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Anjali Singhal
Unsplash "सुलगकर चिंगारी उनके जज़्बात की, जल रही है दिल में एक याद सी।" ©Anjali Singhal #lovelife "सुलगकर चिंगारी उनके जज़्बात की, जल रही है दिल में एक याद सी।" #sad #dard #nojoto #shayari #quotes #love #lovestatus #dil #Anjali
Das Sumit Malhotra Sheetal
गर्मी से नहीं हमारे शौक से भी लोग जल जाया करते हैं। मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क म
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
White कोई कह रहा था कि "भलाई का जमाना नहीं"। और एक मैं हूं कि इस बात को ही माना नहीं।। एक दिन बुराई की हार होकर ही रहेगी "मनु", वही बुरा बनेगा जो इस बात को माना नहीं।। ©मनोज कुमार झा "मनु" कोई कह रहा था कि "भलाई का जमाना नहीं"। #दुनिया #भलाई #bharat #मनु
neelu
White भजन सुनते थे बचपन में.. घर ना किसी का बसा सको तो झोपड़िया मत जला देना.. मरहम पट्टी कर ना सको तो घाव भी मत लगा देना दीपक बनकर जल ना सको तो अंधाय1रा भी मत करना पुष्प नहीं बन सकते तो फिर कांटे बनकर मत रहना.... मुबारक हो हमने कर दिखाया ©neelu #love_shayari #भजन #सुनते थे बचपन में.. घर ना किसी का बसा सको तो #झोपड़िया मत जला देना.. मरहम पट्टी कर ना सको तो घाव भी मत लगा देना #दी
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read moreMiMi Flix
"मोंटू, चुटकी और हुकु का बाढ़ से बचाव" - घने बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश से जंगल में खतरा मंडराने लगा। बढ़ते जल स्तर ने जानवरों को
read moregudiya
पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार क्या तुम्हें चक्कर नहीं आते अपने आधे हिस्से में अंधेरा और आधे में उजाला लिए रात को दिन और दिन को रात करते कभी-कभी कांपती हो तो लगता है नष्ट कर दोगी अपना सारा घर बार अपनी गृहस्थी के पेड़ पर्वत शहर नदी गांव टीले सभी कुछ को नष्ट कर दोगी पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो तुम्हारी सतह पर कितना जल है तुम्हारी सतह के नीचे भी जल ही है लेकिन तुम्हारे गर्भ में गर्भ के केंद्र में तो अग्नि है सिर्फ अग्नि पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो कितने ताप कितने दबाव और कितनी आद्रता अपने कोयलों को हीरो में बदल देती हो किन प्रक्रियाओं से गुजर कर कितने चुपचाप रतन से ज्यादा रतन के रहस्य से भरा है तुम्हारा ह्रदय पृथ्वी क्या तुम कोई स्त्री हो तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो -नरेश सक्सेना ©gudiya #NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार
#NatureLove पृथ्वी पृथ्वी तुम घूमती हो तो घूमती चली जाती हो अपने केंद्र पर घूमने के साथ ही एक और केंद्र के चारों ओर घूमते हुए लगातार
read moreबेजुबान शायर shivkumar
"अस्तित्व" सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । नदीजब तक प्रवाह में उफ़ान न हो और जल में शीतलता नही आती । मनुष्य का सिर्फ मनुष्य होना भी काफ़ी नहीं है । सत्कार पाने के लिए ज़रूरी है । बाहों में बल, चेहरे पर चमक उच्च कुल, श्रेष्ठ पदनही तो कम से कम पर्याप्त धन । नैसर्गिक मनुष्य द्वारा ही बनाए गए समाज में सिर्फ़ एक नैसर्गिक मनुष्य होने का कोई अस्तित्व नहीं ! ©बेजुबान शायर shivkumar " #अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक #वृक्ष को #सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
" अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
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