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Stories related to kinētiskās enerģijas piemēri

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Udit

ri #Shayari

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Mohit

ri #Memes

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Ravindra Yewale

Ri #शायरी

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तेरा यू ,देखकर नजरे चूराना 
हमे बळा पागल करता, है
हम, खूदीको खोकर,
तूज्ही को धूडा करते हैं
खूद ,मे

©Ravindra Yewale Ri

Pradeep Bhoi

ri #Mythology

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Rakesh Swargiary

ri #Shayari

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Mr. Rsen

Ri

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इस जहां में सबसे बड़ा
गुनाह
किसी 🧕को दिल💝 से चाहना है।
                              Rsen... Ri

Pandit Pradeep Goswami ji

he ri sakhi mangal gao ri #समाज

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R Raj

n@r or n@ri ke bich k@ s@mb@ndh@@&##

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मादा  एक संभोग के बाद दूसरे को तैयार है इसी नियम पर दुनिया के वेश्याघर चलते हैं .... जबकि नर के दो संभोगों के बीच अंतराल होगा ही होगा.....वो पहले संभोग के बाद झटके से मादा अलग हटेगा और सो जाना चाहेगा ये उसकी प्रकृति है।

जबकि मादा की प्रकृति इसके बिल्कुल विपरीत है वो संभोग के तुरंत बाद उसके मुँह से वो शब्द सुनने को आतुर होती हैं जो उसे गुदगुदा दें......वो ये नहीं जानती कि नर प्रेम के बाद प्रेम नहीं कर सकता वो युद्ध के बाद प्रेम को लालायित हो सकता हैं वो मूल रूप से शिकारी की भूमिका ही अदा करता है हाँ सभ्य समाज में उसकी इस प्रवृत्ति को खुबसूरत लिबासों में ढका जाता है।

दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह हिटलर रोजाना पाँच सौ आदमियों को कटवा कर अपनी प्रेमिका की गोद में सर रख कर प्रेमगीत लिखता था उससे जुदाई के बीते लम्हों का वर्णन करते उसके गाल भीगते थे  ..... अशोक कलिंग युद्ध में हुई मारकाट से दग्ध होकर प्रेमालिंगन को तड़प उठा था ...
उसने बौद्ध दर्शन को अपने अंदर यूँ समाहित किया आज अशोक और बौद्ध दर्शन को अलग किया ही नहीं जा सकता 
नेपोलियन बोनापार्ट भी अपने बख़्तरबंद कवच को उतार प्रेम रस में डूबता था इतना रोमांटिक या प्रेयसी को समर्पित होता था इस समय  जितना कोई कवि शायर या मासूम दिल का नर भी समर्पित नही हो सकता।

सामान्य नर इस प्रकार के न युद्ध कर सकता हैं ना ही प्रेमातुर हो सकता है.....वो न घृणा के चरम पर जाएगा न प्रेम तल की गहराई में आएगा....वो कुछ दस मिनट का खेल करेगा जो उसे किसी रूप संतुष्ट नहीं करेगा......इसी संतुष्टि प्राप्ति हेतु वो साथी को बदलने को उत्सुक हो सकता है....जहाँ जहाँ सामाजिक बंधन कमजोर ये बदलाव लगभग छह महीने के अंदर हो जाता है.....पर इन बदलावों से न परिस्थिति बदलती है न उसकी मनोरचना ...यानि वो प्रेम पाने में प्रेम करने में असफल रहता है।

यदि नर के जंगली पन को निकलने का रास्ता बन जाएँ तो वो प्रेम कर सकता हैं पा सकता है दे सकता है.....यही एक कारण है मादा हमेशा समाजिक रूप सभ्य की अपेक्षा उद्दंड नर की तरफ झुकती है .... इसलिए बिगड़े हुए लड़कों को समर्पित प्रेमिकाएँ मिलती है बजाएं सामाजिक दृष्टि से सभ्य का टैग पाएँ लड़कों को ...
💕❤️🌹
R Raj

©R Raj n@r or n@ri ke bich k@ s@mb@ndh@@&##

Ashvin Rathva

study ri #સમાજ

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Ravindra Yewale

मोहब्बत ,,तेरे‌‌ दील से की ,, थी
,तेरे चेहरे से नहि ,
 तु ,धोके मे , रह गई  
मोहोब्बत ,हमने खुद से की थी

©Ravindra Yewale ri

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