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Alka pandey
पक्षी का स्वप्न Dayal "दीप, Goswami.. Satyajeet Roy Sunil Kumar Maurya Bekhud Mukesh Poonia Praveen Jain "पल्लव", Lalit Saxena, ranjit
read moreParasram Arora
Unsplash पसरा हुआ है रात्रि का सन्नाटा और न जाने क्यों डर रहा है मेरा मन क्यों याद आ रहा है मुझे अतित जी भयावह घटनाओ का क्रम मुझे लगता है सारी पीड़ाए पैदा क़ी है उन असुरो ने तभी तों होता रहा है देवताओं का दमन ©Parasram Arora रात्रि का सन्नाटा
रात्रि का सन्नाटा
read moreSatish Kumar Meena
शादी का बंधन पवित्र होता है क्योंकि इसके साक्षी भगवान होते हैं जिनसे कुछ छुपा नहीं है। ©Satish Kumar Meena शादी का बंधन
शादी का बंधन
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
निरुत्साही =उदास,अभिसारी=प्रेमी या प्रेमिका अनुगामी= वफादारी, स्वप्न =सपने भाषा शैली स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक अप
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White मैने गढ़ लिया है जीवन का नया स्वप्न तुम्हारे या संसार की कल्पना से बिल्कुल अलग सच भी करूंगी उसे एक दिन तुम्हारे कथ्य को सत्य या असत्य करने के लिए नहीं न ही बदलने के लिए समाज के नजरिए को बल्कि जीवंत रखने के लिए अंतर की कविता को निखारने के लिए प्राणों के दर्पण को एक दिन कमांऊंगी मैं बहुत सारे पैसे संहेजूंगी क ई सारी सुंदर डायरियां बहुत सी किताबें बनाऊंगी एक ऐसा घर जिसमें होंगे मेरे सारे दोस्त! और उनमें रहेंगे शामिल मेरे पसंदीदा सारे पौधे सारे वृक्ष! सभी क्यारियों में लहराऊंगी मै ही जल की स्वछंद धारा में हर बार वसंत में मैं खिलूंगी सुंदर गुलमोहर के फूलों की तरह और वसंत के अंतिम दिनों में रखूंगी सेमल के फूलों की तरह धैर्य मुस्कुराऊंगी अपनी वीरानी के क्षणों में भी या फिर रहूंगी भिन्डी के अद्भुत फूलों के रूप में फलित करूँगी जीवन का सुंदर उदाहरण ........ ...... ©*#_@_#* #स्वप्न
ashita pandey बेबाक़
कठिन उद्यमों से,मैंने जीवन की माटी ,सींची हैं तकदीरों के मस्तक पर मेहनत की ,रेखा खींची हैं जब जब घाव लगा हैं बढ़ने थोड़ी आंखें भींची हैं अपनी ज़िद मैं लिए बड़ी ये दुनिया,कांच सरीखी हैं दिवास्वप्न मे लिप्त नहीं,मैं रही धरा पर वास किए सभी कंटकों से जूझी स्वयं विजयश्री की हासिल नहीं कोई इक भी अखियां मेरे घावों पर भीगी हैं कठिन उद्यमों से,मैने जीवन की माटी,सींची हैं ©ashita pandey बेबाक़ #sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
#sad_quotes आज का विचार आज का विचार शुभ विचार
read moreDev
वो कर्ज़ हम चुका ना पाये। हम्हारा फ़र्ज़ हम निभा ना पायें।। ©Dev दिल का अहसास
दिल का अहसास
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