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मिहिर
White घर पहला घर मां की कोख है फिर जहां मां होती है वो घर होता है मां भी प्रकृति सी होती है और प्रकृति भी मां जैसी स्नेह जहां पनपता है प्रेम जहां पलता है वहां घर है वही घर है कमरे, गांव, शहर या देश घर नही जहां प्रेम है वहां घर है वही घर है!! ©मिहिर #घर
The.shivaansh
संपूर्ण रामायण.... #theshivaansh #shreeram #sitaram #dashratputraram #30sec #भक्ति
read moreNimisha Mishra HI
White एक कहावत है और हकीकत भी कि मूर्ख लोग घर बनाते है, और अक्लमंद उसमे किराए पर रहते है .। ©Nimisha Mishra HI #City घर
Manisha Kaushal
White ☕ इसकी तलब सभी को बर्बाद कर जाती है.... एक प्याली चाय घर में द्वंद करा जाती है..🤣🤣☕ अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ©Manisha Kaushal #चाय और घर#
Dev Rishi
मुस्कुरा चेहरा पे ये बोझ है ज़बान घरो की जिम्मेदारी उठानी तो रोज़ है ©Dev Rishi #जिम्मेदारी #घर
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी दिशा तय हो,कैसा हिन्दुस्तान बने लोकतंत्र का है तकाजा मतदान करे भविष्य के पांच साल जनता जनार्दन के हित सधे बढ़ चढ़ कर मतदान करे गुमराह सियासतें कलंकित हो सकती है बिष बीज बोकर अस्वस्थ लोकतंत्र कर सकती है इसलिये चमक कम ना हो हिंदुस्तान की घर घर से चल पड़ो मतदान केंद पर प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #election_2024 जनता जनार्दन के हित सधे,घर घर से मतदान हो #nojotohindi
#election_2024 जनता जनार्दन के हित सधे,घर घर से मतदान हो #nojotohindi #कविता
read moreदिनेश
White धरती पे कदम बने रहें यूँ चाह नहीं कि आसमान मिले , पर मैं जब वापस आऊँ घर को सबके चेहरे पर मुस्कान मिले । तुम चिंता क्यूँ करते हो ? मैं मरा नहीं अभी जिंदा हूँ , पर लौटकर घर तो आऊँगा ही अभी बेशक एक परिंदा हूँ । भाई से बस एक भाई मिले न कि एक मेहमान मिले । पर मैं जब वापस आऊँ घर को सबके चेहरे पर मुस्कान मिले । ©दिनेश #Hope घर
Anuj Ray
बेवफा गर हुए हैं ,तो तेरे अपनों के कारण,कसम तेरे सर की अगर दे दी ना होती। किसी की खुदाई में जुर्रत नहीं थी, तुम्हें छीन लेता बड़ों से मेरी, सारी दुनिया ये रोती। ©Anuj Ray # बेवफा घर हुए हैं
# बेवफा घर हुए हैं #शायरी
read moreRudra Pratap Singh
मुझे घर बनाने; घर से दूर निकलना पड़ा, और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा। हारा हिम्मत; टूटा हौसला कई बार, बेशक! “कुछ दूर और!” कह कर बस चलना पड़ा। थक कर चूर; जब सोया कभी इत्मीनान से, नींद आई नहीं पूरी रात; बस करवट बदलना पड़ा। याद आती रही मां, बाप से दूर होना खलता रहा, मत पूछो, अपनों से दूर हो कितना मचलना पड़ा। और गिरते-गिरते कई बार सम्हलना पड़ा। ©Rudra Pratap Singh मुझे घर बनाने घर से दूर निकालना पड़ा #घर #होली #Festival #holi