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Dinesh Kumar Pandey

चेहरे की लकीरें

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New Year 2025 
उम्र के साथ,
परिपक्व होती ये चेहरे की लकीरें,
अंतर बता देती है,
नादानी और जीवन के तजुर्बों का।।

©Dinesh Pandey चेहरे की लकीरें

gaTTubaba

#Newyear2025 दिन बदल जाते हैं साल बदल जाते हैं चेहरे ही क्यों ? आइने भी बदल जाते हैं दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले

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New Year 2025 दिन बदल जाते हैं 
साल बदल जाते हैं 

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं 


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले 
क्यों थक हारकर एक दिन ?

सबको बदलते बदलते 
खुद ही बदल जाते हैं 


हंसने लगे थे सब पत्थर पर की,
"ये बदलता क्यों नहीं ?"


पहचान मिटाकर दौड़ में 
वो भी शामिल हुआ 


कहने लगा , "सब बदल रहे हैं 
चलो हम भी बदल जाते हैं....!"

©gaTTubaba #Newyear2025 दिन बदल जाते हैं 
साल बदल जाते हैं 

चेहरे ही क्यों ?
आइने भी बदल जाते हैं 


दुनिया बदलने की सोच रखनेवाले

theABHAYSINGH_BIPIN

#Book चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं, किसी के सपनों को सजाते हैं। खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान, चलो उसे वापस लाते हैं। गिर रहे हैं आंधियों से

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Unsplash चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से आशियाँ,
चलो नया इक घर बनाते हैं।
भटक गए हैं जो अपने रास्तों से,
चलो उन्हें राह दिखाते हैं।

चलो इंसान को इंसान बनाते हैं,
जो फासले बने हैं, उन्हें मिटाते हैं।
जो मासूमियत दब रही है धूल में,
चलो उसे आईना दिखाते हैं।

दम तोड़ रहे हैं जो बेबस लम्हों में,
चलो उन्हें जीने का जज़्बा सिखाते हैं।
जो टूट गए हैं डर के साए में,
चलो उन्हें उम्मीद से मिलाते हैं।

©theABHAYSINGH_BIPIN #Book 
चलो कोई मंज़िल तलाशते हैं,
किसी के सपनों को सजाते हैं।
खो गई हैं जो चेहरे की मुस्कान,
चलो उसे वापस लाते हैं।

गिर रहे हैं आंधियों से

Himanshu Prajapati

#nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं, अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं, शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया अब पुराने गीत

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अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं,
अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं,
शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया
अब पुराने गीत और पुराने मीत कहां मिलते हैं..!

©Himanshu Prajapati #nightshayari अब चेहरे पर मुस्कान कहां दिखते हैं,
अब वो खेल वालें खिलौने कहां बिकते हैं,
शौक-ए-आजाद जिन्दगी ने सब खत्म कर दिया
अब पुराने गीत

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर, उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं। सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो, कुछ जख

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Unsplash जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर,
उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं।

सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो,
कुछ जख्म चेहरे पे नहीं, दिल में रहते हैं।

राहों में खो जाने वाले, कभी नहीं हारते,
वो अपनी तक़दीर खुद से लिखते हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जिंदगी के सफर में जो मौन रहते हैं अक्सर,
उनकी खामोशी में कई राज़ छुपे होते हैं।

सूरत की जगह, हर किसी की नज़रों से देखो,
कुछ जख

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं, हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं। दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं, जिन

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ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिनसे उम्मीदें थीं, उनसे कोई शिकायत नहीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
ज़ख़्म गहरे हैं, फिर भी चेहरे पे शिकन नहीं,
हमने खुद को समझा है, कोई ज़रूरत नहीं।
दर्द छुपाकर जीते हैं, सुकून में रहते हैं,
जिन

Mohan Sardarshahari

चेहरे

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चेहरे भी समां के मोहताज हैं
खिल गये तो आज पर नाज है।

©Mohan Sardarshahari चेहरे

Raj Pokhriyal

"मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।" poetry lovers poetry on love poetry in hindi

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White उससे एक रोज़ उसी रास्ते पर अचानक मुलाकात हुई, वो मिली और मुस्कुराते हुए पूछने लगी, 



"अरे वाह, आप तो बदल गए हो।"



मैंने भी बड़े अदब से जवाब दिया,

 "मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।"

©Raj Pokhriyal "मेरी आँखें थोड़ी सी कमजोर हैं, ये बिसरे हुए लोगों के चेहरे नहीं पहचान पातीं।"

       poetry lovers poetry on love poetry in hindi

नवनीत ठाकुर

#चेहरे पर निशान बने

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जो राह में मिला था साथ कभी,
वक्त के हाथों फिसल गया।
दर्द छुपाने की कोशिश में,
चेहरे पर निशां बना।।
जो वक़्त की धारा में खो गए,
वो लम्हे बस एक ख़्वाब बने।
दिल में छुपा है दर्द पुराना,
वो शब्दों में ढल कर अब जुबान बने।।

©नवनीत ठाकुर #चेहरे पर निशान बने

F M POETRY

#सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....

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White ज़ाम लेते हैं तेरी यादों में..

सुबह लेते हैं शाम लेते हैं..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #सुबह लेते हैं शाम लेते हैं.....
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