Find the Latest Status about हमारी बात पक्की हुई from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हमारी बात पक्की हुई.
Harsh Sharma
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
White समस्याओं का सामना करने से ही हमें हमारी क्षमताओं की परख होती है, इसलिए समस्याओं से डरे नहीं.... उनका निडरता से सामना करें।। ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). #GoodMorning #समस्याओं का सामना करने से ही हमें हमारी क्षमताओं की परख होती है, इसलिए समस्याओं से डरे नहीं.... उनका निडरता से सामना करें।।
Sacchuwrites
चल जिन्दगी एक नई शुरुआत करता हू तुझसे हार कर भी इकरार करता हू सफर ये जिंदगी एक कहानी हु क्यू तुझसे परेशान होके नाराज होजाउ में में माना तू सफर ये जिंदगी इम्तिहान बहोत लेती हे बता ये जिंदगी मेरी सबर के कितने इम्तिहान लेगी बोल मान लिया है नाराज हैं तू अपने आप से भी ये जिंदगी तेरे सवालों का भी तो कोई जवाब भी नही है ये जिंदगी तुझसे में क्यू इकरार करू ये क्यू मेरे इस मुस्किल घड़ी का इम्तिहान ले रहि हैं में वैसे हैं अपने आप से परेसान हूं किसलिए अगर इन राहों का फूल हू तो मुझे फूल ही रहने दो कांटे बनने पर मजबूर कर रहि हैं ये जिन्दगी..... —रविंद्र गुप्ता ©Ravindra Gupta दिल बात आपके साथ
Ranjit Kumar
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न । खाना सुत का अन्न तो , होना बिल्कुल सन्न ।।२ वृद्ध देख माँ बाप को , कर लो बचपन याद । ऐसे ही कल तुम चले , ऐसे होगे बाद ।।३ तीखे-तीखे बैन से , करो नहीं संवाद । छोड़े होते हाथ तो , होते तुम बरबाद ।।४ बच्चों पर अहसान क्या, आज किए माँ बाप । अपने-अपने कर्म का , करते पश्चाताप ।।५ मातु-पिता के मान में , कैसे ये संवाद । हुई कहीं तो चूक है , जो ऐसी औलाद ।।६ मातु-पिता के प्रेम का , न करना दुरुपयोग । उनके आज प्रताप से , सफल तुम्हारे जोग ।।७ हृदयघात कैसे हुआ , पूछे जाकर कौन । सुत के तीखे बैन से, मातु-पिता है मौन ।।८ खाना सुत का अन्न है , रहना होगा मौन । सब माया से हैं बँधें , पूछे हमको कौन ।।९ टोका-टाकी कम करो , आओ अब तुम होश । वृद्ध और लाचार हम , अधर रखो खामोश ।।१० अधर तुम्हारे देखकर , कब से थे हम मौन । भय से कुछ बोले नही , पूछ न लो तुम कौन ।।११ थर-थर थर-थर काँपते , अधर हमारे आज । कहना चाहूँ आपसे , दिल का अपने राज ।।१२ मातु-पिता के मान का , रखना सदा ख्याल । तुम ही उनकी आस हो , तुम ही उनके लाल ।।१३ २५/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- अनपढ़ ही वे ठीक थे , पढ़े लिखे बेकार । पड़कर माया जाल में , भूल गये व्यवहार ।।१ मातु-पिता में भय यही , हुआ आज उत्पन्न ।
Anjali Singhal