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Ajay Tanwar Mehrana
✫༒ जय भीम जय भीम ༒✫ ऐसा दीवाना बन जाऊं साहेब का दिन देखूं नहीं शाम करूं सबसे जय भीम , जय भीम ! ऐसी महिमा गाऊं मैं साहेब की नहीं कृष्ण नहीं राम गाऊं बस जय भीम , जय भीम ! ऐसा पढूं मैं संविधान भारत का ठीक से हों सब काम करें सब मिलकर के जय भीम ! ©Ajay Tanwar Mehrana जय भीम जय भीम # जय भारत जय संविधान #
Ajay Tanwar Mehrana
✫꧁༒ सब कुछ है भीम ༒꧂✫ वैचारिक आवाज है भीम संस्कारों की लाज है भीम भीम ही भक्ति , भीम ही मुक्ति हम सबका सरताज है भीम महापुरुषों पर नाज है भीम हर संभव प्रयास है भीम भीम अनुरक्ति भीम ही शक्ति बल बुद्धि बलराज है भीम . ©Ajay Tanwar Mehrana ✫꧁༒ सब कुछ है भीम ༒꧂✫ भीम अनुरक्ति भीम ही शक्ति बल बुद्धि बलराज है भीम
Gurudeen Verma
White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत
bhim ka लाडला official
White जय भीम जय संविधान ©bhim ka लाडला official #Moon जय भीम
shailja ydv
**बौद्ध धर्म शांति का धर्म** जब -जब मन उदास होता है, चली जाती हूँ मैं, अपनी खिड़की पर, औ'घंटों निहारती हूँ उस पीपल के पेड़ को, जो सदा की ही भांति शांत,मौन और स्थिर भाव से, हिलते हुये मुझे धैर्य औ साहस देता है। ऐसा लगता है.!! मानों कह रहा हो "जिंदगी के रहस्य को समझो, मगर उलझो मत, उसे जिओ,मगर रोओ मत। इसी जीवन को समझने की चाह ने, राजकुमार सिद्धार्थ को "बुद्ध " बना दिया । पर.. एक सच है, मुझमें ही सारी शांति निहित है। ©shailja ydv बुद्ध पूर्णिमा
RAKESH Ambedkar
पूरे विश्व में आजादी से घुमने वाले जीव जिसको कोई टेंशन नही रहता हैं वह हैं पंछी ©RAKESH Ambedkar जय भीम