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samandar Speaks
Unsplash ग़म और भी है मगर खुलासा कौन करे हर बात में मुस्कुरा देता हूं तमाशा कौन करे हर ज़ख़्म को दिया है चुपी का नाम मैंने बेवजह दर्द अपना किसी से साझा कौन करे जो दिल में चुभते हो सवालात शब भर उनपे सहर के गुनाहों का इशारा कौन करे जिन राहों पर उजालों का डर समाया हो उनमें अंधेरों के खौफ को नुमाया कौन करे तक़दीर जब लिखी है सियाही से बेरंग हीं फिर ख़्वाब के सुरज का दिखावा कौन करे जो लोग ख़ुद सौदाई हो, ग़फ़लत के बाजारों का उनसे यार ए वफ़ा का अब दावा कौन करे राजीव ©samandar Speaks #library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
#library अंजान Satyaprem Upadhyay Radhey Ray Poonam bagadia "punit" Internet Jockey
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White Now let no prayers for peace take root in thee, Nor blessings sweet of joy be sought in plea. For life, a sentence wrought in sin's cruel chain, No pardon's touch shall cleanse the scar of pain. Who slew the soul, and who the guilty be? Speak truth, and let the veil of doubt now flee. This stormy path, where winds of sorrow blow, Leaves hearts entangled, weighed by heavy woe. A whisper calls from depths of longing's sea, A voice that cries for lost humanity. From stone-cold hearts, the echoes now are still, Yet justice cries: "Condemn the silent ill." Let shadows fade, and let the truth take form, To calm the tempest raging in the storm. RAJEEV ©samandar Speaks #sad_quotes Sandeep L Guru Radhey Ray Siddharth singh Anant अंजान
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White चलो देखो चलो देखो, उस आदमी को, जो हर सुबह सूरज संग जागता है, सपनों की गठरी कंधे पर लादे, हर शाम ख्वाबों के साथ हारता है। चूल्हा जलाने की दौड़ में, अपने अरमान जलाता है, रोटी की हर गोलाई में, जिंदगी का गोल घुमाता है। उसके पांव में छाले हैं, पर कदमों में थकान नहीं, आंखों में उम्मीद बाकी है, चाहे हाथों में सामान नहीं। हर दर से वो लौट आता है, पर खुदा से शिकवा नहीं करता, गम के बादलों को चीर कर, अपने हिस्से की धूप बुनता। दुनिया जिसे नाकामी कहती है, वो उसे सब्र कह जाता है, हर दिन की छोटी जीतों में, अपनी पूरी जिंदगी लगा जाता है। चलो देखो, उस आदमी को, जो हार के भी मुस्कुराता है, ज़िंदगी के इस संग्राम में, हर पल खुद को आज़माता है। उसके संघर्ष में एक दर्शन है, हर दर्द का एक पैगाम है, कि गिरकर भी चलना सीख लो, क्योंकि यही तो असल इम्तिहान है। राजीव ©samandar Speaks #Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
#Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
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White ढूंढता हूँ उसे सबकी भीड़ में पर उसे कही नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता हालांकि रंगीन कपड़ों में बच्चों को देखता हूं भागते हुए खेतों की पगडंडियों पे सबको लहराते हुए कमजोर सा शरीर लिए मांओ का दउरा उठाते हुए इस भीड़ में कही अपना वो दउरा नहीं पाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता घाट कि सफाई आज भी बड़े जुनून में करते हैं मेरे दोस्त आज भी फावड़ा,कुदाल,टोकरी लिए घर आते हैं मेरे दोस्त आज भी बचपन के पल्लू तले बेशक बुलाते हैं मेरे दोस्त पर उनके साथ कैसे जाऊं,कोई मां के कातर स्वर नहीं सुनाता शायद इसीलिए मैं अब छठ घाट नहीं जाता राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
#love_shayari Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia अंजान Radhey Ray Internet Jockey
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