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बन्टी
आज सांझ होते ही, सुर ताल ध्वनि से गूंज उठा गगन, भारतीय एकता,अखंडता का, और भारतीय संस्कृति से संचार हुआ ऊर्जा का, धन्य है हम जो भारतीय धरा पर जन्म लिया, आज हम विजयी हुए अपने एकता पर, बारम्बार प्रणाम भारतीय संस्कृति को, आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद....। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 भारत एकता
Mohini Maurya
क्यों इबादत के नाम पर साजिशें कर रहे हो क्यों अपने ही सरजमीं पर गैरों के लिए अपनों से लड़ रहे हो खैरियत के लिए दुआ मांगते हैं वो और जो खैरियत की दवा देते हैं उन्हीं की तोहीन करते हैं वो इंसानियत से बड़ा कोई मजहब नहीं कहीं अस्पतालों में तो कहीं वर्दी पहने सड़कों पर शर्मिंदा हो रहा है वो खुदा तुम्हारा और ईश्वर पर भी हमारा क्यों मांग कर सबूत उन्हें और शर्मिंदा कर रहे हो वो तो गैर है चले जाएंगे पर हम एक ना हुए तो टुकड़ों में बिखर जाएंगे विविधता में एकता भारत की विशेषता जय हिंद ahuti maurya(mohini) विविधता में एकता भारत की विशेषता
Afroz Alam
मोहब्बत की सम्मा दिलों मे जलाना होगा नफ़रत के अँधेरे को यारो मिटाना होगा चाहते हो तुम तरक्की इस जहां मे अगर तो संप्रदायकता से पड़े तुम्हे, आना होगा सोए हैं जो गफ़ल़त कि नींद मे,जगाना होगा प्यार के बोल से, दिल रौशन बनाना होगा बाँटोगे अगर कुछ मीठे बोल यारो सबके दिलों मे तुम्हारा, ठिकाना होगा होंगे सब अपने,ना फिर कोई बेगाना होगा बस झूठे रशमों से दूर तुम्हें आना होगा होगा जब अपना-पन जग मे सारे सोचो, कितना सुंदर ये जमाना होगा हर गिला-शिकवा हमें, भुलाना होगा बस इनसानियत का साथ, निभाना होगा जो मोहब्बत का सबक दे सारे 'आलम' को ऐसा प्यारा हिन्दुस्तान हमें बनाना होगा। ☪✝☬ॐ卐 अफरोज़ अलाम एकता #भारत🇮🇳 की धरोहर है।
Pramod Kushwaha
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई! #अनेकता में एकता भारत की विशेषता
SARVENDRA SINGH
【अखण्ड भारत एकता गीत】 बार - बार हम गुलाम हुए हैं। सारे जहाँ में बदनाम हुए हैं।। हो न सके हम एक कभी भी, एकता बिन नाकाम हुए हैं।। कब्जा कोई कर न सका, फिर कैसे हम पराधीन हुए। आपस में ही लड़ - लड़ के, हम सनातनी धराहीन हुए।। हे सनातनी अब तो समझो, कैसे और रूपों बदले धाम हुए हैं।। अखण्ड भारत के अंगों को तुमने, जिस-जिस को है दान दिया। पूरे भारत को पाने का उन सभी ने, दिलो दिमाग में है ठान लिया।। जाति-पाति पे लड़वाते रहो इन्हें, दुश्मन लिए पैगाम हुए हैं।। गर अनुचर होना नहीं चाहते, तो धर्म को ही जाति बना लो। ऊँचा-नीचा कहना छोड़ो, सब को अपना भ्रात बना लो।। जाति से ऊँचा धर्म सिखाया, निषादराज के मित्र राम हुए हैं।। अब भी न तुम एक हुए तो, इस भारत को भी खो दोगे। एकताबिन कुछ कर न सकोगे, हाँ खड़े-खड़े बस रो दोगे।। जो रहे हैं सदा संगठित, ऊँचे उनके नाम हुए हैं।। सनातनी हैं सन्त समान, करो तुम इनका सम्मान। हम को चाहिए अंग हमारे, सुनो माँग रहा हिन्दुस्तान।। अमर वही हुआ है हिन्दू, जिसके अच्छे काम हुए हैं।। कह सर्वेन्द्र सुनो सनातनी, खण्ड-खण्ड को अखण्ड बना दो। एकता की है ज्योति जलाई मैंने, सब मिलकर इसे प्रचण्ड बना दो।। अखण्ड भारत मैं माँग रहा हूँ, बसे मेरे रोम-रोम में शहीदों के नाम हुए हैं। स्वर्ग से सुन्दर देश हमारा, हमको है ये प्राणों से प्यारा।। एक हैं हम बोले भारत सारा, मेरा है अखण्ड भारत की ओर इशारा।। डर उसी को लगेगा जो पहने मित्रों भेड़िया का चाम हुए हैं।। ©SARVENDRA SINGH #nightsky भारत एकता गीत