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Anjali Singhal
ARTI JI
White आलशिन रुतबे वाला अल्लाह कबीर है। फजायले अमाल में जिक्र है की वह आलीशान रूतबे वाला अल्लाह कबीर हैं। जो तमाम पोशीदा और जाहिर चीजों को जानने वाला है। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI JI #election_2024 #VoteForIndia #voting #लव #शायरी #कविता #viral #Love आलशिन रुतबे वाला अल्लाह कबीर है। फजायले अमाल में जिक्र है की वह आलीशा
Rimpi chaube
संतुष्ट करो मन को अपने, फिर संतुष्टि से रहिएगा।। नाप तोल के वचन निकालो, अशब्द किसी से न कहिएगा।। है ऐब जमाने मे कई लेकिन, लालच की बात निराली है।। ये सिरमौर है सभी अवगुणों का, इस लालच से दूर रहिएगा।। ©Rimpi chaube सुप्रभात। #लालच_से_दूर संतुष्ट करो मन को अपने, फिर संतुष्टि से रहिएगा।। नाप तोल के वचन निकालो, अशब्द किसी से न कहिएगा।। है ऐब जमाने मे कई ले
ARTI JI
White आलशिन रुतबे वाला अल्लाह कबीर है। फजायले अमाल में जिक्र है की वह आलीशान रूतबे वाला अल्लाह कबीर हैं। जो तमाम पोशीदा और जाहिर चीजों को जानने वाला है। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI JI #sad_quotes #election_2024 #VoteForIndia #voting #लव #शायरी #viral #Love आलशिन रुतबे वाला अल्लाह कबीर है। फजायले अमाल में जिक्र है की वह आ
Rabindra Kumar Ram
" फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करते तेरे तसव्वुर में, जहां तक जाहिर बात बन परती फिर वही दहलीज तक जाहिर किया जाये. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " फिर तुझसे यकीनन कैसे कब कहां क्या मिला जाये , हक़ीक़त बनाम की फिर इसे फ़साना ही रहने दिया जाये , तेरे हिज़्र कि तिजारत फिर किस से क्या करत
BS NEGI
White आरंभ हो... अंत न हो, मन इतना भी स्वतंत्र न हो...* सुख थोड़ा मिले कोई बात नहीं किंतु मन में कोई षड्यंत्र न हो..! ©BS NEGI संतुष्टि
Ranjit Kumar
Jashvant
कब वो ज़ाहिर होगा और हैरान कर देगा मुझे जितनी भी मुश्किल में हूँ आसान कर देगा मुझे रू-ब-रू कर के कभी अपने महकते सुर्ख़ होंट एक दो पल के लिए गुल-दान कर देगा मुझे रूह फूँकेगा मोहब्बत की मिरे पैकर में वो फिर वो अपने सामने बे-जान कर देगा मुझे ख़्वाहिशों का ख़ूँ बहाएगा सर-ए-बाज़ार-ए-शौक़ और मुकम्मल बे-सर-ओ-सामान कर देगा मुझे मुंहदिम कर देगा आ कर सारी तामीरात-ए-दिल देखते ही देखते वीरान कर देगा मुझे एक ना-मौजूदगी रह जाएगी चारों तरफ़ रफ़्ता रफ़्ता इस क़दर सुनसान कर देगा मुझे या तो मुझ से वो छुड़ा देगा ग़ज़ल-गोई 'ज़फ़र' या किसी दिन साहिब-ए-दीवान कर देगा मुझे ©Jashvant कब वो जाहिर Puneet Arora Sunny PФФJД ЦDΞSHI Chanda Nîkîtã Guptā Mukesh Poonia
Manish Jakhmi
किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के मुकाबले ज्यादा सुंदर और संतुष्टिजनक होता है, और जाहिर है कि एक इंसान ऐसे ख्याल तब ही चुनता है जब असली दुनिया में उसे सब चीजे विपरीत ही मिली हो जैसी उसने देखी और सुनी हो या समय दिया हो। मनीष जख्मी। ©Manish Jakhmi किसी के लिए सबसे बेहतर यह भी हो जाता है जब वो मात्र अपने ही ख्यालों में एक दुनिया बना लेता है, जिसका आभास वास्तविकता में असलियत की दुनिया के
Rabindra Kumar Ram
" मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्तियार करें , मुहब्बत की बात है फिर मुहब्बत की कौन सी बात करें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मिलोगी फिर किस हिसाब से तुम से जो मिला जाये , बात जहां तक जाहिर हो फिर वहां तक गुप्तगू की जाये , बोलो तो अब इस रंजूर में कौन सी शक्ल इख्