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Firoz Khan Shekh
कहीं तो था खुदा,जो कल अपने होने का एहसास दिला रहा था,,,, वरना जहाँ किसी को किसी से मतलब न था, वहाँ पूरा देश एक होकर दिया जला रहा था।।। ये खेल गज़ब कह था ऐ खुदा तेरा, रंजिशें थी लोगो के दिलो में तुझे लेकर, फिर भी कल सबको तू एक दूसरे से मिला रहा था।।। लेख़क:- INDIAN #शायरी #इंडिया #एकता#जीत
Rakesh Kumar Dogra
कश्मीर की गर कोई बात करे, मुझे जन्नत की अवधारणा सी लगे। उखड़े हुए कश्मीर की बात करें, जन्नत जैसे कर्फ्यू में मरम्मत सी लगे। तू मुझ से ज़िद कर ना, तू मुझे ज़िन्दा सी लगे। कश्मीर अब बड़ा हो गया है, पूरी दुनिया में चर्चा है पड़ोसी को मिर्ची सी लगे। महज मुस्लमान होने से पाकिस्तान तुम्हारा साथ देगा, उसके घर में खाने के वांदे है, पता है अमाँ मुझे ये बात भुट्टा भुनाने सी लगे। बंगाली मुस्लमान क्यों पाकिस्तान से अलग हुआ? कौमी एकता में वर्चस्व एक बीमारी सी लगे।
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी बाजी जीतने की दौड़, हदे मिटा रही है लहूलुहान है जमीन,आदमियत को खा रही है रुख किधर भी मुड़े, हार जीत का इंसानियत का चेहरा मिटा रही है संगीनों के साये में, डरा कर जग में जंग की इबादत लिखी जा रही है मौन है सब कौमी फकीर फरिश्ते बन मसीहा कहलाते है दुआए बाटकर, पैगाम शांति का फैलाते है मगर गोला बारूद से रँगी खूनी जंगो से ये धरती कियो नही बचाते हो लालची प्रवर्ती , अपने अपने धर्मो के बन्दों पर मानवीय मूल्यों का बर्ताव कियो नही सिखाते हो प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #darkness मौन है सब कौमी फकीर #darkness
Dr.Javed khan
कुर्बतें कम फासले ज्यादा हो गए। अपने आकाओं के हम प्यादा हो गए।। वो दिन भी कभी लाए खुदा । दो बिछड़े मिले आब दिदा हो गए।। कुर्बतें:प्रेम/आब दिदा:आंखों में आंसू ©Dr.Javed khan #UNITY #एकता #hindumuslim #शायरी #Hindi #कविता #विचार #Nojoto #poem
Mrs.1478
जिम्मेदार नागरिक महाराज, तुम्हीच शिकवल होत ना, की परस्ञी ही आपली आई-बहीण अाहे, पण रस्त्यानं चालताना जवा कुढुणतरी माल, सामान, आयटम अस एैकु येत ना, तवा मनाला खुप टोचत हो. महाराज, तुम्हीच सांगीतल होत ना, की शिक्षणानं मानुस सुधारतो, पण जवा शिकलेला बेराेजगार दिसतो, अन नालायक वशिला लावुन बढती घेतो ना, तवा मनाला खुप बोचत हो. महाराज, तुम्हीच शिकवल ना, की हक्कासाठी भिक मागु नका, तर हक्क मिळवायला शिका, पण आज जवा कार्यालयात काही कागद टेबलाखालुन पैसे दिल्याशिवाय मिळत नाही ना तवा खरच सर झुकत हो. बाबा, तुम्हीच संविधानात सांगीतल ना, की तुमचा हक्क तुम्हाला मिळेल , पण जवा हाच माणुस रडुन रडुन हकीकत सांगतो, अन विजय माञ आरोपीचा होतो, तवा पोटात खुप दुखतं हो खरच खुप टोचत हो ©Yogesh Bochare एकता