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CK JOHNY
मैं अलबेला फाल्गुन प्यारे आनंद हर्ष-उल्लास भरा मुझमें महाशिवरात्रि को निराकार ने आकार धरा। मैं फाल्गुन प्रेम प्यार की मेरी मधुर मीठी बोली जन्म-मरण छूटे उसका सखी माधव की जो हो ली। मैं फाल्गुन प्रेम-प्रीत के रंगों की अजब पिचकारी राधा-श्याम संग मैं ही खेलूं प्रिय इंद्रधनुषी होली। कटु तीखी वैर-विरोध स्मृतियों की होलिका जलाऊँ साक्षी मैं जब कामदेव का शिवजी जी ने अंत करा। इंद्रियों के विषय-विकारों की होलिका मिल जलाओ अनन्य भक्ति से प्यारे अपना आवागमन मिटावो। मैं फाल्गुन की मस्त फुहार तेरे रंग सा पक्का प्यार मैं फाल्गुन का मदमस्त गीत संगीत नृत्य उमंग भरा। मैं अलबेला फाल्गुन प्यारे आनंद हर्ष-उल्लास भरा बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फाल्गुन
Nilesh
ये शाम ढ़ल रही सवेरे के लिए वो खुद को खो रहा खुद मे रहने के लिए लोग जिसे कहते इश्क का महीना उसने खुद के दिन घटा लिए फाल्गुन महीने के लिए. ✒️नीलेश सिंह ©Nilesh #फाल्गुन
Er Manish Prajapati
Aa mere pass tujhe apne hathon se sawar du, Laal rang ke gulal se tere gaalon ko nikhar du. Mast lagegi tu in raangon ki fuhar mein… Teri chahat me sanam khud ko es kadar sawar du. Satrangi hawaye chal rahi hai charo aur…, Udd rahe hai jo raang un gulalon ki fuhar du. Es kadar tujhe honthon ka jam-e-bahar du, Aa mere pass tujhe apne hathon se sawar du.!! #razz #राज़ की बात #होली #फाल्गुन का महीना
Navin charpota
_Happy vali holi_☺️ होली रो त्यौहार मनावा सबने गले लगावा रे.. बेर कुंठा ने आग जलावा प्रेम रो रंग लगावा रेे.. हा हुल्लड़ संग चली टोलियां डप, ढोल संग नाचा रे.. धरी रंगारंग,पिचकारी ने सबने घर घर जावा रे.. होली मनावा प्रेम सू चालो फागण रा गुण गावा रे.. अबीर रंग में भंग पड़ी है भंग में सगला नाचे घनघोर रे.. गीतों गाता,फागण री मस्ती में सब हुए बावले करते शोर रे.. आषाढ़ी में छाए बादल जैसे मयुरा नाचे चहुं ओर रे.. वडा वडिलो ने धोक लगाता टाबर*(बच्चे) ढूंढन चाला रे.. सखियां गाती फागण रा गीतों ओर सखा,सखियों रा दीवाना रे.. भाईचारा ने फिर थी बढ़ावा चालो प्रेम थी बेर घटावा रे.. आयो होली रो त्यौहार आयो हस्ता गाता मनावा रे.. @charpota_navin ©Navin charpota #फाल्गुन #Nofear
Deepali Singh
फगुआ आयो हर घर-दर दस्तक पीट के करे ज़ोर फाल्गुन पूर्णिमा की गीत रे थिरक-थिरक अल्पाये फाग-धमार रे लो आयो बसंत की होली हौले हौले दिख रहे खेतों में सरसों इठलाते से मोहे गेहूँ के बालियाँ मंद मुस्काते हुए खिले कुछ चेहरे नुर छलकाते हुए शरम में सिमटे लाल-पीले गीले से अंग-अंग बहके पानी के आग पे मचले तन- मन मस्ती के राग में कभी गुझिया पर ठंढई बहकाती हुई तो आम मंजरी चंदन में लिपटाती हुई हाँथ में पुए पकड़े,मुख में दबे दहीबड़े स्वाद घोले वो गोल-गोल पूड़ी-छोले जब ढोलक,झाँझ,मंजिरे बोले चींख के बस पास एक-दूजे को सब खींच लें ये रंग,गुलाल,धुरखेल जोड़े प्रीत रे नृत्य-संगीत में झूमे उपर-नीचे भीग के मग्न हम बोले जोगी जी धीरे-धीरे! सा रा रा रा रा...जोगी जी धीरे-धीरे! ©Deepali Singh फाल्गुन आयो... #Holi
Brandavan Bairagi "krishna"
।।फाल्गुन के रंग।। फाल्गुन के है रंग अनेक। हरा गुलाबी नीला पीला। लाल नारंगी मटमैला। देते है सन्देश सभी। मिलते है जब हमसे कभी। करते हम पहले प्रभु को अर्पण। शान्ति प्रेम असीम समर्पण। त्याग बलिदान दुखों में सुख की अनुभूति। एक दूसरे से कहते मन की प्रीति। बृन्दावन बैरागी "कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" फाल्गुन के रंग #chill
Pankaj Singh
मेरा निवेदन है कि आप मन लगाकर पढ़िएगा....... रोज उतरे ला चनवा अंगनवा में, हमका अइसन बुझाला फगुनवां में।। मनवां गुलाल होला रोज भोरहरियां, रंगवा में डूबीला...... आठो पहरिया, फाग गावे पयलिया भवनवां में, हमका अइसन बुझाला फगुनवां में।। फगुनी बयरिया हिया में समाइल, कोइल के बोलिया पे जियरा लुभाइल, नैना ढूंढे ला जाने का सिवनवां में, हमका अइसन बुझाला फगुनवां में।। बरबस लिपट जाले लिलरा से बिदिया, आधी आधी रतिया उचटि जाले निंदिया, पपिहा पिउ पिउ पुकारेला मनवां में, हमका अइसन बुझाला फगुनवां में।। सरसों के फुलवा त लागेला अइसन, चम्पा चमेली रातरानी के जइसन, "लाल" सुधिया समाइल परनवां में, हमका अइसन बुझाला फगुनवां में।। ©Pankaj Singh "फाल्गुन" का आगमन ही ऋतुराज "बसंत" का मुख्य द्वार होता है। #Holi Anshuman tripathi