Find the Latest Status about हिंसा की अंग्रेजी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हिंसा की अंग्रेजी.
Durgesh Mishra
इस भेड़ चाल में हम भी चल रहे थे मुख्य बिन्दुओ से हटकर हिन्दू मुस्लिम कर रहे थे इंसायनियत पल पल हरपल मर रही थी हम लाशो से उसका धर्म पूछ रहे थे जो दोस्त कभी साथ बैठकर खाया करते थे आज वो एक दूसरे की जान लेने के लिए घूम रहे थे जो कभी एक तिरंगें के नीचे राष्ट्रगान गया करते थे आज हरे में इस्लाम और केसरिया में हिन्दू ढूंढ रहे थे पता नहीं किस दौर में हम खुद को ढकेल रहें थे आने वाली नस्लों को भी हिन्दू मुस्लिम की आग में झोंक रहे थे जल रहे थे घर दोनो के उस नफ़रत की आग में जिसे लगा कर हम सुनहरे भविष्य का सपना देख रहे थे मुझे नहीं पता हम कब तक लड़ते रहंगे और कब तक सहेंगे शायद इंसानियत के खात्मे तक हम एक दूसरे से लड़ते रहंगे हिंसा का धर्म या धर्म की हिंसा 🇮🇳🇮🇳🙏🙏
md shadab
आज मेरा देश हिंसा की आग मै जल रहा है , ये हिंसा जिसने भी फ़ैलाई है वो घर बैठ कर मजे ले रहा है, इस हिंसा मै हिन्दु मुस्लिम नहीं एक इंसान जल रहा है , अगर गोर से देखो तो आपस का भाईचारा जल रहा है, आज मेरा देश हिंसा की आग मै जल रहा है, ये हिंसा जिसने भी फ़ैलाई है वो घर बैठ कर मजे ले रहा है, इस आग मै सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे देश वासी जल रहे हैं, ना हिन्दु जल रहा है ना मुसलमान जल रहा है . #हिंसा
Ajay kumar Singh
विरोध करने के बहुत से तरीके हैं! गाँधी के देश में विरोध प्रदर्शन के नाम पर इस तरह का उन्माद और उत्पात असहनीय है ।इस तरह के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौर में गाँधी जैसे महात्मा की कमी आज यह देश महसूस कर रहा है । #हिंसा
Vivek Raj Parakh
हो गया इश्क़ तुमसे इसमें क्या खता है मजहब और जात की देदो चाहे जो सजा है। नजरे चार हो गयी तो कोई गलती नही हुई हमने क्या गुनाह किया इश्क़ किया हिंसा नही। इश्क़ किया हिंसा नही। #इश्क #हिंसा #दिल्ली
पूर्वार्थ
प्रेम कभी गर करना तुम, थोड़ा सा ठहरना तुम। पढ़कर दो - चार खोखली बातें इश्क़ की, प्रेम कभी न करना तुम। लोग कहतें हैं प्रेम में परखा नहीं जाता, इस पर विश्वास न करना तुम, प्रेमी हो या प्रेयसी गर प्रेम है तो, जरूर परखना तुम। कहनें को किसी को प्रेमी या प्रेमिका, एक उम्र का इंतज़ार करना तुम। गर लग नहीं रहा रिश्ते में कुछ सही, तो इससे ज़रूर निकलना तुम। गर प्रेम पाश विष जैसा है, सब दिखता धूमिल सा है। ऐसी घड़ी में, अपनों को सब बतानें से न हिचकना तुम। प्रेम कभी गर करना तुम, थोड़ा सा ठहरना तुम।। ©पूर्वार्थ #प्रेम #हिंसा
विश्वदीप(शिक्षक)
मुल्क का ये हाल क्यो है काली सड़के लाल क्यो है जो देश का कत्ले आम कर रहें है उन्हीं के हाथो में तलवार क्यो है देखोगे तो हर मोड पे मिल जाएगी लाशे जवाब खुद हो,फिर ये सवाल क्यो है शहर खाक हो चुका,अब भी सुकुन नही जो दोस्त थे अभी अभी वो दुश्मन क्यो है एकदिन मिल जाना है इसी देशकी मिट्टी मे फिर ये फसाद तेरे मेरे दरमियां क्यो है विश्वदीप सियाशती हिंसा