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poonam atrey
White ढूँढते निज अस्तित्व को ,मेरा मन सारा रीत गया, सपनों को ढोते ढोते ,ये सारा जीवन बीत गया, हाथ आई ना परछाई तक, ख़ुशी के चंद लम्हों की, मैं हार गई जब ख़ुद से, ये सारा ज़माना जीत गया, आरजुएं मन में दबकर , कबका दम तोड़ गई, ख्वाहिशों के पीछे चलते,मेरा सकल अतीत गया, दोधारी तलवार सी , काटती रही ये ज़िन्दगी, बिखरे हुए से लम्हों में, मेरे सुरों का संगीत गया, सजी थी इंद्रधनुष सी ,जो ज़िन्दगी ख़ामोश खड़ी जो सजा था सप्तसुरों से , वो मेरा अनुगीत गया, पागल मन फ़िर से दौड़ पड़ा,बेसुध अरमानों के पीछे, जिससे मन मेरा रोशन था, वही आज अदीप गया ।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #जीवनबीतगया aditya Mili Saha @hardik Mahajan 0 Sonu sa Sunita Pathania Mahi Ravikant Dushe jitendra sharma AD Grk आशुतोष पांडेय (Aashu) सन
_Writer_Sharda_
Black मर्यादा में रहकर हमेशा चाहा है तुम्हें.. मैं वो नहीं जिसे, बस जिस्म की तलब हो..! ©_Writer_Sharda_ #Thinking
Expressive ladki
poonam atrey
White आज भी मेरे ख़्वाब सारे ,उसकी महक से महक जाते हैं, ज़िंदगी के उदास लम्हे भी ,उसकी मौजूदगी से चहक जाते हैं, जब अहसास उसका पास है मेरे ,तो दूरियां नही खलती हैं, मेरे ग़म में और ख़ुशियों में ,उसकी परछाई मेरे साथ चलती है, उसकी मोहब्बत के आग़ोश में , मेरी एक उम्र गुज़री है इसीलिए उसकी रूहानी चाहत , मेरे आस पास बिखरी है, जब भी ये दिल मेरा , गम के किसी ,दौर से गुज़रता है, उसकी महकती यादों का कारवाँ , मेरे साथ साथ चलता है, मोहब्बत आज भी मुझे उससे , ख़ुद से भी ज़्यादा है, मिलेंगे जरूर किसी जन्म में , ये ज़िन्दगी से मेरा वादा है ।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #उसकीमहकसे #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स Swati Ashish kumar official Unnati Upadhyay पथिक.. अदनासा- Anil Ray HINDI SAHITYA SAGAR Vikram vi
Santosh Jangam
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है। 📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्
Rajnish Shrivastava
महादेव के मंदिर में आज अनायास चला आया । देखकर उनका विराट रूप मन अत्यधिक हर्षाया । ©Rajnish Shrivastava #मंदिर