Find the Latest Status about गाफिल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गाफिल.
Sachin Ratnaparkhe
मुझे मोहब्बत किससे है बताता हूं, इस तर्क-ए-ग़ज़ल से समझाता हूं। सुदूर चांद सा जो दिख रहा है तुम्हे, वो तो होगा ही नहीं शर्त लगाता हूं। वो गुलाब सा महकती रहती है मगर, उस महक को में ही पहचान पाता हूं। उस मदहोशी सी सदा की मल्लिका है वो, जिसे असम होकर भी में सुन पाता हूं। उसकी तब्बस्सुम कायनात में कातिलाना है, जैसे एक झलक में ही पगला सा जाता हूं। हुस्न-औ-शबाब की बात तो क्या ही करे, गाफिलाना निगाह में भी गरमा सा जाता हूं। राह भी बेचैन है मेरी 'मंजिल' की कश्मकश में, ठहरा मै 'राही' तेरी ओर सदा चलता रह जाता हूं। #ग़ज़ल_ए_राही #तर्क_ए_ग़ज़ल #गाफिलना
Rajnish Sharma
तेरे तिजारती खयालो की खनक से वाकिफ हैं हम तेरी मुहब्बत की बेबसी मे जानबूझ कर गाफ़िल है हम गाफिल
Vikram Kumar Anujaya
"गाफिल हूँ मैं खुद से, मेरे मौला कोई राह तू बता दे, दिदार हो मेरा मुझको, हो फजल तेरा, कोई जतन तू बता दे।" #nojoto #गाफिल
अनुराग "सुकून"
के मैं भी गाफ़िल़ हो गया तेरे दीदार से, तुम भी तो दिख रहे हो बेज़ार से, यूं, न चले जाना कभी मुससे ख़फा होकर, ये ज़िन्दगी है जनाब चलती है तो सिर्फ प्यार से। ..... कविराज गाफिल-बेशुध,अचेत
Azhar Azad Khan
मलाल नही के वो अरसे के बाद हाल-चाल लेता है, दुख इस बात का है मैं कहता हूं ठीक हूं और वो मान लेता है। ©Azhar Azad Khan #chaandsifarish #गाफिल सनम
JD
ख़ाकसारी का है गाफिल बहुत ऊंचा मर्तबा, ये ज़मीं वो है जिसमें आसमां कोई नहीं! ख़ाकसारी- विनम्रता गाफिल- बेखबर
M.Alam. Ansari
बेवजह वह मुझ पर इल्जाम लगाती चली गई,,, मेरे इश्क से वह गाफिल और मुझे पर ही बेवफाई का तोहमत लगाती चली गई,, वह खुद का गाफिल
Surya Kant singh
घर से निकल कर घर को लौट आता हूँ, "सैर कर घर की गाफिल ,ज़िन्दगी फिर कहां" सूर्यकांत सिंह सैर कर घर की गाफिल
Sachin Ratnaparkhe
ग़ज़ल जब जबाव ही न मिले तो सवाल क्या करे? हर छोटी-छोटी बातों पर बवाल क्या करें? मजा तो बहुत आता है खतरों से खेलने में, मगर हिम्मत ही नहीं तो मजाल क्या करें? सरसरी निगाह में ही हालात हो जाते है बेकाबू, उसकी ओर ध्यान देकर खुदको बेहाल क्या करे? आइना तो यूं लटका है अरसों से दीवारों पर, तुम्हे ही कुछ नहीं दिखता मायाजाल क्या करे? यहां गिलास-ए-जाम दिखते ही लग जाती है तलब, जिसका मन ही काबू में नहीं वो कमाल क्या करे? राही तो चलता रहा अपने गाफिलाना अंदाज़ में, आरज़ू-ए-रफ्तार लिए लड़खड़ाती चाल क्या करें? ग़ज़ल #सरसरी_निगाह #आइना #मायाजाल #गिलास_ए_जाम #राही #गाफिलाना #आरज़ू_ए_रफ्तार #लड़खड़ाती_चाल