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Best हर_घर_तिरंगा Shayari, Status, Quotes, Stories

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vinay vishwasi

सुनो-सुनो  ऐ  दुनिया वालों, इक  बात  बताने आये हैं।
आजादी का अमृत  महोत्सव,हम आज मनाने आये हैं।
आजादी को  पचहत्तर  साल हुए तो लेकर  जोश नया-
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं।

माताओं  ने  बेटा  खोया, बहनों  ने दान  सुहाग  किया।
जिससे भी जितना हो पाया,सबने अपना सर्वस्व दिया।
लहू  बहा कितने  वीरों का,हम फिर कैसे  आजाद हुये-
अमर शहीदों की अमर कथा,हम आज सुनाने आये हैं।
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं।

भारत माँ के  जब लाल  लड़े,यह धरा लहू से लाल हुई।
लड़ते-लड़ते  आजाद हुए  हम भारत माँ खुशहाल हुई।
करना  है प्रयत्न  यही सिर्फ,युवा शक्ति ना  थमने पाए-
मरे हुए  सम मानुष  तन में, हम जोश  जगाने  आये हैं।
हर घर तिरंगा  शान से अब, हम आज  लगाने आये हैं। #स्वतंत्रतादिवस #आजादी_का_अमृत_महोत्सव #हर_घर_तिरंगा #विश्वासी

Rohit singh

देखेगा इस बार यह जग सारा कुछ ऐसा क्षण हो जाएगा तीन रंगों का यह ध्वज हमारा जब हर छत घर घर लहराएगा ऊंची शान जिसकी ये तिरंगा हमारा इस बार और ऊंचा हो जाएगा गली मोहल्ले या चौक चौराहा

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देखेगा इस बार यह जग सारा
कुछ  ऐसा  क्षण  हो  जाएगा
तीन रंगों का यह ध्वज हमारा
जब हर छत  घर घर लहराएगा

ऊंची शान जिसकी ये तिरंगा हमारा
इस बार और ऊंचा हो जाएगा
गली मोहल्ले या चौक चौराहा
हर जगह  झंडा फहराएगा 
तीन रंगों का यह ध्वज हमारा
जब हर छत  घर घर लहराएगा

उमंग उठेगा ये हिंदुस्तान हमारा 
हर भारतवासी कर्तव्य निभाएगा
अमृत महोत्सव इस आज़ादी का
जब हर जगह तिरंगा सजाएगा
तीन रंगों का यह ध्वज हमारा
जब हर छत  घर घर लहराएगा

देश प्रेम का भाव सबके तन मैन में
जब जैन गण मैन गुनगुन आएगा
खुशियों  की  मुस्कान  सजेगी
यह  परचम  जब  लहराएगा
तीन रंगों का यह ध्वज हमारा
जब हर छत  घर घर लहराएगा

     देखेगा इस बार यह जग सारा
कुछ  ऐसा  क्षण  हो  जाएगा
तीन रंगों का यह ध्वज हमारा
जब हर छत  घर घर लहराएगा

ऊंची शान जिसकी ये तिरंगा हमारा
इस बार और ऊंचा हो जाएगा
गली मोहल्ले या चौक चौराहा

Bablu Sahu

आजादी का शंखनाद तो हमारे देश के वीर जवानों से है,
भारतमाता के उन वीर सपूतों से है,
जिनकी बस एक ही पहचान है,
हम देशवासियों के लिए ये बड़ी गर्व की बात है,
हम उस देश में रहते है जहा हम मां में ही पूरा मुल्क देख लेते है, 
और मुल्क को मां का दर्जा देकर विश्व पटल पर भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाले वीर जवानों और हमारे अन्नदाता किसानों के बल पर ही हम पूरी दुनियां में अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए  जाने जाते है,
हमारे देश के महापुरुषों का स्वतंत्रता के लिए कठिन संघर्ष और योगदान से यह संभव हो पाया है की हम आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है,
जो हमारे मन में देश प्रेम की भावना, देश की एकता और अखंडता को और अधिक मजबूती प्रदान करता है..!!  थल नभ जल में सवच्छंद गगन में लहराता तिरंगा भारत माता के यशोगान का प्रतीक है,
ऐसा देश है मेरा

©Bablu Sahu #happy_independence_day 
#हमर_तिरंगा
#हर_घर_तिरंगा
#घर_घर_तिरंगा
#जय_हिन्द   #भारत_माता_की_जय 
#भारत 
मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए.!!

Anand Prakash Nautiyal tnautiyal

हां हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है, 
हां हमे अभिमान है, मन से तेरा सम्मान है।

हर हाथ है लहरा रहा, तुझे शान से फहरा रहा, 
ये आसमां भी कह रहा, मैं भी तिरंगित हो गया,
क्या खूब आभा से सुसज्जित, देश मेरा आज है,
हे राष्ट्र मेरे ऐ वतन, मुझे तुझपे कितना नाज है।

ऐ धरा ऐ आसमां, तू देख मेरा कारवां, 
ये है तिरंगे की हवा, ये है नया हिन्दोस्तां, 
ये ध्वज नही संस्कार हैं, ये स्नेह का संचार है,
दुश्मन जो देखे देश को,तो बस ये ही ललकार है।

लहरा रहा जो शान से, मेरे वतन की जान है, 
ऊंचा रहे अभिमान से, प्यारा हमें है जान से।
हर जनम तेरा साथ हो,मेरा तिरंगा हाथ हो,
जीतूं तो फहराता चलूं, मर जाऊं तो लिपटा मिलूं,

हां  हमें अभिमान है, मन में तेरा सम्मान है, 
हर रंग में जिंदादिली, तू ही जिक्र तू ही शान है,

©Anand Prakash Nautiyal #हर_घर_तिरंगा

Vansh Thakur

#हर_घर_तिरंगा
चेतक की टाप धूरि को मैं,
इस भारत का अभिमान लिखूं।
गौरव मैं चिन्ह अशोक लिखूं, 
मैं अमन तिरंगा शान लिखूं।।

आजाद,भगत सिंह,बिस्मिल का,
मैं सर्वप्रथम बलिदान लिखूं।
मुझको स्याही की तलब नहीं,
मैं रक्त से #हिंदुस्तान लिखूं।।

कविवंश....✍️

©Vansh Thakur #कविवंश....
#vanshthakur

#Saffron

Prachi Mishra

bharat quotes  बसंती चोला🇮🇳

मुख पर लिए स्वर्ण सी आभा
एक लाल लौट घर आया है
तन पर ओढ़ बसन्ती चोला
एक बेटा वापस आया है

है धन्य ऐ माँ!वो कोख़ तेरी
ऐसा सपूत जो जाया है
देख वीरता तेरे लाल की
दुश्मन भी वहाँ थर्राया है
जो डरा नहीं जो झुका नहीं
मुश्किल में न घबराया है
आहुति प्राणों की देकर भी
अपना कर्तव्य निभाया है
तन पर ओढ़ बसन्ती...

चौड़ा सीना आज पिता का
बेटा जिसका शहीद कहलाया है
बाकी सीनों का कोई मोल नहीं
वो बस दो पल की माया है
नीर भरे हों नैनों में भले ही
चाहे बेजान वो काया है
गर्वित है मन आज पिता का
ऐसा वीर सपूत जो पाया है
तन पर ओढ़ बसंती चोला...

शत शत नमन तुम्हें ओ वीरों
हम सब शीश नवाते हैं
तुम जो बैठे हो सरहद पर
तो चैन से हम सो पाते हैं
प्राण न्योछावर कर वीरों ने
माटी का कर्ज़ चुकाया है
तन पर ओढ़ बसन्ती चोला...

इस चोले का मोल न पूछों
ये वीरों की पहचान है
ये जान है हर भारतवासी की
मान और सम्मान है
कितने शीश कटे वीरों के
तब जाके कहीं इसे पाया है
तन पर ओढ़ बसन्ती चोला
एक बेटा वापस आया है।
★★★
©प्राची मिश्रा
#Harghartiranga #हर_घर_तिरंगा #आज़ादी_का_अमृत_महोत्सव

©Prachi Mishra #Harghartiranga #Desh #Nojoto #VandeMatram

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