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Rameshkumar Mehra Mehra
तेरे आने के बाद...... बस तुम्हे ही चाहा........! बस एक गुनाह किया हमनें...!! हमनें सिर्फ..... तुम्हे ही कयू चाहा..!!! है हमने.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # तेरे आने के बाद,बस तुम्हे ही चाहा,बस एक गुनाह किया हमनें,हमनें सिर्फ तुम्हे ही क्यू चाहा , है हमनें.....
K R SHAYER
White में रेगिस्थान हूं, तुम क्यू हरियाली भरना चाहती हो! में गमों का समंदर हूं, तुम क्यू आंसुओं में तैरना चाहती हो ! बुला दो मिटा दो दिल से, और छोड़ दो हमे हमारे हाल में,, में अथाह कब्रस्थान हु, भला तुम क्यू उसमें मरना चाहती हो॥ ©K R SHAYER #Lake में कब्र स्थान दू, क्यू उसमे मरना चाहती हो love shayeri of writer KR shayer Kavyaa Pooja Sharma muskan Kumari Kshitija Anudeep
ਸੀਰਿਯਸ jatt
White इसे बदुआ समझ लेना तुम्हे "मिलेगा धन दौलत हो सकता हैं तुम शोहरत की आदि होगी", याद रखना तुम होगी बर्बाद उस दिन जिससे तुम्हारी शादी होगी ! तुम्हे ना हो कभी जीवन में इस बात ऐहसास देख लेना एक दिन तुम्हारे अपने करेंगे तुझे बर्बाद! जीवन में सब मिलेंगा लेकिन जब प्यार की बात आयेगी इतने लोगो की भीड़ मैं तुम खुद को अकेला पाओगी! कर्मों का फल मिलेगा तुमने एक मासूम की हसी छीनी हैं ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt सबको यही सजा मिलती हैं ! रोना मत सोचना मेरे साथ ऐसा क्यू हो रहा हैं ! क्या बुरे कर्म किए थे ! शायद मैं याद आ जाऊं!
K R SHAYER
*जय श्री श्याम* ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: देना हो तो देदो साथ सावरे, क्यू रोज रुलाता है ! देना हो तो दे दे श्री श्याम, क्यू रोज रुलाता है! मानकर बड़ा भाई तुझे आज, मिडनाइट में शायर KR बुलाता है ॥ देना हो तो देदे श्री श्याम क्यू रोज रुलाता है॥ *_________________________________________* मन ही मन में तुमसे, रोज खामोशी में चैट करता है ! होंगे एक दिन दर्शन मुझे भी, सोचकर तेरा वेट करता है! *माना दूर है, मजबूर है, गर दिल नाम तेरे, फिर क्यू नही श्याम बुलाता है*; देना हो तो देदे सावरे, क्यू हर रोज रुलाता है॥ __________________________________________ ऐसा लगता है मानो श्याम, जिन्दगी से खुशियों की विदाई हो गई ! हूनर बेकार, इज्जत खतम, और बर्बाद पढ़ाई हो गई ! *जलती है फिर से ज्योति दिल में तेरे नाम की,और पॉजिटिव यहशाश दिलाता है; देना हो तो दे दो श्री श्याम, क्यू हर रोज रुलाता है॥ ____________________________________________ तड़पते तरसते,रोते बिलखते एक दिन तेरे द्वार पर आऊंगा में ! गर जो तुमने भी फेर लिया मुंह मुझसे मेरे श्याम, तो याद रखना नही जी पाऊंगा में ! कभी गीत भजन, कभी शायरी तो कभी कविता लिखकर तुझे यह कलमकार रिझाता है ; देना हो तो दे दो श्री श्याम, क्यू हर रोज रुलाता है॥ ___________________________________________ करता हूं कर्म रात दीन, फिर क्यू नहीं मिलता परीणाम मुझे ! चलाना ही पड़ेगा जग में, मेरे सातों नाम तूझे ! *है भरोसा भी, विश्वास भी, क्युकी तू भी कहावत हारे का सहारा चलाता है*; देना हो तो दे दो श्री श्याम, क्यू हर रोज रुलाता है॥ __________________________________________ साथ नही है कोई और हसने वाले हर तरफ है, सो छुपकर रो लेता हूं ! मानो तो मोती है श्री श्याम यह, भेज आज आसुओं से पैगाम देता हूं ! *सुना है संसार का पालन हारी हो, फिर मुझे ही क्यू भूखा सुलाता है*॥ देना हो तो दे दो सावरे, क्यू हर रोज रुलाता है॥ ___________________________________________ आपसे ही मोहब्ब्त थी, मोहब्बत है, और मोहब्बत रहेगी मुझे ! इस 72 धड़कन का पैगाम, आज मानना ही पड़ेगा श्री श्याम तूझे ! अंत में KR तुम्हे ही माता पिता, तुम्हें ही भाई तुम्हें ही कहकर परिवार बुलाता है ; देना हो तो दे दो श्री श्याम क्यू हर रोज रुलाता है॥ *___________________________________________* *जय श्री श्याम* WRITER:- KAVI KR SHAYER,, TONK RAJSTHAN real reader felling*LBP* ©K R SHAYER देना हो तो दे दो श्री श्याम, क्यू हर रोज रुलाते हो real life poetry,of writer KR shayer Muskan mishra muskan singh Kumar Shaurya sana naaz
Anurag Kumar
लोग कहते है की ये वक़्त किसी का गुलाम नही होता फिर ना जाने क्यू तुम्हारी मुस्कान पे वक़्त थम सा जाता है ©Anurag Kumar लोग कहते है की ये वक़्त किसी का गुलाम नही होता फिर ना जाने क्यू तुम्हारी मुस्कान पे वक़्त थम सा जाता ह #Waqt #Time #Love #IPL #New
Poet Kuldeep Singh Ruhela
माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किया था मेने उन सबके साथ जो आज मेरे ऐसे हालात हो गय है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #accepted माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किय
Poet Kuldeep Singh Ruhela
White माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किया था मेने उन सबके साथ जो आज मेरे ऐसे हालात हो गय है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #safar माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किया थ
Poet Kuldeep Singh Ruhela
White माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किया था मेने उन सबके साथ जो आज मेरे ऐसे हालात हो गय है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Road माना ये रास्ते भी आजकल मुझसे गुमनाम से हो गय है जो थे करीब मेरे दोस्त सारे आजकल मुझसे ही क्यू दूर हो गय है आखिर क्या बुरा किया था
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