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Mo.Tanveer Siddiqui
उस बेवफ़ा की नफ़रत में आकर मैं ने सिगरेट का नशा क्या पकड़ लिया, मोहब्बत तो धुआँ हो ही गयी थी अब जिस्म भी धुआँ-धुआँ हो गया!! -T@nveer_&iddiqui... धुआँ-धुआँ _____ //
dilip khan anpadh
धुआं-धुआं ***** देख रहा हूँ, दूर तलक,सब धुंधला, सब धुआं धुआं बुझ गई आशा की लौ,बिखड़ा बस है अब राख यंहा।। मैं राख में जीवन ढूंढ़ रहा, फिर क्यों आंखों को मुंद रहा? जो राख हुआ वो खाक हुआ,फिर किन यादों को चूम रहा ये चक्र समय का घूम रहा,क्यों बोझिल सांसे झूम रहा? इन सांसों में सन्नाटा है, फिर क्यों बिखरा है मौन यंहा? इस मौन में कोई शब्द है क्या?इन शब्दों में संगीत है क्या यह गीत अधूरा सा क्यों है,ये गाने वाला कौन रहा? जो गाते गाते चले गए,वो प्रीत अधूरा कंहा गया जो प्रीत अधूरा बिखर गया,क्या जुड़कर फिर होंठ सजा जो सजा नही वो मिट ही गया,क्या बचा कोई परछाई है क्यों परछाई को ढूंढ रहे,जीवन अनमिट सी खाई है इस खाई में है आग भरा, बिखरा यादों का राख पड़ा ये यादें हैं बस अंध कूप, जंहा सब जलकर है धुआं-धुआं दिलीप कुमार खां"""अनपढ़"" #धुआँ धुआँ
usha
#DelhiPollution सब जगह धुआँ सा ही नज़र आता है निगाहों से जिसे देखूँ वही खोया सा नज़र आता है गुम है सब इस धुएँ की चादर में,कौन अपना है और कौन पराया कोई भी नज़र नहीं आता है ना जाने कितने दिन से गुप्त रखा है हमे इस चादर ने कया बताऊँ अब तो जिंदगी में मौत का भी खोफ़ सा नज़र आता है, गलती इस शहर के लोगों की है जिसको कोई अपना नज़र आता ही नहीं है सब बडे़ मायूस है अब तो अपना भी पराया सा नज़र आता है जो बस अपनी खुशीयो का ही आंगन नज़र आता है सब जगह धुआँ सा ही नज़र आता है..। usha 🙂 # धुआँ ही धुआँ उफ़
Joy Kumar
शाम से धुआँ धुआँ हो रही है हंसी, चाँद से रात का हो रहा है मिलन, चांदनी भी ओढ़े है कोई हया की शरम, घूंघट में छुप के आ रही है रागिनी भी कहीं, मुस्कुराते हुए मिल रही हो तुम भी तो कहीं, रात भी ला रही है ओढ़ी हुई हंसी, तेरी नज़रों ने मेरी नज़रों को दे दी है खुशी, काजल तेरी आँखों का कुछ कह गया है अभी, होंठों पे तेरे भी मुस्कान की छा गयी है हंसी, #NojotoQuote शाम से धुआँ धुआँ ......... #शाम से धुआँ धुआँ हो रही है हंसी,
Dimple Lohar
दूर तक देखने की कोशिश करते है हर तरफ धुंधलापन नज़र आता है मंज़िल तक जाने की कोशिश करते है चारो तरफ धुआँ ही धुआँ नज़र आता है कैसे देखे मंज़र इस हसीन दुनिया का हर मंज़र में आँखो को सिर्फ वहम नज़र आता है इसी वहम में जीते रहे आज तक हम क्यू कि जो होता नहीं,नज़रिये को भी वही नज़र आता है ~~Dimple Panchal #धुआँ
Deepika Rawat
#NoTobaccoDay कब तक भागेगा इस जलते धुएँ की तरफ एक दिन ये तुझे चिलम की तरह निगल जाऐगा। धुआँ
Kunal Salve
क्या हुआ गर तु मेरा नहीं हुआ पसंद था मुझे भी हर एक लिये जल कर राख होकर चारो तरफ फैलकर हो बैठना धुआँ ! #धुआँ
KUMAR MANI(#KM_Poetry)
उनके दिए जख्म मिटाने की ख़ता कौन करे जब दर्द में ही हो मजा तो दवा कौन करे लगी है आग उनके सीने में भी लेकिन अब उसमें घी कौन डाले, हवा कौन करें मुझसे वापस मांग रहे थे वो अपनी चिट्ठियां मुकर जाना था मुझे पर उन्हें मना कौन करे हम सबको पता है परवाना जलेगा लेकिन शम्मा छू लेने से पहले उसको जुदा कौन करें मैं चाहता तो बता देता उनको हकीकत लेकिन वो उनका सुर्ख लाल चेहरा धुआं कौन करे ©KUMAR MANI(#KM_Poetry) #धुआँ