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balu singh parihar
जिंदगी में सबको अपना बनाने की ज़िद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया ©balu singh parihar सबको अपना बनाने की जिद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
Dalip Kumar 'Deep'
Shayer tera ©Dalip Kumar Deep 🌹🌹✍🏿कमाल कि ज़िद थी उस की😊💕💕💕
Praveen Jain "पल्लव"
76th Mahatma Gandhi Punyatithi पल्लव की डायरी डरे हुये हम सब बाबा सब कुछ अब मिट जाना है चौखट लोकतंत्र की घायल करके सियासी पैतरे वादी करते है लूट रहे है भर भर कर जनता को दहशत पैदा करते भारी है वोट करना अब बेमानी हो गया चार सौ पार करने के लिये एजेंसियों का इस्तेमाल जारी है गाँधी के दर्शन को मिटाकर फांसीवादी ताकत हावी है अहिँसा की ताकत नैतिकता थी जिसमे हर कौम भाषा जीवित रहती थी वोटो की ताकत दम तोड़ती फजीहत लोकतंत्र की होती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #76thMahatmaGandhiPunyatithi अहिंसा की ताकत नैतिकता थी #nojotohindi
Rameshkumar Mehra Mehra
ये फैसला था..... खुदा का या साज़िश थी ,जमाने की...! दूर हम तुमसे उतना हो गए....!! जितना कोशिश की थी...!!! तुम्हारे पास आने की.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # ये फैसला था,खुदा का या साजिश थी,जमाने की,दूर हम तुमसे उतना हो गए,जितना कोशिश की थी,तुम्हारे पास आने की.....
bhim ka लाडला official
HintsOfHeart.
"आप की याद आती रही रात भर'' चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर एक उम्मीद से दिल बहलता रहा, इक तमन्ना सताती रही रात भर"¹ ©HintsOfHeart. #फ़ैज़_अहमद_फ़ैज़ ने यह ग़ज़ल मशहूर शायर मख़्दूम मोहिउद्दीन की याद में लिखी थी। मोहिउद्दीन की ग़ज़ल की पहली लाइन भी यही थी "आप की याद आती रह