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चलो मान लिया हमनें तुझे कुछ फ़र्ज़ निभाना था जिसने तुझे जन्म दिया उनका भी कर्ज़ चुकाना था पर क्या तुझे याद भी है वो रिश्ता जो तूने बनाया था ताउम्र साथ निभाने का वादा भी तूने ही फ़रमाया था किसी माँ के बेटे को भी तुमने ही तो उससे चुराया था जुल्फों तले गोद में सुलाकर अपना दीवाना उसे बनाया था तेरी छोटी सी खुशी के खातिर तेरे हर फैसले को वो अपनाया था तभी सारी दुनियां को पीछे छोड़ तेरा साथ निभाने को वो आया था उसके सीने पर जो हाँथ रख तूने उस दिल का क्या, जो तूने चुराया था उस दिल का क्या जो तूने चुराया था
Manoj Mahto
किस्मत की लकीरों से चुराया था जिसे, चंद लम्हों के लिए भी वो मेरा ना हुआ। ©Manoj Mahto किस्मत की लकीरों से चुराया था जिसे, चंद लम्हों के लिए भी वो मेरा ना हुआ। #Kismat #वक़्त
_Vishal_
आंखों को आंखों से कभी मिलाया था उसने... टूटे हुए ख्वाबों को सजाया था उसने... यूं अचानक क्या हुआ उन्हें +++++ये रब जाने+++++ कल पहली बार मुझे देखते हिं नज़रे चुराया था उसने.. 💔🌹विशाल🌹💔 नज़रे चुराया था उसने...💔💔💔 #MoonHiding Khushboo Gola Anupriya Das डॉ. अरुणा कृष्णप्रेम Tondak Sofia Gupta khubsurat
Parul Sharma
चुराया था तुमने मेरा दिल उम्रकैद मिली हमें पारुल शर्मा चुराया था तुमने मेरा दिल उम्रकैद मिली हमें पारुल शर्मा #NojotoHindi#Nojotoofficial#TST#NojotoTopicalHindiQuoteStatic#EmotionalHindiQuoteSta
Ayesha Aarya Singh
Altaf Husain
जलाने आए हैं जमानें ने. जो पुतले लंकेश रावण के। खुदी को राम कह बैठे. हरकते रावण से मिलते। बड़े ही क्रोध से कहते चुराया था वह सीता को। आज सीता को ही बेच डाले. खुदी को राम जो कहतें।। #NojotoQuote जलाने आए हैं जमानें ने जो पुतले लंकेश रावण के। खुदी को राम कह बैठे हरकते रावण से मिलते। बड़े ही क्रोध से कहते चुराया था वह सीता को। आज सीता
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
उसे तो जहाँ से चुराया था हमने । सुनो दिल की धड़कन बनाया था हमने ।। उसी के लिए घर बनाया था हमने । बड़े शौख से फिर सजाया था हमने ।। कभी भूलकर जो सताया है उसको । बडे प्यार से फिर मनाया था हमने ।। वहीं आज दिल को दुखाया है मेरे । लहू जिसकी खातिर बहाया था हमने ।। चले आ रहे हो हिमाकत मे उसकी । सुनो ऐब उसके छुपाया था हमने ।। करो अब दुआँ भी मिले हम दूबारा । जहाँ जिसकी खातिर भुलाया था हमने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उसे तो जहाँ से चुराया था हमने । सुनो दिल की धड़कन बनाया था हमने ।। उसी के लिए घर बनाया था हमने । बड़े शौख से फिर सजाया था हम
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
*उसे तो जहाँ से चुराया था हमने ।* *सुनो दिल की धड़कन बनाया था हमने ।।* *उसी के लिए घर बनाया था हमने ।* *बड़े शौख से फिर सजाया था हमने ।।* *कभी भूलकर जो सताया है उसको ।* *बडे प्यार से फिर मनाया था हमने ।।* *वहीं आज दिल को दुखाया है मेरे ।* *लहू जिसकी खातिर बहाया था हमने ।।* *चले आ रहे हो हिमाकत मे उसकी ।* *सुनो ऐब उसके छुपाया था हमने ।।* *करो अब दुआँ भी मिले हम दूबारा ।* *जहाँ जिसकी खातिर भुलाया था हमने ।।* *महेन्द्र सिंह प्रखर* ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *उसे तो जहाँ से चुराया था हमने ।* *सुनो दिल की धड़कन बनाया था हमने ।।* *उसी के लिए घर बनाया था हमने ।* *बड़े शौख से फिर सजाय
Shatakshi vaish