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Lalit shrivastava sabdvanshi
हम ताउम्र किश्तियाँ खेते रहे💔💔 ©Lalit shrivastava Journalist हम ताउम्र किश्तियाँ खेते रहे💔💔
हम ताउम्र किश्तियाँ खेते रहे💔💔 #कविता
read morePrince Govind Singh Rajpurohit Rajpurohit
जय श्री राधे कृष्णा जय श्री खेतेश्वर दाता री सा 🙏 #समाज
read moreN S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} मुल्ला नसरुद्दीन के किस्से:- एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला समय से पहुंचे और स्टेज पर चढ़ गए , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ? मुल्ला ने पूछा . “नहीं ” बैठे हुए लोगों ने जवाब दिया . यह सुन मुल्ला नाराज़ हो गए ,” जिन लोगों को ये भी नहीं पता कि मैं क्या बोलने वाला हूँ मेरी उनके सामने बोलने की कोई इच्छा नहीं है . “ और ऐसा कह कर वो चले गए . उपस्थित लोगों को थोड़ी शर्मिंदगी हुई और उन्होंने अगले दिन फिर से मुल्ला नसरुदीन को बुलावा भेज . इस बार भी मुल्ला ने वही प्रश्न दोहराया , “ क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?” “हाँ ”, कोरस में उत्तर आया . “बहुत अच्छे जब आप पहले से ही जानते हैं तो भला दुबारा बता कर मैं आपका समय क्यों बर्वाद करूँ ”, और ऐसा खेते हुए मुल्ला वहां से निकल गए . अब लोग थोडा क्रोधित हो उठे , और उन्होंने एक बार फिर मुल्ला को आमंत्रित किया . इस बार भी मुल्ला ने वही प्रश्न किया , “क्या आप जानते हैं मैं क्या बताने वाला हूँ ?” इस बार सभी ने पहले से योजना बना रखी थी इसलिए आधे लोगों ने “हाँ ” और आधे लोगों ने “ना ” में उत्तर दिया . “ ठीक है जो आधे लोग जानते हैं कि मैं क्या बताने वाला हूँ वो बाकी के आधे लोगों को बता दें .” फिर कभी किसी ने मुल्ला को नहीं बुलाया ! ©N S Yadav GoldMine #UskiAankhein {Bolo Ji Radhey Radhey} मुल्ला नसरुद्दीन के किस्से:- एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला सम
#UskiAankhein {Bolo Ji Radhey Radhey} मुल्ला नसरुद्दीन के किस्से:- एक बार मुल्ला नसरुदीन को प्रवचन देने के लिए आमंत्रित किया गया . मुल्ला सम #ज़िन्दगी
read morePoonam Suyal
बचपन कितना सुहाना था (अनुशीर्षक में पढ़ें) बचपन कितना सुहाना था वो बचपन भी कितना सुहाना था, बेफिक्री और मस्ती का ज़माना था रहते थे अपनी ही धुन में हम, ज़िंदगी इक खूबसूरत फ़साना था
बचपन कितना सुहाना था वो बचपन भी कितना सुहाना था, बेफिक्री और मस्ती का ज़माना था रहते थे अपनी ही धुन में हम, ज़िंदगी इक खूबसूरत फ़साना था #yqdidi #yqrestzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #rzwriteshindi #rztask317
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