हून लड़ाई --------------------------- पंकज सारस्वत #अंजान सारस्वत# बाल कविता