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Sonam kuril
आज देख रंग आसमान का , मन व्याकुल सा हो उठा , मौसम की गरमा गर्मी में , मानव विचलित हो उठा , भभक रही है ज्वाला सी , जाने कितनों के दिल में आग , आ गयी है फैसले की घडी , मत टकराना अबकी बार , ये वक़्त बड़ा ही नाजुक है , धैर्य बनाये रखना यार , है ये धार्मिक मुद्दा , सबकी आस्थाओं का है सवाल , राजनीति के दलदल में फंस , मत तलवार उठाना आज , सुप्रीम कोर्ट के फैसले का , दिल से सब करना सम्मान , हम सब भारतवासी , हम सब से मिलकर बनता है परिवार , सूझ-बुझ और शांति रखना , भाई -भाई का खून मत बहाना आज , सोनम की यही विनम्र गुजारिश है की , जैसे हिंदी बिन उर्दू फीकी है , वैसे ही हिन्दू मुस्लिम के भारत माँ की गोद सुनी है , सब शांति और सौहार्द बनाये रखना देश हित में बहुत जरूरी है| #आज देख रंग आसमान का , मन व्याकुल सा हो उठा , मौसम की गरमा गर्मी में , मानव विचलित हो उठा , भभक रही है ज्वाला सी , जाने कितनों के दिल में आग
Sonam kuril
क्या सोच के लौट रहे हो तुम , या फिर कोई नया घाव , नयी चोट, या कोई नए फरेब नये मनसूबे लेकर लौट रहे हो तुम, या इस सुख चुकी डाली को , फिर तोड़ने के फ़िराक में हो तुम , देखो अब तक वो पुराने ज़ख्म भरे नहीं है , तो अब तुम यूँ शरीफ बन जिंदगी में आने का बहाना छोड़ दो , अब मुझमें इतना धैर्य नहीं , की तेरी झूठी दलीलों को सह सकूँ , या तेरी बातों पर विश्वास करूं , वो कहते है न दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक के पीता है , तो अब मैं कैसे तेरे अल्फ़ाज़ों को सच समझ लूँ , तेरा हर एक हर्फ़ संदेह के दायरे में खींचता है , फिर मैं क्या सोच तेरा हाथ थाम लूँ , मालूम है मुझे तेरे मनसूबे , मेरी फ़िक्र छोड़ जा किसी और का दामन थाम ले, मेरी जिंदगी को जहनुम बनाने का इरादा छोड़ दे , अब किसी को हक़ नहीं की सोनम की जिंदगी यूँ तबाह करे | #nojotohindi #nojotopoems क्या सोच के लौट रहे हो तुम , या फिर कोई नया घाव , नयी चोट, या कोई नए फरेब नये मनसूबे लेकर लौट रहे हो तुम, या
Sonam kuril
दो जिस्मों की भूख का ये सिला हुआ , खिला जो फूल , कचरे के ढेर में मिला , जाने ये कैसी आग उनके जिस्मों को लगी थी , गुनाह उनके , सजा नन्हे कवल को मिला , न कांपे हाँथ उसके जिसने ये गुनाह किया , नन्ही कली को डाली से अलग किया , गुनाह क्या था उस मासूम बच्ची का , उसे क्यों कचरे में यूँ मरने को फेक दिया , कुम्हलायी हुई सी , भूख की मारी , शायद चंद घंटों पहले ही खिली थी वो कली , बेगैरत , बेरहम ने भूखा मरने को भरी धुप में छोड़ दिया , दो जिस्मों की भूख का ये सिला हुआ , खिला जो फूल , कचरे के ढेर में मिला | तुझसे ज्यादा इंसानियत तो , मूक जानवर ने दिखलाई , ले आया मुँह में दबा कर प्यार से , माँ बन प्राण नन्ही कली की बचाई तुम तो भूखे थे जिस्म के , तुझे कहाँ कोई बात समझ आयी , मिले बिस्तरों में दो जिस्म , फिर हो गयी जुदाई , तेरे कुकर्मों की सजा , उस नन्ही कली ने पायी , आत्मा दुखी हो जाती है सोनम की , जाने फितरत इंसान की बनाई , उनकी नाजायज चाहतों का क्या सिला दिया , दो जिस्मों की भूख का ये सिला हुआ , खिला जो फूल , कचरे के ढेर में मिला | दो जिस्मों की भूख का ये सिला हुआ , खिला जो फूल , कचरे के ढेर में मिला , जाने ये कैसी आग उनके जिस्मों को लगी थी , गुनाह उनके , सजा नन्हे कवल
Sonia Miglani
इतनी मस्त चली पुरबाई। उसपर याद पिया की आई। अँगड़ाई कुछ महक गई तो, कुछ मत कहना कुछ मत कहना------ नई नवेली साँस सुहागिन पग धरती जैसे गजगामिन जागी ऐसी प्यास अभागिन पनघट जान लगी पनिहारिन ऐसे में सर से गर चुनरी सरक गई तो कुछ मत कहना यौवन तक ले आया सावन यौवन में पुलकित स्पंदन देह हुई है कुन्दन चन्दन सारी सृष्टि में अभिनन्दन ऐसे में दर्पण की दृष्टि बहक गई तो कुछ मत कहना गीत ग़ज़ल या कोई रुबाई तुलसी की अदभुत चौपाई मैं जब शब्द शब्द इतराई कलियों ने पहिनी तरुणाई तरुणाई में कोई कली गर चटक गई तो कुछ मत कहना माटी की है कौन सहेली कितनों की संगत है झेली फिर भी इतनी रही अकेली माटी ही माटी से खेली पर इसकी तन्हाई कहीं से दरक गई तो कुछ मत कहना ख़ामोशी सन्नाटे चुपचुप खिड़की सब दरवाज़े चुपचुप नैनों के अंगारे चुपचुप गीत मिलन के सारे चुपचुप ऐसे में साँसों की सरगम दहक गई तो कुछ मत कहना ऐसा पहली बार हुआ है पहला पहला प्यार हुआ है तन्हाई पर बार हुआ है जब सोलह सिंगार हुआ है ऐसे में सोनम की चूड़ी खनक गई तो कुछ मत कहना इतनी मस्त चली पुरबाई। उसपर याद पिया की आई। अँगड़ाई कुछ महक गई तो, कुछ मत कहना कुछ मत कहना------ नई नवेली साँस सुहागिन पग धरती जैसे
Vikas Rao
हँसी मैं किसी और का हूं फिलहाल😌 लेकिन तुम ट्राय मार सकती हो🤔😀 तुम्हारा भी हो जाऊंगा 🤣🤣 news12641@gmail.com ओन्ली सोनम बेवफा
Deepak "New Fly of Life"
मेरी सादगी ने चुरा लिया तुझे खुद से ही, और तेरी मासूमियत ने चुरा लिया मुझे खुद से ही, अब दिले अरमां न रहा कुछ भी हर घड़ी हर लम्हां क्या सपनों में भी बसे तू ही!! ©Deepak Bisht #सोनम ए एहसास
DR̶x̶L̶ανK̶υѕнPяαנαpati
ये तो सहनशक्ति की मिसाल है.... कि फूल कुछ नही कहते, वरना कभी ,कांटों को मसलकर दिखाईये..... 🙏 सुप्रभात🙏 🌿आप का दिन शुभ हो🌿 तेरे संग यारा - ©Lօʋɛӄʊֆɦ քʀǟʝǟքǟȶɨ Kavya motivational सोनम शर्मा Sakshi Gupta nojoto creator सोनम शर्मा nojoto creator Sakshi Gupta Kundan Rawat Nîkîtã Guptā