Find the Latest Status about ऐ माँ मेरी यादों को from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ऐ माँ मेरी यादों को.
ABi Aman
sunset nature मेरी यादों को दफ़न करने वाले, पहले मेरे जिश्म को दफना जा! बेशक़ भूल जा मेरी वफ़ा और मोहब्बत को, मगर बेवफा का इल्ज़ाम हरगिज़ मुझें ना देना! ©ABi Aman #sunsetnature मेरी यादों को @#
PRIYA SINHA
Home and Mother 😭👵🏻😭"ऐ माँ"😭👵🏻😭 ऐ ! माँ मुझे सचमुच में तेरी बहुत हीं याद है आती ; तेरा ख्याल मेरे दिल से बिल्कुल भी नहीं है जाती ; हँस तो लेती हूँ कभी मैं जरूर से हीं सबके सामने , पर दिल से तो मैं अब इक जरा नहीं हूँ मुस्कुराती ! ऐ माँ...!!! कभी लगाकर मुझे गले तू थी मुझसे बहुत प्यार जताती ; तो कभी रोने पर मेरे थी मुझे तू प्यार से चुप भी कराती ; पर अब ना आओगी तुम कभी मुझे गले लगाने चुप कराने , इस दर्द को तो खुद हीं मैं खुद को खुद से अब हूँ समझाती ! ऐ माँ...!!! प्रिया सिन्हा 𝟎𝟖. मई 𝟐𝟎𝟐𝟐. (रविवार) ©PRIYA SINHA #ऐ #माँ
Satish Chandra
मैं बिलकुल ठीक हूँ पर मुस्कुराता नहीं आजकल, वो मेरी माँ की तबीयत़ ज़रा नासाज़ है। मेरी मुस्कान, मेरी माँ मेरी पहचान, मेरी माँ मेरी धड़कन, मेरी माँ मेरी जान, मेरी माँ #माँ #YQdidi
Singh Manpreet
#SaferMotherHoodDay के उसे ऐसा क्या दिखता है मुझमे जो दुनियां को नहीं दिखता इसी बात को लेकर रातो में जगता हूँ . मैंने आईने में देखा मै ईतना खुबसुरत तो नहीं जितना मेरी माँ को लगता हूँ. ©Singh Manpreet मेरी माँ को लगता हूँ #SaferMotherHoodDay
anshu yadav
चंद शब्द मा के लिए... क्यों बेटियां पराई होती है ,,,, यह कैसी विडंबना है,,, मैं उस सदी में पैदा हुआ जहाँ यह सुनकर मुझे तकलीफ होती है बेटियां पराई होती है,,,, वो मेरी माँ ही है जो कभी बेटी पराई बनकर इस घर पर आई थी आज जिस कलम से मुझे लिखने का सौभाग्य मिला है उसकी वजह भी मेरी माँ है। मैं कैसे मान लू कोई नारी पराई हो सकती है मैं कैसे मान लू मेरी माँ कभी पराई बनकर मेरे पिता जी के घर पर आई थी। अरे इस कलमकार के कोरे जीवन को रंगने वाली भी तो मेरी माँ है,,मेरा मुख इतना पवित्र नही हो सकेगा की मैं कहूं इस मुख से की बेटी पराई होती है। बेटियां जब पैदा होती है लोग नसीहत देते है यह तो कोमल कमल फूल है जो इस तने में किसी टहनी के रूप में नही रह सकती इसको तो अंत में आखिर किसी मूर्ति पर चढ़ ही जाना होता है। बेटियाँ जब अपने घर होती है कहते है कुछ न कहो बेटी है पराई धन है कुछ दिनों की मेहमान है चली जाएगी, ससुराल में सासुराली कहते है कुछ न कहो पराई है "पर" घर से आई है। ना माइका बेटी का ना ससुराल बेटी का तो बेटी जाये कहाँ। अरे फली फूली टहनियां तनो से जुड़ी होती है, बेटियां जहाँ भी रहे माँ बाप से जुड़ी होती है,,,, बेटियां तो माँ बाप के अंतस के पास होती है अरे बेटी सात समुंदर पार भी खाँस दे तो माँ को अहसास होती है। अरे वो तो हूरों की भी हूर है वो कोई और नही मेरी जन्नत की नूर है। नमन मेरी मा को जन्म देने वाली उस माँ का जिनके छाया तले मुझे मेरी माँ के चरणों में श्रद्धा पुष्प चरणों में अर्पित करने का भाग्य मिला है,,,, नमन,,,, मेरी माँ मेरी माँ.... ✍️✍️✍️ अंशु यादव मेरी माँ मेरी माँ...😊
anshu yadav
क्यों बेटियां पराई होती है ,,,, यह कैसी विडंबना है,,, मैं उस सदी में पैदा हुआ जहाँ यह सुनकर मुझे तकलीफ होती है बेटियां पराई होती है,,,, वो मेरी माँ ही है जो कभी बेटी पराई बनकर इस घर पर आई थी आज जिस कलम से मुझे लिखने का सौभाग्य मिला है उसकी वजह भी मेरी माँ है। मैं कैसे मान लू कोई नारी पराई हो सकती है मैं कैसे मान लू मेरी माँ कभी पराई बनकर मेरे पिता जी के घर पर आई थी। अरे इस कलमकार के कोरे जीवन को रंगने वाली भी तो मेरी माँ है,,मेरा मुख इतना पवित्र नही हो सकेगा की मैं कहूं इस मुख से की बेटी पराई होती है। बेटियां जब पैदा होती है लोग नसीहत देते है यह तो कोमल कमल फूल है जो इस तने में किसी टहनी के रूप में नही रह सकती इसको तो अंत में आखिर किसी मूर्ति पर चढ़ ही जाना होता है। बेटियाँ जब अपने घर होती है कहते है कुछ न कहो बेटी है पराई धन है कुछ दिनों की मेहमान है चली जाएगी, ससुराल में सासुराली कहते है कुछ न कहो पराई है "पर" घर से आई है। ना माइका बेटी का ना ससुराल बेटी का तो बेटी जाये कहाँ। अरे वो तो हूरों की भी हूर है, कोई और नही वो मेरि जन्नत की नूर है। अरे फली फूली टहनियां तनो से जुड़ी होती है, बेटियां जहाँ भी रहे माँ बाप से जुड़ी होती है,,,, बेटियां तो माँ बाप के अंतस के पास होती है अरे बेटी सात समुंदर पार भी खाँस दे तो माँ को अहसास होती है,, नमन मेरी मा को जन्म देने वाली उस माँ का जिनके छाया तले मुझे मेरी माँ के चरणों में श्रद्धा पुष्प चरणों में अर्पित करने का भाग्य मिला है,,,, नमन,,,, मेरी माँ मेरी माँ.... ✍️✍️✍️ अंशु यादव मेरी माँ मेरी माँ...😊
Aarav shayari
मेरी माँ 🌷🌷यूँ ही हम बड़े नहीं हुए ओ माँ ही है जो. मेहनत करती हमे सजाती थी 🌷🌷 कभी खिलती थी कभी पिलाती थी बिन कहे मेरे भूख प्यास यूँ ही समझ जाती थी कभी हंसती थी कभी हँसाती थी कभी बोलना भी ओ सिखाती थी कभी अपनी बीती तो कभी समाज पर बीती बातेँ बताती थी यहि दस्तूर है दुनिया का य़ह कहकर सुलाती थी सुबह उठाती संस्कार बताती थी प्यार जताती थी Parleji का छोटा पैकेट झट से पकड़ती थी यूँ ही हम बड़े नहीं हुए ओ माँ ही है जो मेहनत करती और हमे सजाती थी कभी हंसती थी कभी हँसाती थी दिन रात दुआ करती थी हर मन्दिर गुरुद्वारे में भटकती थी मन्नतें मानती दर्शन कराती थी 🌷🌷यूँ ही हम बड़े नहीं हुए ओ माँ ही है जो मेहनत करती और हमे सजाती थी🌷🌷 ©Aarav shayari #मेरी माँ #मेरी माँ #dost