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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चंद राहों निकलती रही। चंद रातें निकलती रही। चंद सिक्कों कमाने थे। चंद दिनों तक चलने रहे। चंद उम्र कम होती रही। चंद रिश्ते यही चंद लम्हों में ज़िन्दगी फिसलती रही। चंद सालों में सांसे निकलती रही। चंद उम्र कम होती रही। चंद शब्दों मै यूं ही दिल छूती रही। चंद घड़ियों मै खुद को आप के। सामने अपने विचारों से आभार करती रही। #words #power #meaning #yqdidi #yqquotes #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चंद राहों निकलती रही। चंद रातें निकलती रही। चंद सिक्को
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat प्रिय तन्हाई तनहा तनहा सी तन्हाई से रास्तों पर निकलती रही तन्हा रातों की अधुरी बातों पर बेचैन होती आंधी सी बात पर उखड़ी सांसों पर सवाल वहीं था जवाब नहीं था हम साथ है पर #yolewrimo में लिखें, आज एक पत्र #तन्हाईकेनाम #letters #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzba
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़िन्दगी गवाती रही तिल तिल निकलती रही ज़िन्दगी ये बताने में की मेरी छोटी सी जान तेरे नाम पर उसने तिल तिल नहीं मिनटों में मोहरें चल कर छल छल कर बताता रहा मेरे विश्वास को धज्जियो में उड़ाता रहा ये भी जताता रहा को मै तेरा था ही नहीं #respect #women #aurat #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़िन्दगी गवाती रही तिल तिल निकलती रही ज़िन्दगी ये बताने
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat खलिश तेरे दिल की खामखां नहीं हैरत यहीं खराश तेरे ज़हन की ज़हर बन निकलती रही ख़ारिज तेरी तरकीबों में हम राब्ता नहीं कहते यहीं #cinemagraph #respect #reality #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat खलिश तेरे दिल की खामखां नहीं हैरत यहीं खराश तेरे ज़हन की
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बूंद बूंद सपनें छलकते रहे। बुनियाद हिला दी दिल की दास्तां बयां करते। पल पल फिसलती रही आह निकलती रही। मुस्कानं खोती रही। राही बन चलती रही। #deep #pain #yqbaba #yqwritings #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बूंद बूंद सपनें छलकते रहे। बुनियाद हिला दी दिल की दास्तां बयां क
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अनजानी राहों पर इस क़दर निकाल पड़े, ना मंज़र इस कदर ज़रा बना। राहें निकलती रही। मजिंल भाप बन उड़ती रही। सुलगते अंगारों से चिराग़ जलाएं थे। ख़ामोश इल्तिज़ा को बेहदं क़रीब लाएं थे। काश म काश में निकलती ज़िन्दगी। को अपने दामन में कुछ तारें चमकांए थे। #cinemagraph #feelings #words #yqdidi #yqquotes #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat अनजानी राहों पर इस क़दर निकाल पड़े, ना मंज़र इस
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़ख़्मो को देख कर क़ातिल करार हुई बेदर्दं ज़ालिम आवाम से और एक मासूम गिरफ्तार हुई दर्दं की चीखें निकलती रही एक और कहानी अदालत में बिखरती रही चीथडों में उड़ती इज़्ज़त को फिर अग्नि परीक्षा देनी पड़ी, सबूतों की कहानी सुनकर फिर ज़ार ज़ार होती रही , फ़ैसले से पहले ख़त्म एक और कहानी हुई। #respect #aurat #women #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat ज़ख़्मो को देख कर क़ातिल करार हुई बेदर्दं ज़ालिम आवाम से
Prem Nirala
कि, कुसूर नफ़रतों से गले मिलती रही, एक उम्र बाद जनाज़े कांधे बदलती रही हमें देखो, कौन यहाँ, किसे फ़िक्र हैं हमारी, आँख लगते ही बदन से रूह निकलती रही कि, मैं जानता हूँ, ये आईंने ही खूबसूरत होती हैं, अपनों से ज़्यादा नज़दीकियां, चेहरे बदलती रही मैं ठीक हूँ, हमेशा सबको एक ये झुठ बताता रहा, कि, घर की दिवारें इस ख़ुशी में केलेंडर बदलती रही! __प्रेम__निराला__ कि, कुसूर नफ़रतों से गले मिलती रही, एक उम्र बाद जनाज़े कांधे बदलती रही हमें देखो, कौन यहाँ, किसे फ़िक्र हैं हमारी, आँख लगते ही बदन से रूह न
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारी बातों के कुछ कतरें आज भी कहीं सांसें भर रहे है। सुलगते रहे रात भर उस एश ट्रे में जो आख़िरी काशं लगाया था तुमने । बाक़ी थी कुछ चिंगारियां उसमें सुलगती रही। अधजलीं सी दिया सिलाई में आज भी कुछ धुआं बाक़ी है। आज भी पिघलते जिस्मों की आहटें बाक़ी थी कुछ। ख़ामोशी में कुछ सुलगते पन्नें जो मरोड़ कर कुछ को फ़ाड़ कर जलाएं थे । कुछ बाक़ी थी। नज़्में मेरी उन पन्नों पर ज़ाहिर कर रही थी, तेरी मौजूंदगीं भी बाक़ी नहीं। बस कुछ राखं बाक़ी थीं। बस राखं कुछ चिंगारियों से उड़ता धुआं उठ रहा था। सुलगाती रहीं, उस एश ट्रें में ।। बचे कुछ बीतें लम्हें रात भर नींद में भी लुप्त होते रहे। वहीं पेंसिल के छिलकें जिससे कुछ नज़्में लिखी थी मैंने। तुम्हारे लिए तुमने कभी जलाएं होंगी। कुछ कतरें आज भी मौजूदं थे ।उस एश ट्रे में। आज भी कुछ कम दर्द नहीं था। माचिंस की डिबिया मिली ही नहीं। खोजती रहीं कहीं कुछ बाक़ी हो उस एश ट्रें में। तलब लगी थी ,एक काशं मिल जाता, कुछ गुम हल्का ही जाता। बस अब एश ट्रें भर चुकीं थी। आज भी कुछ कतरें टूटे रिश्ते के आख़िरी सांसे भरते रहे रात भर। हम कसीदें कसते रहे रात भर। अब भर चुकी है एंश ट्रें। उसमें से बस उड़ती गई हवा के उन झोकों से। टूटे रिश्ते की आखिरी सांस निकलती रही। निकलती रही। #memories #pain #quote #yqdidi #yqbaba #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat तुम्हारी बातों के कुछ कतरें आज भी कहीं सांसें भर रहे ह
Manvi
हर कदम साथ उनके मैं चलती रही,. कई बार टूट के मैं ही बिखरती रही।. माथे पे शिकन को न आने दिया,. हर बार दर्द में भी मुस्कुराती रही। बे वजह तो न थी ये कोशिसें मेरी सात फेरों की कसमों को निभाती रही माँगती भी तो क्या थी,दो पल प्यार के उम्र सारी इसी चाह पे मिटाती रही तुमने समझा महज़ घर की सोभा मुझे. घर की रोशनी के लिए खुद को जलाती रही. साथ हो के भी तुम साथ मेरे न थे हर महफ़िल में खुद को,मैं तन्हा पाती रही. शक की दीवार दिन-ब-दिन बढ़ती गयी उम्र मोहब्बत की दिन-ब-दिन घटती रही थक गयी एक दिन,हार के अदाकारी से मैं ज़िन्दगी रेत की तरह हाथ से मेरे फिसलती रही आज चैन-ओ-सुकून मुझको मिल ही गया जिस्म से जान जैसे जैसे निकलती रही मुद्दतों बाद मुकम्मल नींद आई मुझे आज वो रोता रहा ,रूह मेरी हँसती रही । #nojoto #dil_ki_kalam_se हर कदम साथ उनके मैं चलती रही, कई बार टूट के मैं ही बिखरती रही। माथे पे शिकन को न आने दिया, हर बार दर्द में भी मुस्