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AB
मैंने हटाई धूल ज़रा सी यादों की बस यूँ ही, और देखी वही तेरी तस्वीर पुरानी फ़ुरसत में ! तेरी मुस्कुराहटों का दौर खत्म ही ना हुआ, भर ली आहें मैंने ख़ामोश सी तेरी सोहबत में ! तुम वही थी बिल्कुल हूबहू कथई आँखों वाली, ऐसा लगा जैसे सामने खड़ी हो हक़ीक़त में ! मैंने आखों से ही छू लिया तुझे मुआफ़ी मासूम, और पाया बेहद करीब अपने दिल के कुर्बत में ! नहीं कोई शिकायत मुझे अब तुमसे कसम से, शायद सच में नहीं था महबूब मेरी किस्मत में ! तड़प रहा था एक अरसे से जो चाहत में 'अल्प ' ज़िंदा पाया आज खुद को एक तेरी मोहब्बत में ! बस महफूज़ रहना हमेशा अब रकीब की बांहों में, वादा रहा मैं नहीं रहूंगा अब किसी भी गफ़लत में ! Dedicating a #testimonial to Mas💕M🦋 " कि बेहद खूबसूरत वे लिखते हैं, वे कुछ और नहीं बस मासूम इश
Anita Saini
शिक्षक दिवस का ध्येय वर्तमान में शिक्षा का उद्देश्य और स्तर! क्रमशः सर्वप्रथम सच्चे आदर्शवादी गुरुओं को नमन शिक्षक दिवस की कोटि कोटि शुभकामनाएं🙏🏼🙏🏼💓💐💐 Note- कमजोर दिल वाले और उच्च रक्तचाप के मरीज दूरी बनाए र
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat Harshita is my name has deep meaning A person who gives smile SEE CAPTION 🤝 #god #blessed #respect #faith #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat Harshita my name has deep meaning A person who g
Gumnam Shayar Mahboob
पता नही बख्शीश मेरी होगी की नहीं मैंने अपने ख्वाहिशों का गला घोंटकर मारा है #पता #बख्शीश #ख्वाहिशों #गला #घोंटकर #मारा #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob
DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }
مسجد سے نکلتے ہی لوگ موبائل ایسے نکالتےہیں جیسے بخشش کا نوٹیفکیشن آ گیا ہو 😒💯🫣 ©DILBAG J KHAN #बख्शीश_का_पैग़ाम
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थों की खातिर अपनों की ही बुराई करने और सुनने लगें तो समझ जाना चाहिए की अब रिश्ते में से दर्द -अहसास -अपनापन -कशिश -लिहाज खत्म हो चुका है ,अब रिश्ता बाकी है तो सिर्फ सामाजिक तौर पर, लेकिन अंदर से बिखर चुका है ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कल तक खामोश रहने वाली जुबानें -सिर झुका कर अदब -सलीके से बात करने वाले चेहरे जब रिश्तों -उम्र का लिहाज खो बैठें और बराबरी पर -जुबान दराजी पर आ जाएं तो या तो वहां से अलग हो जाना बेहतर है या गर कुछ कर्ज फर्ज अधूरे रह गए हैं तो उनको निभाने तक एकदम शांत और अपने आप को कहीं ओर मशगूल कर लेना लाजमी है ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब आप अपनों के बीच ही तन्हा महसूस करने लग जाएं ,जहाँ आपके दर्द -जज्बातों -ख़ामोशी -आंसुओं को भी सब बेफिक्र होकर हवा में उड़ाने लग जाएं तो बेहतर है की ख़ामोशी की चादर ओढ़ कर इस दर्द -जिल्लत को आपके खुद के पूर्व जन्मों के गलत कर्मों का दुष्परिणाम मान कर अपने जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगने एवं उसकी अरदास में लग जाएं ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लड़ना तो यहाँ हर कोई जानता है मगर ये सोच सोच का फ़र्क़ है ,किसी को हर बात में -हर हाल में अपने आपको सही साबित करने एवं आपको गलत ठहराने की जिद है तो कहीं संबंधों में लिहाज का पर्दा रखते हुए मुस्करा कर टाल देने का अदब है ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की इस जहाँ में केवल एक ही चीज चलती है ,सही कहा है कहने वाले ने की:- बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया ...आपका कुछ समय का गलत वक़्त आपके बीते हुए समस्त हसीं -अच्छे -यादगार पलों पर भारी पड़ जाता है ...सामने वाले को अब सिवाय कमियों के आपमें कुछ नजर नहीं आता -आप अब एक बोझ बन जाते हो ,एक जिन्दा चलती फिरती लाश ...जहाँ यकीन मानिये आपके इस दुनिया से रुखसत हो जाने के बाद भी कोई दुःख नहीं बल्कि सुकून ही होगा ...! "*क्या आप एक प्रश्न का उत्तर देंगें की सच को बोलना ज्यादा आसान है या सच को सुनना और स्वीकार करना ज्यादा कठिन है?? *" ना जाने क्यों आज किसी शायर का एक शेर याद आ रहा है की :- हमसे पता नहीं सच्ची या झूटी मोहब्बत करने वाले ... एक दिन सच में या दिखावे के लिए रोते ही रह जाएंगे ...🥲 क्यूंकि एक दिन जो हम सोयेंगे -फिर सोते ही रह जायेंगें .....🪔 🙏अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब अपने ही लोग स्वयं के निजी स्वार्थ
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक छठी कविता :- विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर जख्म को उसके कुरेद कर तू- मरहम की आस ना कर गुनाहों की बखशीश मांग -उससे रहम की फ़रियाद कर -1 तुझे पता है की तूने इम्तिहान में क्या लिखा है प्रश्न पत्र कठिन था -समय कम था -पढ़े हुए से बाहर का आया था ये दर्शा कर तू अपनों को नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है तुझे अच्छी तरह पता है परिणाम का -2 एक बात और ये कर्मफल केवल इस जन्म के नहीं ना जाने कितने जन्मों के संचित हैं इसलिए उस परमपिता से धन दौलत ऐश्वर्य नहीं सब जन्मों के जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांग -3 ये मत समझ की कोई देख नहीं रहा उस मालिक के सी सी टीवी कैमरे जमीन से आसमान तक अँधेरे से उजाले तक सूर्य से चंद्र तक सब देख रहे हैं -4 करोड़ों अरबों की भीड़ में भी तेरे दुष्कर्म या सत्क्रम तुझे ढून्ढ निकालेंगे ये कर्मफल वो बीज है जो या तो घनी छाँव देगा या देगा तपती धूप ना दे दोष उसको क्यूंकि ये हैं तेरे कर्मों का फल तेरा और केवल तेरा कर्मफल -कर्मफल -5 इसलिए लेना नहीं देना सीख इसलिए अकड़ना नहीं झुकना सीख इसलिए दान कर पुण्य कर सत्कर्म कर क्यूंकि इसी धरती पर है तेरे कर्मों का स्वर्गफल और नरकफल तेरा कर्मफल -कर्मफल -कर्मफल -6 Affirmations :- 1-मैं हर क्षेत्र में कामयाब हो रहा हूँ ... 2-मैं पूरे दिल से आज के दिन का स्वागत करता हूँ ... 3-मुझे आज जो कुछ भी करना है,उसके लिए मैंने अच्छे से सोच रखा है ... 4-मैं अपने जीवन का स्वामी हूँ ... 5-मैं हर काम ईमानदारी से करता हूँ ... 6-दुनिया की हर चीज़ मेरी सफलता के लिए काम कर रही है...! बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो स्वरचित स्वमौलिक विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक छठी कविता :- विषय
Vikas Sharma Shivaaya'
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ना जाने ये कैसी हवा है -ये कैसी लाइलाज बीमारी है की अपने हो या पराये बदलते जरूर हैं ,उनके इतने बदलते रंग देख कर कई बार सोचता हूँ की गिरगिट ज्यादा रंग बदलता है या इंसान ...? जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन हर माँ बाप जानते हैं -समझते हैं -देखते हैं की अक्सर औलाद के बड़े होते ही उनके रंग क्या होंगें -पर ये कैसा जीवन चक्र है जो सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है शायद इसी हसीं धोखे का नाम जिंदगी है ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की दुनिया कहाँ से कहाँ आ गई ,जहाँ मोबाइल का वास्तविक मतलब एक दुसरे के संपर्क में रहना था वहां कैमरे का दुरुपयोग , रिकॉर्डिंग और मैसेज के स्क्रीनशॉट ने विश्वास -अपनापन सब छीन लिया ,कब आपकी भावुकता भरी बात या किसी से नोंक झोंक की शिकायत नमक मिर्च लग कर चौराहे की खबर बन जाए -पता नहीं ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे चर्च में सजदा करने या गंगा में डुबकी से ऊपरी शरीर तो साफ़ हो सकता है पर मन मस्तिष्क ह्रदय में चल रही साजिशें -गलत विचार उनको साफ़ करने के लिए तो अपनी आतंरिक ब्रह्माण्ड की यात्रा ही करनी पड़ेगी ...और वहां अपने आप से ही सच्चे ह्रदय से सवाल जवाब करने होंगें ,जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांगनी होगी ...! Affirmations:- 16.एक दरवाज़ा बंद होता है तब दूसरा दरवाज़ा खुलता है..., 17.मैं परिर्वतन के लिए इच्छुक हूं..., 18.मै परिवर्तन के लिए और बढऩे के तैयार हूं..., 19.यह केवल एक सोच है तथा सोच को बदला जा सकता है..., 20.अब मैं अपना भविष्य बनाऊंगा...! बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 स्वरचित एवं स्वमौलिक आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ना जाने ये कैसी हवा है -ये कैसी लाइलाज बीमारी है की अपने हो या पराये बदलते जरूर हैं ,उनक
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर जख्म को उसके कुरेद कर तू- मरहम की आस ना कर गुनाहों की बखशीश मांग -उससे रहम की फ़रियाद कर -1 तुझे पता है की तूने इम्तिहान में क्या लिखा है प्रश्न पत्र कठिन था -समय कम था -पढ़े हुए से बाहर का आया था ये दर्शा कर तू अपनों को नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है तुझे अच्छी तरह पता है परिणाम का -2 एक बात और ये कर्मफल केवल इस जन्म के नहीं ना जाने कितने जन्मों के संचित हैं इसलिए उस परमपिता से धन दौलत ऐश्वर्य नहीं सब जन्मों के जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांग -3 ये मत समझ की कोई देख नहीं रहा उस मालिक के सी सी टीवी कैमरे जमीन से आसमान तक अँधेरे से उजाले तक सूर्य से चंद्र तक सब देख रहे हैं -4 करोड़ों अरबों की भीड़ में भी तेरे दुष्कर्म या सत्क्रम तुझे ढून्ढ निकालेंगे ये कर्मफल वो बीज है जो या तो घनी छाँव देगा या देगा तपती धूप ना दे दोष उसको क्यूंकि ये हैं तेरे कर्मों का फल तेरा और केवल तेरा कर्मफल -कर्मफल -5 इसलिए लेना नहीं देना सीख इसलिए अकड़ना नहीं झुकना सीख इसलिए दान कर पुण्य कर सत्कर्म कर क्यूंकि इसी धरती पर है तेरे कर्मों का स्वर्गफल और नरकफल तेरा कर्मफल -कर्मफल -कर्मफल -6 बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान https://youtu.be/RzvAfFYAQmc ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार दर्शा कर- नम्रता की आस ना कर जख्म को उसके कुरेद कर तू- मरहम की आस ना कर गुनाहों की बखशीश मांग -उससे रहम की फ़रियाद कर -1 तुझे पता है की तूने इम्तिहान में क्या लिखा है प्रश्न पत्र कठिन था -समय कम था -पढ़े हुए से बाहर का आया था ये दर्शा कर तू अपनों को नहीं अपने आपको धोखा दे रहा है तुझे अच्छी तरह पता है परिणाम का -2 एक बात और ये कर्मफल केवल इस जन्म के नहीं ना जाने कितने जन्मों के संचित हैं इसलिए उस परमपिता से धन दौलत ऐश्वर्य नहीं सब जन्मों के जाने अनजाने गुनाहों की बख्शीश मांग -3 ये मत समझ की कोई देख नहीं रहा उस मालिक के सी सी टीवी कैमरे जमीन से आसमान तक अँधेरे से उजाले तक सूर्य से चंद्र तक सब देख रहे हैं -4 करोड़ों अरबों की भीड़ में भी तेरे दुष्कर्म या सत्क्रम तुझे ढून्ढ निकालेंगे ये कर्मफल वो बीज है जो या तो घनी छाँव देगा या देगा तपती धूप ना दे दोष उसको क्यूंकि ये हैं तेरे कर्मों का फल तेरा और केवल तेरा कर्मफल -कर्मफल -5 इसलिए लेना नहीं देना सीख इसलिए अकड़ना नहीं झुकना सीख इसलिए दान कर पुण्य कर सत्कर्म कर क्यूंकि इसी धरती पर है तेरे कर्मों का स्वर्गफल और नरकफल तेरा कर्मफल -कर्मफल -कर्मफल -6 बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान https://youtu.be/RzvAfFYAQmc ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी सातवीं कविता विषय - "कर्मफल" कांटे बिछा कर तू -फूलों की आस ना कर अहंकार